महज 1600 रूपये का कर्जा न चुकाने के लिए की टेक्सी ड्रायवर की हत्या

शिवपुरी। सुरवाया थाना क्षेत्र के ग्राम पिपरौनियां में एक टेक्सी ड्रायवर नारायण की हत्या का पुलिस ने पर्दाफाश कर दिया है। हत्या के आरोप में पुलिस ने मामा और भांजे को गिरफ्तार कर लिया है। हत्यारोपियों ने पूछताछ में बताया कि 1600 रूपये उधारी के देने से बचने के लिए उन्होंने नारायण की सिर कुचलकर हत्या की।

विदित हो कि सुरवाया क्षेत्र के ग्राम पिपरौनिया के पास स्थित एक नाले में टेक्सी ड्रायवर नारायण का सिर कुचला शव मिला था और उसकी टेक्सी भी घटना स्थल पर ही रखी हुई थी और टेक्सी के पास शराब की बोतलें भी रखीं हुई थीं। जिसकी सूचना ग्राम करई के सचिव पुरूषोत्तम शर्मा ने पुलिस को दी थी। इस मामले में पुलिस ने छानबीन शुरू की तो पुलिस को जानकारी लगी कि मृतक नारायण ने एक ठेला चलाने वाले संतु पुत्र इलीश खां उम्र 45 वर्ष निवासी कुमार मोहल्ला कमलागंज को दो पानी के ड्रम 1600 रूपये में बेचे थे।

जिसके पैसे संतू ने मृतक नारायण को बाद में देने के लिए कहा, लेकिन महीनों बीत जाने के बाद भी संतू ने वह पैसे नहीं दिए। इसके बाद घटना के 20 से 25 दिन पहले मृतक नारायण अपने दो साथियों के साथ कमलागंज के आगे स्थित वन विभाग के कार्यालय के बाहर बैठा हुआ था। तभी संतू अपनी ठेला लेकर उधर से गुजर रहा था तो मृतक ने उसे रोक लिया और उससे रूपयों की मांग की तो संतू ने उससे कुछ समय मांगा, लेकिन मृतक ने उससे यह कहते हुए समय देने से इंकार कर दिया कि हर बार वह समय मांगकर टालमटोल करता है।

लेकिन इस बार वह उसे नहीं छोड़ेगा और मृतक ने उसकी मारपीट कर दी। मारपीट से क्षुब्ध होकर आरोपी संतू ने अपने मन में उसके  प्रति दुश्मनी पाल ली और उसने अपने भांजे जावर उर्फ जावेद पुत्र आसिक खां उम्र 29 वर्ष निवासी घोसीपुरा को यह घटनाक्रम बताया तो उसका भांजा आग बबूला हो उठा और दोनों ने मिलकर उसकी हत्या की साजिश रची। इसी बीच संतू ने गोङ्क्षवद जाटव नामक युवक को मारपीट की घटना के तीन-चार दिन बाद बीड़ी पिलाई और उसे बताया कि नारायण ने उसके साथ मारपीट की है।

इस कारण उसके भांजे जावर का खून खोल रहा है और वह उससे बदला लेने का मन बना चुका है। जिसे गोविंद ने गंभीरता से नहीं लिया और वह मामला वहीं शांत हो गया, लेकिन संतू और जावर के मन में नारायण कांटे के तरह चुभ रहा था और संतू ने पैसे न देने का भी मन बना लिया था। जिस कारण दोनों ने मिलकर उसे ठिकाने लगाने की योजना बना ली और 17 तारीख को शाम 7 बजे संतू मृतक नारायण से मिला और उसे कमलागंज में टेक्सी में शराब पिलाई। इसके बाद वह उसे खाना खिलाने का लालच दिया और उससे कहा कि उसका भांजा जावर उसके पैसे लेकर ग्वालियर बाईपास पर खड़ा हुआ है। उसकी बात सुनकर मृतक नारायण उसके साथ ग्वालियर बाईपास चल दिया और वहां ग्वालियर बाईपास से दूसरा हत्यारोपी जावर भी उसकी टेक्सी में सवार हो गया।            

दोनों ने मिलकर उससे कहा कि हाईवे पर किसी ढावे पर खाना खाएंगे और उसके बाद तुम्हारे पैसे भी दे देंगे। दोनों की चिकनी-चुपड़ी बातों में नारायण आ गया और उसके साथ वह झांसी रोड पर स्थित हाईवे पर पहुंच गए। वहीं संतू ने उसे पिपरौनियां गांव से पहले एक नाले पर टेक्सी रोकने के लिए कहा तो उसने टेक्सी रोक दी और तीनों ने मिलकर वहां शराब पी। उसके बाद आरोपी संतू ने नारायण के सिर में दो डंडे मार दिए। जिससे वह बेहोश होकर नाले में गिर गया। इसके बाद दोनों आरोपियों ने बड़े-बड़े पत्थर उठाकर उसके मुंह में दे मारे जिससे उसका सिर बुरी तरह कुचल गया और हत्या करने के बाद दोनों वहां से भाग निकले।

नारायण की हत्या की जानकारी गोविंद जाटव को लगी तो उसने संतू द्वारा कही बात मृतक नारायण के परिजनों को बताई तो परिजनों ने पुलिस को जानकारी दी। पुलिस ने जब गोविंद जाटव से पूछताछ की तो उसने सारा घटनाक्रम उसे सुना दिया। इसके बाद पुलिस को इस हत्या से संबंधित ङ्क्षबदू हाथ लग गया और पुलिस ने आरोपी संतू और जावर से पूछताछ की तो पहले उन्होंने न-नुकूर की, लेकिन बाद में पुलिस सख्ती को वह सहन नहीं कर पाए और उन्होंने अपना जुर्म कुबूल लिया और पूरा वृतांत पुलिस को सुना दिया।

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