छंट गए संकट के बादल, 58 करोड़ के सीवर प्रोजेक्ट के

शिवपुरी। शिवपुरी-गुना के लोकप्रिय सांसद एवं भारत सरकार के केन्द्रीय ऊर्जा मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने चुनाव क्षेत्र के लिए अथक प्रयास कर सन् 2005 में शिवपुरी को सीवर प्रोजेक्ट के रूप में सौगात दी थी। अब इस योजना से संकट के बादल छंट गए है। आज सोमवार को पीएचई ऑफिस द्वारा इस योजना के टेण्डर सायं 5:30 बजे खोले जावेंगें। वर्तमान में इस योजना की लागत 58 करोड़ हो चुकी है। 

शहर की डेढ़ लाख से अधिक आबादी को सीवेज की समस्या से निदान दिलाने के लिए केन्द्र सरकार ने वर्ष 2005 में सीवर लाईन प्रोजेक्ट को मंजूर किया था लेकिन मप्र सरकार व स्थानीय जनप्रतिनिधियों की निष्क्रियता के चलते इस प्रोजेक्ट की राशि लैप्स हो चुकी थी परन्तु स्थानीय कांग्रेस नेताओं के ज्योतिरादित्य सिंधिया से पुन: निवेदन करने से इस प्रोजेक्ट को पुन: हरी झण्डी केन्द्र सरकार ने दी थी। अब इस प्रोजेक्ट में 48 करोड़ रूपये केन्द्र सरकार देगी व 18 करोड़ रूपये मप्र सरकार मुहैया कराएगी। 

शहर भर में स्टेट काल में बिछाई गई पुरानी सीवर लाईन जगह-जगह से टूटकर पूरी तरह बेकार हो चुकी है। शहर में पुरानी व जर्जर हो चुकी सीवर लाईन का पाइप से जुड़ाव न होने के कारण सीवेज का ओवरफ्लो होता है और गंदगी सड़कों पर फैल रही है। ऐसे में शहर की सड़कों व कई मार्गों पर सीवेज लाइन से निकलकर जमा हुई गंदगी राह चलते लोगों के लिए खासी मुसीबत बन रही है। 

शिवपुरी नगर में 58 करोड़ रूपये की लागत के सीवर प्रोजेक्ट के निर्माण के तहत सड़कों को खोदकर मुख्य लाईन व ब्रांच लाईन को मुख्य लाईन से जोडऩे के साथ ही घसारई पर एक ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण किया जाएगा, जहां सीवर की गंदगी को ट्रीटमेंट प्लांट तक पहुंचाया जाएगा। वहीं इस ट्रीटमेंट प्लांट पर मशीनों के जरिए बेस्ट मटेरियल को अलग कर धोबीघाट के लिए पानी की निकासी की जाएगी। 

पीएचई विभाग ने प्रोजेक्ट की टेण्डर प्रक्रिया का कार्य पूर्ण कर लिया है। आज सोमवार की शाम 5:30 बजे टेण्डर खोले जाऐंगें। यह प्रक्रिया होते ही यह काम जून या जुलाई के प्रथम सप्ताह में शुरू कर लिया जाएगा।