यशोधरा की असमर्थता मिलते ही टिकट पाने लगी होड़

राजू (ग्वाल) यादव/शिवपुरी। विधानसभा चुनाव की संभावित तिथि सामने आते ही चुनावी सरगर्मियां तेज हो गईं हैं। एक ओर जहां शिवपुरी विधानसभा से सबसे प्रमुखता से सामने आने वाले नाम यशोधरा राजे सिंधिया की असमर्थता जाहिर हुई तो वहीं अपनी अपनी जुगत में लगे पुराने दिग्गजों के साथ नए नए चेहरों ने भी अब खुलकर अपने नाम सामने रख दिए हैं।

यूं तो प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान द्वारा अपनी जन आशीर्वाद यात्रा में खुलकर मंच से यशोधरा राजे को प्रदेश की राजनीति में आने का न्यौता दिया था, और उनका नाम भी प्रमुखता से होने के कारण अपनी दौड़ में लगे उनके समर्थक अपनी जुबान पर बरबस ताला लगाए बैठे थे किन्तु सूत्रों की माने तो यशोधरा राजे सिंधिया से शिवपुरी विधानसभा से अपना नाम रखे जाने में असमर्थता जाहिर कर दी। बस होना क्या था, चुपचाप बैठे ये नेताजी खुलकर सामने का गए हैं और अपनी अपनी जुगत लगाने में प्रत्याशियों की दौड़ में शामिल होने लगे हैं।

शिवपुरी विधानसभा से कई पुराने दिग्गजों सहित जो नाम सामने खुलकर आए हैं उनमें वर्तमान विधायक माखन लाल राठौर, भाजयुमो के प्रदेश कार्यसमिति सदस्य कपिल जैन (पत्ते वाले), भाजपा चिकित्सा प्रकोष्ठ अध्यक्ष एवं विद्यादेवी हास्पिटल के संचालक डॉ. राजेन्द्र कुमार गुप्ता, नारियल वाले भरत अग्रवाल, युवा नेता धैर्यवर्धन शर्मा, अशोक खंडेलवाल सहित कई नए चेहरे उभरकर सामने आने लगे हैं।

क्षेत्रीय विधायक माखन लाल राठौर यूं तो स्थानीय जनता में अपनी कोई छाप नहीं छोड़ पाए हैं किन्तु वे अपने को इन सब में सबसे अच्छा आंक रहे हैं। भले ही श्री राठौर पांच साल तक लोगों को अपने आप को जनता का सेवक कहते रहे हैं किन्तु जनता को जिस प्रकार की अपेक्षा महाशय से थी, वे उसमें खरे नहीं उतरे हैं।

यशोधरा खेमे में भी उनका नाम स्पष्ट तौर पर नहीं आ रहा है। इनके साथ-साथ युवा टीम से भी भाजयुमो के प्रदेश कार्यसमिति सदस्य कपिल जैन (पत्ते वाले) भी टिकिट की लाईन में है आखिर हो भी क्यों ना, क्योंकि कृषि उपज मण्डी समिति के चुनावों में जिस तरह कपिल ने अपनी दम-खम पर ना केवल अध्यक्ष को मण्डी की कुर्सी दिलाई बल्कि उपाध्यक्ष में भी कपिल ने अपने समर्थक को विजयश्री दिलाकर मण्डी पर अपन वर्चस्व दिखाया इसके साथ-साथ युवाओं की टीम व भाजपा में भी वरिष्ठ नेताओं से इनकी अच्छी पैठ होने का फायदा भी इन्हें मिल सकता है।

भाजपा नेता अनुराग बहादुर अष्ठाना अपनी छवि को लोगों में भले ही बहुत अच्छी आंक रहे हैं किन्तु उनकी धर्मपत्नी रिशिका अष्ठाना का नगर पालिका अध्यक्षीय का कार्यकाल विवादों से घिरा ही रहा है।

फ्रेश प्रत्याशी के रूप में एकदम सामने उतर कर आए नए चेहरे विद्यादेवी हास्पिटल के संचालक डॉ. राजेन्द्र कुमार गुप्ता अब राजनीति में पूरी तरह से घुलने के लिए तैयार हो गए हैं। उन्होंने यशोधरा की नानुकरता के साथ ही अपनी चौसर बिछाना शुरू कर दी हैं। लोगों के लिए यह नाम एकदम उनके दिलोदिमाग से हटकर सामने आया है किन्तु उनके द्वारा पूरे मन मस्तिष्क में राजनीति में आने और अगला विधायक होने की ठान ली है।

केवल अपने आप को हर अवसरों पर बैनरों पोस्टरों के माध्यम से जनता तक पहुंचने वाले भरत अग्रवाल नारियल वाले तो यह कहने लगे हैं कि भाजपा की ओर से उनका टिकट फायनल ही हो गया है। भले ही एक पूरा खेमा उनका घुर विरोधी हो, किन्तु उनका मानना तो ऐसा है कि भाजपा से उन्हें ही टिकट मिलेगा और वे ही शिवपुरी के अगले विधायक हैं। नेताजी के ये मुंगेरी लाल के सपने कहा तक सच होते हैं ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा।

अपने आप को फेस बुक के माध्यम से चर्चाओं में लाने वाले युवा भाजपा नेता धैर्यवर्धन शर्मा विधायकी की इस दौड़ में अपने को पीछे नहीं छोड़ रहे हैं। धैर्यवर्धन शर्मा जहां अपने फेसबुक दोस्तों को बहला फुसला रहे हैं वहीं अपनी चिर परिचित शैली में युवाओं को लुभा रहे हैं।


नेताजी जनता बहुत समझदार है, उसके मन के अन्दर क्या है यह कोई नहीं समझ सकता। कदम तो आगे बढ़ा लिया है किन्तु चलना संभल संभलकर।