विपक्ष की भूमिका निभाने में अक्षम साबित हो रही कांग्रेस

शिवपुरी-देखा जाए तो कांग्रेस पार्टी विपक्ष में बैठक सही रूप से विपक्ष की ही भूमिका नहीं निभा पा रहे। यही कारण है कि आज जनजीवन की विभिन्न समस्याओं और जिले के पिछड़ेपन को दूर करने में कांग्रेसियों की कोई रूचि नहीं। संगठन में कमी को लेकर यह हालात यहां उत्पन्न हुए है।

इसलिए कांग्रेस को चाहिए कि अभी विधानसभा चुनाव से पहले अपनी स्थिति का आंकलन करें और जनहित के मुद्दों को लेकर अपनी पकड़ मजबूत करें लेकिन फिलवक्त ऐसा कुछ होता नजर नहीं आ रहा है परन्तु यह देखने काबिलहोगा कि जनमानस के बीच कांग्रेस अपनी क्या पैठ बनाती है? वैसे तो पिछले विधानसभा चुनाव में शिवपुरी जिले की पांच विधानसभा सीटों में से चार पर कांग्रेस को पराजय मिली थी और महज पिछोर में कांग्रेस प्रत्याशी केपी सिंह विजयी रहे थे, लेकिन उनकी जीत में भी सिर्फ उनका और उनका ही योगदान था। 

इस दुर्दशा के बावजूद भी जिले में कांग्रेस सबक लेने को तत्पर दिखाई नहीं देती। एक सक्षम विपक्षी दल के रूप में कांग्रेस और उसके सभी सहयोगी संगठन अपनी भूमिका नहीं निभा पा रहे। यही कारण है कि जिले में अफरा-तफरी का माहौल है। भ्रष्टाचार से जनजीवन त्रस्त है। बिजली कटौती ने सारी सीमाएं तोड़ दी हैं। राशन की खुलकर कालाबाजारी हो रही है और जिले में सरकारी खजाने की लूट का ताण्डव नृत्य जारी है, जनजीवन त्रस्त है, लेकिन इसकी सुध लेने की कांगे्रस को परवाह नहीं है। कुछ कांग्रेस पदाधिकारियों पर आरोप लग रहे हैं कि उनकी भाजपा के जनप्रतिनिधियों से सांठ-गांठ है और भ्रष्टाचार में उनके भी हाथ गीले हो रहे हैं। भाजपा के प्रति जो जन आक्रोश पनप रहा है उसे कैश कराने की भी कांग्रेस को परवाह नहीं है। 

सबसे पहले जिले के हालातों पर चर्चा कर लेते हैं। इस समय पूरे जिले में अपराधों की बाढ़ आई हुई है। पुलिसकर्मियों पर भ्रष्टाचार के आरोप लग रहे हैं। इससे बढ़कर प्रमाण क्या होगा कि भाजपा के जिपं अध्यक्ष जितेन्द्र जैन ने एक थाने में पहुंचकर पुलिसकर्मियों से जनता द्वारा बसूली गई हजारों रूपये की अवैध राशि को वापिस दिलाया। राशन की पूरे जिले में जमकर काला बाजारी हो रही है और भाजपा के जनप्रतिनिधि खुलेआम गरीब जनता के  राशन की लूट में शामिल हैं। 

पांचों विधानसभा क्षेत्रों में राशन की लूट जारी है। इस सच्चाई को शिवपुरी जिले का एक-एक बच्चा जानता है। नरवर में भाजपा नेता ने ही भाजपा नेता के खिलाफ लोकायुक्त में भ्रष्टाचार का मामला दर्ज कराया है। सरकारी दफ्तरों में बिना पैसे लिए कोई काम नहीं हो रहे। नगरपालिका की दुर्दशा से कौन बाफिक नहीं है, लेकिन वहां की अव्यवस्थाओं को उजागर करने में भी कांग्रेसी पार्षदों को दिलचस्पी नहीं है। कांग्रेसी पार्षदों पर नपा प्रशासन से मिलीभगत के आरोप लग रहे हैं। बिजली कटौती ने सारी सीमाएं तोड़ दी हैं। लेकिन कांग्रेस और कांग्रेसी गायब हैं। कहीं भी जनता की आवाज बुलंद करने कांग्रेस सामने नहीं आ रही। 

अतिक्रमण विरोधी अभियान में हुए पक्षपात को भी कांग्रेस कठघरे में नहीं खड़ा कर पाई। कांग्रेस के पदाधिकारी और कर्ताधर्ता एक-दूसरे की टांग खिंचाई में लगे हैं। उनके लिए भाजपाईयों से अधिक अपने ही साथी दुश्मन है। जिला कांग्रेस अध्यक्ष रामसिंह यादव बाईपास सर्जरी के कारण उतनी तत्परता से कार्य नहीं कर पा रहे हैं। महीनों से कांग्रेस का कोई आंदोलन नहीं हुआ। अव्यवस्थाओं, गड़बडिय़ों और भ्रष्टाचार के खिलाफ कांग्रेसियों की आवाज नहीं गूंजी। यही हाल कांग्रेस के सभी सहयोगी संगठनों का है। कभी-कभी युवक कांग्रेस अवश्य लोकसभा अध्यक्ष योगेन्द्र रघुवंशी के नेतृत्व में नजर आ जाती है। लेकिन इसके अलावा अन्य संगठन क्या कर रहे हैं किसी को पता नहीं है। कुल मिलाकर जिले में कांग्रेस अपनी लय खो चुकी है और उसमें भाजपा सरकार को हटाने का जज्बा नजर नहीं आता है।