नारी सम्मान से घर देवालय बनता है : श्री सक्सैना


शिवपुरी-घर,परिवार और समाज का नाम रोशन करती है बेटियां, हर आंगन में खुशी के पल बिखेरती हैं बेटियां, फिर आज क्यों यह मानसिकता बदल गई है कि बेटियों पर ही अत्याचार हो रहे है, दिल्ली गैंगरेप की घटना ने आज पूरे देश को हिलाकर रख दिया है यहां अब बेटियों की सुरक्षा को लेकर कई सवाल खड़े हो गए, स्वतंत्र भारत में बेटियां अपनी स्वतंत्रता के साथ नहीं जी पा रही जबकि नारी सम्मान से तो घर देवालय बनता है इसलिए इनकी सुरक्षा के प्रति हमारी जिम्मेदारी है नैतिक शिक्षा पर जोर देना होगा, शराब की दुकानों पर प्रतिबंध लगाऐं और सांस्कृतिक मूल्यों की रक्षा के माध्यम से हम नारी सम्मान की रक्षा कर सकते है।



नारी सम्मान पर यह उद्बोधन दे रहे थे इंजीनियर अवधेश सक्सैना जो स्थानीय यूनाईटेड पब्लिक स्कूल इंदिरा नगर में आयोजित संगोष्ठी में अपने विचार प्रकट कर रहे थे। इस अवसर पर अन्य वक्ताओं ने भी अपने विचार रखे।


प्रेमधाम शिवपुरी पर आयोजित कार्यक्रम में  नारी सम्मान, मॉं, बहिन और बेटियों की सुरक्षा एवं सामाजिक दृष्टिकोण में बदलाव विषय पर नगर के बुद्धीजीवी वर्ग ने संगोष्ठी में बहुमूल्य सुझाव दिए। आदित्य शिवपुरी द्वारा किये गये संचालन में वक्ताओं ने उपयोगी विचार प्रकट किये। दिनेश वशिष्ठ ने मनु स्मृति और भारतीय संस्कृति पर आधारित अनुशासन एवं मर्यादा पालन की बात कही। मनोज गौतम ने अपने आपको सुधारने की बात कही और महिलाओं के विरूद्ध गलत काम करने वालों का बहिष्कार करने का सुझाव दिया। अभिनंदन जैन ने अपनी सोच बदलने, अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने और हर महिला का सम्मान करने की बात कही। कुं.दीपा कृष्णानी ने अभिभावकों के बच्चों के प्रति व्यवहार में सुधार और लड़कियों की सुरक्षा के लिए तत्पर रहने के लिए कहा। विनय राहुरीकर ने सतर्क रहने और आसपड़ौस में अंजान व संदिग्ध व्यक्तियों की आवाजाही पर नजर रखने और पूछताछ करने पर जोर दिया। 

एम.पी.पाण्डेय ने भी मोहल्ला समितियों के माध्यम से इस प्रकार की घटनाओं पर नजर रखने और सहयोग के लिए तैयार रहने का सुझाव दिया। अरूण अपेक्षित ने सामाजिक दृष्टिकोण में बदलाव के माध्यम से महिलाओं की अस्मिता की रक्षा के उपाय बताये। संतोष धाकड़ एवं ओमप्रकाश धाकड़ ने भी पालकों का बच्चों से व्यवहार और स्त्रियों का सम्मान करने की बात कही। अवधेश सक्सैना ने शराब की दुकानों पर प्रतिबंध, नैतिक शिक्षा पर जोर और सांस्कृतिक मूल्यों की रक्षा के माध्यम से नारियों का सम्मान करने की बात कही। उन्होंने इन लाइनों के साथ कार्यक्रम में पधारे नागरिकों का आभार प्रकट किया।
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