एस.पी.साहब! कैसे व्यस्थित हो यातायात, मुंह फेरते ही दुकानदारों ने फिर जमाए कब्जे

शिवपुरी। शहर में यातायात को व्यवस्थित करने के लिए यंू तो पुलिस अधीक्षक महेन्द्र सिंह सिकरवार ने अपने शुरूआती कार्यवाहियों से लोगों में अतिक्रमण के खिलाफ ऐसा संदेश दिया कि शायद यह अतिक्रमण ना करें लेकिन यह क्या, इधर एसपी साहब गए और उधर उन्हीं अतिक्रमणकारियों ने फिर से अपना कब्जा जमा लिया।

अगर यही हाल रहा तो कैसे शिवपुरी के यातायात को सुधार पाऐंगें। एस.पी.साहब, कैसे व्यस्थित हो यातायात की आवाज फिर से बुलंद होने लगी है। हालांकि एसपी श्री सिकरवार ने प्रतिदिन 2 घंटे शाम के समय अतिक्रमण विरोधी मुहिम चलाने की बात कही है लेकिन यह कब तक कारगर साबित होगी, देखना होगा।

पुलिस महकमे द्वारा यातायात को सुचारू और सुगम बनाए जाने के लिए एसपी महेन्द्र सिंह सिकरवार के निर्देशन में विगत दिवस यातायात सुधार अभियान शुरू किया गया और पहले दिन पुलिस के इस रूप को देखकर दुकानदारों में हड़कंप मच गया, लेकिन पुलिस का वह रूप कल यातायात सुधारने के लिए निकलने के समय नहीं दिखा। पुलिसकर्मी इधर लोगों को समझाईश देते हुए आगे बढ़ते रहे और उधर पुलिसकर्मियों के मुंह फेरते ही दुकानदारों ने अपना सामान फिर से सड़कों पर रखना शुरू कर दिया और लावारिश वाहनों का भी रोड़ पर जमावड़ा लग गया। दूसरे दिन यह अभियान माधव चौक से प्राइवेट बस स्टेण्ड तक महज औपचारिक रूप से ही चलाया गया।

ढिलाई से पुलिस के दावे की खुली पोल

अभी दो दिन पहले एसपी महेन्द्र सिंह सिकरवार ने दावा किया था कि अब प्रतिदिन दो घंटे के लिए पुलिस सड़कों पर निकलेगी और अपनी सक्रियता जनता की नजरों में पेश करेगी, लेकिन दो दिन में ही इस दावे की पोल खुल गई। जहां दुकानदारों में पहले दिन डर देखा गया वहीं दूसरे दिन पुलिस का ढि़लमुल रवैया इस दावे को पूरा नहीं कर सका और स्थिति यह हो गई कि सड़कों पर अस्थाई रूप से अतिक्रमण करने वाले दुकानदारों को सिर्फ समझाईश देकर छोड़ दिया गया और पुलिस आगे बढ़ गई। कुछ देर तक तो दुकानदारों ने अपना सामान हटा लिया, लेकिन पुलिस के वहां जाते ही वह सामान फिर से सड़कों पर पसर गया।

सुबह से क्यों नहीं शुरू होती मुहिम

रात्रि के समय जब बाजार बंद होते हैं तब पुलिस अतिक्रामकों को हटाने के लिए पहुंचती है। जबकि सुबह से लेकर शाम तक दुकानदार अपना सामान बाहर रखे रहते हैं। जिससे यातायात अवरूद्ध होता है तब कोई भी पुलिसकर्मी वहां नहीं पहुंचता। जबकि दोपहर के समय यातायातकर्मी भी हर चौराहे पर तैनात रहते हैं। इससे यह सिद्ध होता है कि यह अभियान सिर्फ नए एसपी के आगमन के बाद शुरू हुआ और पुराने होने के बाद बंद हो जाएगा। जबकि श्री सिकरवार कहते हैं कि यह अभियान प्रतिदिन चलेगा, लेकिन शुरू में ही यह अभियान ध्वस्त होता नजर आ रहा है तो यह आगे कैसे चलेगा।

यह प्रश्र लोगों के जहन में उठ रहा है। अगर यह अभियान सुचारू रूप से दावे के अनुसार पुलिस विभाग को चलाना है तो अतिक्रामकों और सड़कों पर बेतरतीब खड़े वाहन मालिकों के विरूद्ध सख्ती से पेश आना होगा और दोषियों पर कार्रवाई भी की जाए तो यह अभियान सुचारू रूप से आगे बढ़ सकता है नहीं तो समय से पहले ही अभियान को असफलता ही प्राप्त होगी।

फुटपाथों पर कब्जे क्यों नहीं नजर आए

यातायात व्यवस्थित करने के लिए पुलिसकर्मियों ने मुहिम अवश्य छेड़ी है, लेकिन उन्होंने शायद होमवर्क नहीं किया। यदि होमवर्क किया होता तो उन्हें समझ में आता कि माधव चौक  से पुराने बस स्टेण्ड तक यातायात इसलिए बिगड़ा हुआ है, क्योंकि दुकानदारों ने फुटपाथों पर कब्जे कर रखे हैं, इससे सड़कों पर अनावश्यक बोझ बढ़ रहा है और यातायात अव्यवस्थित हो रहा है।