सिंध पर रेतमाफिया का कब्जा, मौत के बजाए रिश्वत लेना बेहतर समझते हैं अधिकारी

राजू (ग्वाल)यादव/ शिवपुरी। शिवपुरी जिले के करैरा और अमोला के पास से सिंध नदी के किनारे से रेत का अवैध उत्खनन जोरों पर किया जा रहा है। सिंध नदी के किनारे से माफिया ट्रेक्टर-ट्रॉली और डम्फरों से रेत का खनन करके ला रहे है। इस पूरे खेल में भाजपा और कांग्रेस के कुछ राजनेताओं का संरक्षण है जिसके कारण रेत माफिया बड़े पैमाने पर सिंध नदी के किनारे से रेत का अवैध परिवहन कर रहे है। पूरा खेल वन विभाग और राजस्व विभाग की मदद से चल रहा है। सिंध के किनारे से जो रेत अवैध रूप से परिवहन करके लाई जा रही है वह शिवपुरी और करैरा के रेत बाजार में खपाई जा रही है।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार करैरा, अमोला के नजदीक से गुजरने वाली सिंध नदी से अवैध रूप से रेत का खनन किया जाकर इसे माफिया बाजार में खपा रहे है। बताया जाता है कि सिंध नदी का एक बड़ा हिस्सा माफिया द्वारा अवैध रेत खनन से प्रदूषित कर दिया गया है। पर्यावरण को क्षति पहुंचाकर यह रेत माफिया बड़े पैमाने पर ट्रेक्टर-ट्रॉली और डम्फरों से रेत ला रहे है जिसे बाजार में खपाया जा रहा है। सूत्र बताते हैं कि जंगल के अंदर कई ठिकाने सिंध नदी के किनारे इन रेत माफियाओं ने बना लिए है यहां से रेत डम्प करके खपाई जा रही है। माफियाओं द्वारा नदी का एक सिरा रोककर अवैध रूप से रेत परिवहन किया जा रहा है। प्रतिदिन कई वाहन रेत यहां से उत्खनित करके बाजार में खपाई जा रही है।

वन और राजस्व विभाग के अधिकारी मौन

सिंध के किनारे से पर्यावरण को क्षति पहुंचाकर रेत माफिया अवैध रूप से ट्रेक्टर-ट्रॉली और डम्फरों से रेत का जो अवैध परिवहन कर रहे है उसमें वन और राजस्व विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत है। सिंध नदी के किनारे से अवैध रूप से रेत का परिवहन  कैसे हो रहा है इस बारे में वन विभाग को कार्यवाही करनी चाहिए मगर वन विभाग के अधिकारी अपनी हिस्सेदारी के कारण चुप्पी साधकर बैठे है। माईनिंग विभाग द्वारा जिन स्थानों पर रेत की खदानों की नीलामी की है वहां पर रेत है नहीं लेकिन रेत माफिया दूसरे स्थान से नदी के किनारे से रेत उत्खनित करके लाते है जो पर्यावरण के लिए नुकसानदायक है। इसके अलावा राजस्व विभाग के अधिकारी भी इस मामले में कोई कार्यवाही नहीं करते है।

करोड़ों का खेल है

सिंध के किनारे से रेत का जो अवैध परिवहन चल रहा है इसका कारोबार करोड़ों में है। इस खेल में भाजपा क कई दिग्गज शामिल है जिन्होंने साईलेन्ट पार्टनरशिप करके इस अवैध खनन को बढ़ावा दिया है। सूत्र बताते है कि माईनिंग विभाग से इन राजनेताओं ने मिलीभगत करके सिंध नदी के किनारे से ऐसी खदानें लीज पर ली है जिन पर रेत नहीं है मगर इस लीज के नाम पर सघन वन क्षेत्र में सिंध के नदी के किनारे से अवैध खनन रेत का होता है। वहां से डम्फर और ट्रकों के जरिए माल बाजार में लाया जाता है। जिसे ऊंचे दामों पर खपाया जाता है। शिवपुरी और करैरा के मार्केट में ही करीब 200 वाहन प्रतिदिन रेत आ रही है। शिवपुरी के जाधव सागर पर लगने वाले ट्रेक्टर ट्रॉली, ट्रक और डम्फर में जो रेता भरकर आ रही है उसमें से अधिकांश माल सिंध नदी के किनारे से उत्खनित करके लाया जा रहा है।