मौनी बाबा हत्याकाण्ड का पर्दाफाश, दो गिरफ्तार

शिवपुरी-पुलिस अधीक्षक डॉ.महेन्द्र सिंह सिकरवार एवं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक आलोक शुक्ला के नेतृत्व में इन दिनों होने वाली पुलिसिया कार्यवाहियों से कई अंधे कत्लों का पर्दाफाश किया जा रहा है। इनके साथ-साथ एसडीओपी संजय अग्रवाल की भी भूमिका को नकारा नहीं जा सकता।
मामला चाहे बदरवास में हुए बाबा के अंधे हत्याकाण्ड का हो अथवा सुरवाया में मिली टैक्सी ड्रायवर की लाश या फिर खनियाधाना में पुलिस गिरोह की जुआरियों के साथ संलिप्तता या बदरवास टीआई द्वारा पकड़ी गई शराब को ढाबे पर बेचने का मामला हर जगह पुलिस ने तत्परता से कार्यवाही की और आरोपियों को ना केवल सींखचों के पीछे पहुंचाया बल्कि इस मामले में दोषी पाए जाने वाले बदरवास टीआई को तो निलंबित तक कर दिया गया, वहीं खनियाधाना में एक-एक एएसआई व एसआई और दो सिपाईयों को लाईन अटैच कि या गया। रविवार को पुलिस कंट्रोल रूम में एसपी डॉ.सिकरवार ने एक और मामले का पर्दाफाश किया जिसमें इंदार में मिली बाबा की लाश के दो आरोपियों को पुलिस ने पकड़ा है और इनसे कुछ चोरियां भी उजागर हुई है।

जानकारी के अनुसार पुलिस अधीक्षक डॉ.महेन्द्र सिंह सिकरवार ने पुलिस कंट्रोल रूम में आयोजित पे्रसवार्ता में मौनी बाबा हत्याकाण्ड का खुलासा करते हुए बताया कि इंदार थाने के सेमरबाग आरम के बाबा हरिद्वार भारती की 31 मई 2013 की दरम्यिानी रात हत्या की सूचना जैसे ही दूसरे दिन मिली आसपास के क्षेत्र में सनसनी फैल गई थी। हत्या की सूचना बाबा के शिष्य नरेश रघुवंशी के द्वारा मोबाईल से थाना इंदार को सूचि किया गया जिस पर अप.कंं्र.64/13 धारा 302,201,34 भा.द.वि. का मामला पंजीबद्ध किया और मामले की विवेचना शुरू की। 

जिसमें जांच कर रहे एड.एसपी आलोक शुक्ला को जांच अधिकारी बनाया जिन्होनें घटनास्थल पर पहुंचकर मामले की बारीकी से जांच की और एसडीओपी कोलारस व्ही.के.छारी को साथ लेकर एफ.एस.एल.टीम के पुलिस फोटोग्राफर फिंगर प्रिंट एक्सपर्ट तथा पुलिस डॉग को भी घटनास्थल का मुआयना कराया। इसी दौरान गांव आम्हारा, रिनाय, सिमलेयाई तथा बाबा के आश्रम में आने-जाने वालों से पूछताछ की। जिसमें पता चला कि लगभग 15 दिन पहले आम्हारा गांव में यादव परिवार में शादी थी और बाबा के साथ इस दौरान एक युवक आया था जो बाबा के आश्रम पर भी गया था।

शिवपुरी से आए इस हलवाई के बारे में जानकारी जुटाई तो पता चला कि इसका नाम रामू उर्फ इक्का ढीमर नि.गौशाला निकला जिसे पुलिस हिरासत में लेकर सख्ती से पूछताछ की तो उसने सारा किस्सा उगल दिया और बाबा की हत्या करना स्वीकार किया। इस हत्या में उसके एक और साथी संतोष खंगार भी शामिल रहा जिसे पुलिस ने दोनों को शिवपुरी से गिरफ्तार कर लिया। इस मामले में 5 हजार रूपये का ईनाम घोषित था जो अब एफएसएल टीम व थाना इंदार के स्टाफ में ईनाम की राशि बांटी जाएगी।

तिजोरी पर थी नजर इसलिए कर दी हत्या

मौनी बाबा हरिद्वार भारती की हत्या करने वाले आरोपी बिल्कुल भी पुलिस के सामने नहीं सकुचाए और उन्होंने मीडिया के समक्ष कहा कि उनकी मौत आ गई थी इसलिए हत्या हो गई। यहंा आरोपियों का खुला बयान यह साबित करता है कि उन्हें उनके किए का बिल्कुल पछतावा नहीं था। हत्यारोपियों ने बताया कि उन्होनें मौनी बाबा की तिजोरी को देखा था और पास ही मंदिर निर्माण हो रहा था तब ऐसा लगा कि बाबा की तिजोरी रूपये पैसों से भरी होगी इसलिए उन्होंने तिजोरी में चोरी का प्रयास किया तो बाबा ने देख लिया जिससे मौके पर ही पहले डण्डे से प्रहार किया बाद में पत्थरों से सिर को कुचलकर कुऐं में फेंककर उसे पटिया से दबा दिया। पुलिस ने आरोपियों से हत्या में प्रयुक्त किए गए हथियार व डण्डा भी बरामद कर लिया है। बताया गया है कि हत्यारोपियों ने बाबा की मौत के बाद उनका मोबाईल और कैमरा भी लूट लिया था और हत्यारोपी जब अपने गांव पहुंचे तो मुखबिर की सूचना पर इनसे मोबाईल व कैमरा भी बरामद किया जिससे मामला पर्दाफाश करने में और आसानी हुई।

चोरी करना भी स्वीकारा

मौनी बाबा की हत्या करने वाले दोनों आरोपी संतोष खंगार व रामू ढीमर ने अंचल में कई जगह चोरियों की वारदात को भी अंजाम दिया। एसपी डॉ.सिकरवार ने बताया कि दोनों हत्यारोपिायों ने करैरा व लुकवासा में हुई चोरियां करना स्वीकार किया और इनके साथ और कौन लोग थे इस बारे में पूछताछ जारी है शीघ्र ही अन्य चोरियों का खुलासा होने की संभावना से भी इंकार नहीं किया जा सकता। इस हत्याकाण्ड को पर्दाफाश करने वाली पुलिस टीम में टीआई कोलारस अभयप्रताप सिंह परमार, थाना प्रभारी इंदार आसिफ मिर्जा बेग, सउनि रामेश्वर शर्मा तथा एडी टीम के उपनिरीक्षक बृजमोहन रावत, प्रअ असलम खान, सुरेश शर्मा, ऊदल सिंह गुर्जर, आरक्षक देवेन्द्र बरेलिया, आर.वासुदेव रावत तथा सायबर सेल के प्र.आर.प्रवीण द्विवेदी व आर.देवेन्द्र सेन की उल्लेखनीय भूमिका रही।