डॉक्टरों की ड्यूटी विवाद गहराया, शिशुओं की जान सांसत में

राजू (ग्वाल) यादव/ शिवपुरी/ शिवपुरी के जिला चिकित्सालय में करीब 4 वर्ष पहले खोले गए नवजात शिशु गहन चिकित्सा इकाई(एस.एन.सी.यू.) की व्यवस्थाऐं भगवान भरोसे चल रही है। इस एनएनसीयू में भोपाल से पदस्थ किए गए तीन शिशु रोग चिकित्सकों की ड्यूटी इन दिनों ट्रॉमा सेन्टर में लगाई जा रही है।

मनमाफिक अंदाज में जिला चिकित्सालय प्रबंधन द्वारा एसएनसीयू के चिकित्सकों की ड्यूटी ट्रामा सेन्टर में लगा दी गई है। जिससे इस केन्द्र की व्यवस्थाऐं बिगड़ गई है। बताया जाता है कि पिछले डेढ़ महीने से एसएनसीयू के डॉक्टरों को ट्रामा सेन्टर में आकस्मिक ड्यूटी पर लगाया जा रहा है।

एसएनसीयू के चिकित्सकों की ड्यूटी ट्रॉमा सेन्टर में लगाए जाने के बाद इस इकाई की व्यवस्थाऐं बिगड़ गई है और इस इकाई में भर्ती होने वाले नवजात बच्चों की वह देखरेख नहीं हो पा रही है जो होनी चाहिए। शिवपुरी में यूनिसेफ के मार्गदर्शन में राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के तहत जिला चिकित्सालय में इस नवजात शिशु गहन चिकित्सा इकाई की स्थापना की गई थी। 

इस इकाई में भर्ती होने वाले बच्चों के लिए भोपाल से विशेष ट्रेनिंग हासिल किए चिकित्सकों को यहां तैनात किया गया था। इन चिकित्सकों की यह ड्यूटी थी कि 24 घंटे इस केन्द्र में तैनात रहकर बीमार बच्चों का इलाज एवं मॉनीटरिंग करें मगर यह व्यवस्थाऐं यहां बिगड़ गई है। बताया जाता है कि इस इकाई के डॉक्टर मनीष सिंह, डॉ.सुनील गौतम और डॉ.मंगल की ड्यूटी प्रतिदिन चार्ट के अनुसार ट्रॉमा सेन्टर में लगाई जा रही है। इन तीनों डॉक्टरों की ड्यूटी ट्रॉमा सेन्टर में लगाए जाने के कारण सारी व्यवस्थाऐं बिगड़ गई है।

विशेषज्ञ डॉक्टरों ने बिगाड़ी व्यवस्थाऐं


अस्पताल से जुड़े सूत्रों ने बताया है कि सिविल सर्जन ने जिला चिकित्सालय में तैनात शिशुरोग विशेषज्ञ डॉ.आर.एस.गुप्ता और डॉ.निसार अहमद को भी एसएनसीयू में पदस्थ कर दिया है मगर यह दोनों विशेषज्ञ चिकित्सक एसएनसीयू में ड्यूटी देने की बजाए अस्पताल की ओपीडी में बैठकर मरीजों को देखते है। इस दौरान एसएनसीयू में कोई भी डॉक्टर नवजात बच्चों की देखभाल के लिए मौजूद नहीं रहता है। बताया जाता है कि डॉक्टर आर.एस.गुप्ता और डॉ.निसार अहमद की एसएनसीयू में ड्यूटी इन्हें सुविधा देने के नाम पर लगाई गई है जिससे रात्रि के समय इनकी ड्यूटी ट्रॉमा सेन्टर में ना लगाई जा सके।

बच्चों की मृत्यु दर में बढ़ोत्तरी


बताया जाता है कि इस समय एसएनसीयू की व्यवस्थाऐं बदतर स्थिति में है। पिछले डेढ़ महीने में यहां भर्ती होने वाले नवजात बच्चों की मृत्यु दर में बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है। यह मृत्यु दर 18 प्रतिशत तक पहुंच गया है। पिछले डेढ़ महीने में यहां भर्ती किए गए 28 बच्चे मौत का शिकार हो चुके है। इसके पीछे एक प्रमुख वजह यहां 24 घंटे तैनात रहने वाले एसएनसीयू के डॉक्टरों को ट्रॉमा सेन्टर में ड्यूटी के नाम पर लगाया जाना एक प्रमुख कारण बताया जा रहा है।

क्या कहते है सिविल सर्जन


ऐसी बात नहीं है एक व्यवस्था के तहत विशेषज्ञ शिशु रोग चिकित्सकों की ड्यूटी एसएनसीयू में लगाई गई है। एसएनसीयू में विशेषज्ञ चिकित्सक के पद खाली थे इसलिए वहां ड्यूटी लगाई गई है और जहां तक ट्रॉमा सेन्टर में कुछ एसएनसीयू के डॉक्टरों की ड्यूटी लगाने का सवाल है तो यह चिकित्सक चिकित्सालय के ही डॉक्टर है इसलिए कहीं भी इनकी ड्यूटी लगाई जा सकती है।
डॉ.गोविन्द सिंहसिविल सर्जन
जिला चिकित्सालय, शिवपुरी
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