शिवपुरी। शहर में इन दिनों यातायात व्यवस्था चारों खाने चित्त पड़ी हुई है और पूरा महकमा इन दिनों चालानी कार्रवाई में मशगूल बना हुआ है। बाजारों में ऑटो चालक और हाथ ठेलों के कारण दिनभर जाम की स्थिति बनी रहती है जिससे नागरिकों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। सड़कों पर अतिक्रमण का बोलबाला है। लेकिन शहर की बिगड़ती यातायात व्यवस्था से यातायात महकमा बेखबर बना हुआ है।
कोर्ट रोड, सदर बाजार और पुराना बस स्टेण्ड क्षेत्र में दिनभर जाम की स्थिति बनी रहती है। लोग अपना रास्ता बदलकर अन्य रास्तों से निकलना ही उचित समझते हैं। एक ओर जहां गुरूद्वारा चौराहे पर ट्रेफिक सिग्रल लगाए गए, लेकिन सिग्रलों का ठीक ढंग से क्रियान्वयन नहीं हो सका। क्योंकि यातायात विभाग के पास प्रशिक्षित यातायातकर्मी नहीं होने के कारण यह सुविधा लोगों को असुविधा लगने लगी।
पूरा शिवपुरी शहर मात्र 5 किमी ऐरिये में फैला हुआ है और इतना छोटा शहर होने के बावजूद भी यातायात विभाग शहर की यातायात व्यवस्था को सुचारू रूप से नहीं चला पा रहा। शिवपुरी का एकमात्र मुख्य बाजार कोर्ट रोड और सदर बाजार है। जहां आलम यह है कि दिनभर हाथठेले वाले और ऑटो चालक कहीं भी अपने वाहन और ठेलों को लगा देते हैं। जिससे जाम की भयाभय स्थिति निर्मित हो जाती है। इसके बावजूद भी ड्यूटी पर तैनात यातायातकर्मी यह जाम नहीं खुलवा पाते। जबकि अस्पताल चौराहा और माधव चौक चौराहे से यातायात विभाग ने वन वे भी बना रखा है, लेकिन वहां ऐसा लगता ही नहीं है कि यह वन वे क्षेत्र है, क्योंकि ऑटो, ठेले कहीं से भी आ-जाते हैं, लेकिन इसके बावजूद भी यातायात महकमा इन लोगों पर कोई कार्रवाई नहीं करता।
सिर्फ यह महकमा कुछ प्रमुख चौराहों पर खड़े होकर चालानी कार्रवाईयों में मशगूल रहता है और इस विभाग को शहर की यातायात व्यवस्था से कोई सरोकार न होकर सिर्फ चालानी कार्रवाई तक ही सीमित है। वहीं गुरूद्वारे चौराहे पर यातायात व्यवस्था को ठीक बनाए रखने की दृष्टि से ट्रेफिक सिग्रलों का उद्घाटन विधिवत् तरीके से पुलिस विभाग के आला अधिकारियों ने किया था और कुछ समय तक यह व्यवस्था ठीक-ठाक चली, लेकिन कभी बिजली तो कभी यातायातकर्मियों की कमी का रोना विभाग द्वारा रोया जाता रहा, लेकिन अभी कुछ समय पहले उत्सव हत्याकाण्ड के बाद इन सिग्रलों को हुड़दंगियों ने तोड़ दिया, लेकिन बाद में इन सिग्रलों को ठीक कर शुरू कर दिया गया।
लेकिन इसके बावजूद भी यातायात विभाग इन सिग्रलों का ठीक ढंग से संचालन नहीं कर पा रहे हैं, क्योंकि यातायात विभाग के पास प्रशिक्षित यातायातकर्मी न होने के कारण वह लोगों को समझा ही नहीं पाते और नागरिक ट्रेफिक सिग्रलों को तोड़कर बगैर किसी रोकटोक के आगे निकल जाते हैं। ऐसे में यातायत विभाग को अब ऐसे वाहनों पर भी पैनी नजर रखनी पड़ रही है जिनसे चालान के नाम पर वसूली हो सके।
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