...और चुनाव से दूर हुई यशोधरा राजे सिंधिया!

शिवपुरी-गत दिवस प्रदेश कार्यालय द्वारा जारी की गई 155 संभाविता भाजपा प्रत्याशियों की सूची में शिवपुरी से ग्वालियर सांसद यशोधरा राजे सिंधिया के चुनाव लडऩे की संभावना जताई गई थी। हालंाकि इसकी विधिवत घोषणा तो नहीं हुई लेकिन देर-सबेर सबदूर चर्चा का विषय यह सूची बनी रही।
विश्वस्त सूत्रों पर यदि भरोसा किया जाए तो पता चला है कि शिवपुरी में भाजपा के स्थायीत्व और सर्वमान्य मानी जाने वाली यशोधरा राजे सिंधिया इस बार विधानसभा चुनाव में बिल्कुल भी दिलचस्पी नहीं रख रही और यही कारण है कि वे गुप्तावास में  चली गई है। 

बताया गया है कि इस दौरान ना केवल विधानसभा चुनाव संपन्न हो जाऐंगे बल्कि मतगणना के कुछ दिनों बाद तक भी यशोधरा शिवपुरी, ग्वालियर तो क्या प्रदेश और देश मे भी नजर नहीं आऐंगी। इस चर्चा के बाद भाजपाईयों के हौंसलें बुरी तरह पस्त होना तय है क्योंकि जिले की सभी विधानसभा सीटों पर खासा दखल व प्रभाव रखने वाली यशोधरा राजे सिंधिया के ना होने से उनके विरोधियों की तो बल्ले-बल्ले होगी, तो वहीं उनके समर्थक व समर्थित भाजपाई स्वयं को चुनाव में ना के बराबर समझने में भी देरी नहीं करेेंगें। 

चर्चा है कि ऐसे में यदि यशोधरा शिवपुरी जिले में नहीं रही तो संभव है कि मप्र चुनाव अभियान समिति कांग्रेस के प्रमुख ज्योतिरादित्य सिंधिया का पलड़ा भारी रहेगा और वह ना केवल शिवपुरी जिले में बल्कि संभाग में सर्वाधिक प्रत्याशियों को विजयश्री का वरण कराकर अपना शक्ति प्रदर्शन करेंगें। चर्चा है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया की साख पर कोई दाग ना लगे और कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियों की आशाओं पर खरे उतरे इसके लिए भी यशोधरा राजे सिंधिया के शुरू से ही चुनाव में ना होने की चर्चाऐं सबदूर थी। अब विश्वस्त सूत्रों से मिली खबर से भाजपाई सनाके में है और उन्हें अब कोई अन्य रास्ता नजर नहीं आ रहा। ऐसे में शिवपुरी की पांचों विधानसभा सीटों से ना केवल प्रत्याशी बल्कि आने वाले परिणाम भी चौंकाने वाले आऐंगें। यह संभावना जताई जा रही है।

नए दावेदारों की होगी बल्ले-बल्ले

खबरो पर यदि गौर किया जाए और यशोधरा राजे सिंधिया के शिवपुरी चुनाव से दूरी की बात सही हो जाए तो इसका सर्वाधिक फायदा भाजपा के नए दावेदरों को होगा। क्योंकि यह वही दावेदार है जो शुरू से ही यशोधरा के चुनाव लडऩे की इच्छा रखते है ऐसे में यह स्वयं चुनाव जीतेंगें या नहीं इस बात का इल्म तो इन्हें भी नहीं है लेकिन नए-दावेदारों की संख्या में इजाफा होना तय है। खबर है कि इस चर्चा के बाद कईओं ने आतिशबाजी चलाकर अपनी खुशियां मनाई है और वह अपनी दावेदारी को लेकर निश्चिंत भी हो गए है।