PED मैकेनिक ने दी आत्महत्या की धमकी

शिवपुरी-जिले के पिछोर क्षेत्र में लोक निर्माण विभाग(पीडब्ल्यूडी) में मैकेनिक हैल्पद के पद पर पदस्थ कर्मचारी ने अपनी समस्याओं के निराकरण ना होने, पिता की मौत को हत्या में तब्दील कर संबंधित दोषी अधिकारी पर कार्यवाही करने और शासकीय सेवा में लगतार परेशान होकर इधर-उधर भटकने सहित वर्तमान में तीन माह से वेतन ना मिलने के कारण त्रस्त इस कर्मचारी ने संबंधित पीडब्ल्यूडी विभग मुख्यमंत्री के नाम आत्महत्या करने की धमकी भर पत्र लिखा और इसे सूचना देकर शासन एवं प्रशासन से उसे आत्महत्या करने से ना रोके जाने की बात कही है। यह कर्मचारी आगामी 22 मार्च को जिलाधीश कार्यालय के सामने आत्महत्या करेगा। 

पिछोर में पीडब्ल्यूडी में मैकेनिक हैल्पर के रूप में पदस्थ कर्मचारी राजेश ओझा हाल निवासी फतेहपुर कोठी नं.28 शिवपुरी ने अपनी आत्महत्य करने के संबंध में प्रदेश के राज्यपाल, देश के प्रधानमंत्री सहित अब मुख्यमंत्री के नाम भी आत्महत्या करने की धमकी भरा पत्र लिखा है।

इस हैल्पर राजेश ओझा ने अपने पिता स्व.वंशी लाल ओझा की मौत को लेकर भी पीडब्ल्यूडी विद्युत यांत्रिकी में पदस्थ शेष करण सिंह चौहान पर हत्या का आरोप लगाया और बताया कि उसके पिता के वेतन का एक छोटा सा हिस्सा विभाग के अधिकारी शेषकरण सिंह चौहान के पास जमा होता था एक दिन जब मेरे पिता स्व.वंशी को पैसों की आवश्यकता हुई तो बताया कि मेरे पिता के श्री चौहान पर 60 हजार रूपये जमा हो गए लेकिन वह उन्हें देने में आना-कानी करते रहे इसी बीच मेरे पिता कार्यशाला में एक पत्थर की बनी ब्र्रेंच पर लेटे थे और दिन के करीब 3-4 बजे चौहान आए और आते से मेरे पिता को पत्थर की ब्रेंच पर कमर में लात मारते हुए नीचे गिरा दिया और लात-घूसों से बुरी तरह पीटा और अपने कर्मचारियों अफसर खान व नवी अय्युफ खान हैल्पर से घर छोडऩे को कहा जिस पर ट्रक क्रमांक एम.पी.जेड 9638 में डालकर मेरे पिता को छोड़ कर चले गए और कुछ समय बाद उनका निधन हो गया इसके बाद मेरी मांॅ को आए दिन परेशान करने लगे जिससे मॉं की मानसिक हालत बिगड़ी तो वे भी स्वर्गवासी हो गए।

अब प्रार्थी राजेश ओझा की पत्नि को परेशान किया जाने लगा जिस पर राजेश ने शेष करण सिंह चौहान व उसके लड़के और साले इन तीनों के खिलाफ कोतवाली में धारा 451,294,506बी,34 के तहत मामला दर्ज करा दिया। लेकिन दबाब में मुझसे लिखिम में माफी मांगकर समझौता भी कर लिया उसके बाद पिता के स्थान पर राजेश नौकरी करने लगा। 1994 में राजेश को मिली अनुकंपा नियुक्ति के बाद शेषकरण द्वारा उसके पिता को मारे जाने की जानकारी लगी लेकिन कोई सबूत ना हो पाने के कारण वह चुप रहा। इसी बीच शेषकरण को पता चला गया कि मुझे(राजेश)को पिता की मौत की असलियत पता चल गई तो आत्महत्या करने की धमकी के कारण जेल भेज दिया जहां धारा 309 एवं धारा 25 बी आम्र्स एक्ट के तहत केश न्यायालय में चला जिस पर 27 जनवरी 2005 को मुझे दोष मुक्त कर दिया गया।

इस दौरान जेल जाने के कारण राजेश का निलंबन हो गया लेकिन फैसला पक्ष में आने पर उसकी बहाली हो गई और 25 जून 2005 से पुन: पिछोर में ड्यूटी पर पदस्थ हो गया। यहां 1 जुलाई 2005 से 2009 तक एसडीओ साहब के अधीन रहा और 2010 में उपयंत्री आर.एस.मौर्य ने अपने अधीन कार्य करने के एवज में हर माह 1 हजार रूपये की मांग राजेश से की लेकिन राजेश ने ऐसा करने से मना कर दिया तो उसे 22 जनवरी 2010 से 22 दिसंबर 2010 तक उपस्थिति रजिस्तर पर हस्ताक्षर नहीं करने दिए। इस बीच जिलाधीश के आदेश क्रं.459/स्थ.दिनांक 16.2.2011 से 11.7.2011 तक रीडिवलपमेन्ट के तहत एक वर्ष की अवधि हेतुजिला चिकित्सलालय में शासकीय कार्य पर पदस्थ किया यहां राजेश 25 जुलाई 2011 को अपने कर्तव्य पर पदस्थ तो हुआ पर उपस्थिति रजिस्टर चालू नहीं किया गया।

ऐेसे में सिविल सर्जन व आर.एम.ओ.से भी कहा लेकिन कोई निराकरण नहीं हुआ। इसके बाद दो दिन की अनुपस्थिति सिविल सर्जन ने लगाई तो उसका कारण भी नहीं बताया इस संबंध में सीएमएचओ व जनसुनवाई में शिकायत की लेकिन वहां भी कोई सुनवाई नहीं हुई। ऐसे में शेषकरण् सिंह चौहान एवं विभागीय अधिकारी एसडीओ.ई./एम.शिवपुरी, एसडीओ बी/आर.पिछोर एवं कार्यपालन यंत्री लो.नि.वि.संभाग शिवपुरी और जिला चिकित्सालय द्वारा हुए अत्याचार के संबंध में प्रार्थी राजेश ओझा ने म.प्र.उच्च न्यायालय में रिटी पिटीशन दायर है जो विचाराधीन है ऐसे में अपनी इन्हीं समस्याओं से परेशान होकर राजेश ओझा ने अब आत्महत्या करने का मन बनाया और इस संबंध में लिखित रूप से प्रधानमंत्री,राज्यपाल और मुख्यमंत्र को पत्र भेजकर आत्महत्या करने की धमकी दी है और आगामी 22 मार्च को वह जिलाधीश कार्यालय के सामने आत्महत्या करेगा।