ग्रामीण क्षेत्रों में फूड इंस्पेक्टरों ने अन्नपूर्णा योजना को पहुंचाया गर्त में

शिवपुरी-यूं तो प्रदेश भर में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अन्नपूर्णा योजना लाकर हर गरीब की थाली में भोजन परोसने की शानदार व्यवस्था की है और इसके लिए उसे एक दिन मजदूरी के बदले पूरे महीने का राशन भी मिल रहा है। योजना जितनी अच्छी है उतना ही बुरा उसका हश्र देखने में भी आ रहा है।
इसकी मुख्य वजह है कि जिन कंट्रोलों से यह राशन बंटने पहुंचता है वहां क्षेत्र के फूड इंस्पेक्टर इस योजना को मटियामेट करने में लगे हुए है। बदरवास के ग्राम अमारा में तो सरेआम योजना के द्वारा मिलने वाले राशन को फूड इंस्पेक्टर बंटने नहीं दे रहा और मौके पर खड़े होकर अपने हिसाब से राशन वितरित कर रहा है जब ग्रामीणों ने इसका विरोध किया तो इस फूड इंस्पेक्टर ने ग्रामीणों को ही दुत्कार कर भगा दिया। यही हाल अन्य क्षेत्रों में भी है जहां बदरवास के तो लगभग आधा सैकड़ा गांवों में यही हाल बने रहने से ग्रामीणजन योजना से वंचित है। जिला प्रशासन को इस ओर सख्त ध्यान देकर संबंधित के विरूद्ध कार्यवाही की मांग ग्रामीणों ने की है।

जानकारी के मुताबिक बताया गया है कि इन दिनों बदरवास के ग्राम अमारा में तो सरेआम क्षेत्र के फूड इंस्पेक्टर अनिल श्रीवास्तव की इतना तानाशाही चल रही है कि वह स्वयं कंट्रोल की दुकान पर आकर राशन बंटने वाला रजिस्टर अपने हाथों में लेकर घर ले जाते है और जब मन करता है उसे वापस कंट्रोल पर भेज देते है। जब ऐसा करने पर पूछा गया तो पता चला कि वह जांच के लिए ले गए है जबकि असलियत यह है कि यहां कोई कार्यवाही नहीं बल्कि अपने कमीशन की व्यवस्था इन महोदय ने कर कंट्रोल संचालक पर ही दबाब बना डाला। 

ऐसे में यहां ग्रामीणों को मिलने वाला राशन फूड इंस्पेक्टर के खाते में जा रहा है जिससे वह राशन को बाजारों में बेचकर मुनाफा कमाने में लगे है और ग्रामीणजन कोस रहे है। बताया जाता है कि फूड इंस्पेक्टर अनिल श्रीवास्तव को यह संरक्षण और कोई नहीं बल्कि विभाग के खाद्य अधिकारी एस.एस.कुशवाह द्वारा दिया जा रहा है। ऐसे में खाद्य विभाग के अधिकारी और फूड इंस्पेक्टर दोनों मिलकर अन्नूपर्णा योजना को मटियामेट कर रहे है। 

यही हाल बदरवास के अन्य ग्रामों में भी देखने को मिल रहा है जिसमें ग्राम इमलावदी, बिनेका, पचावला, बेदमऊ, पगारा, सेसई, ऐजवारा, मझारी और गंगौरा सहित अन्य दर्जनों ग्राम शामिल है। ग्रामीणों ने यहां जिला प्रशासन से इस ओर शीघ्र औचक कार्यवाही कर मौके की वस्तुस्थिति को देखने की मांग की है ताकि दोषियों के विरूद्ध सख्त कार्यवाही की जा सके। अब देखना होगा कि इस ओर कलेक्टर क्या सख्त कदम उठाते है अथवा औचक निरीक्षण करने आते है जिसकी आस में ग्रामीणजन आस लगाए बैठे है।