मण्डी चुनाव में जैन ब्रदर्स की भूमिका को कृषकों ने नकारा

शिवपुरी-कोलारस से आगामी 2013 में पुन:  टिकिट की आस लगाए बैठे विधायक देवेन्द्र जैन और उनके भाई जिला पंचायत अध्यक्ष जितेन्द्र जैन गोटू को इस बार के मण्डी चुनाव में खासी सफलता हाथ नहीं लगी है। मण्डी चुनाव में इन जैन ब्रदर्स ने अपने विधानसभा क्षेत्र कोलारस में आने वाली विभिन्न मण्डियों में अपने कुछ खास लोगों को मैदान में उतारा था।

मगर गुरूवार को हुए मण्डी चुनाव में जैन ब्रदर्स के चहेते उम्मीदवारों को हार मिली है। कोलारस विधानसभा क्षेत्र की कोलारस, बदरवास, रन्नौद एवं खतौरा मण्डी में जैन ब्रदर्स ने अपने कुछ खास लोगों को मैदान में उतारा था मगर जैन ब्रदर्स के यह प्यादे असफल रहे है। मण्डी चुनाव में जैन ब्रदर्स ने कुछ खास करने की तमन्ना करने की रखी थी मगर इन चुनावों में जैन ब्रदर्स को असफलता हाथ लगी। अपने विधानसभा क्षेत्र कोलारस के अलावा जैन ब्रदर्स ने शिवपुरी जिले की अन्य मण्डियों में भी अपने कुछ खास लोगों को मैदान में उतारकर चुनावी गणित बिठाने की कोशिश की थी मगर यह गणित उल्टा पड़ गया।

सूत्र बताते हैं कि कोलारस विधायक देवेन्द्र जैन और उनके छोटे भाई जितेन्द्र जैन गोटू मण्डी चुनावों में चारों खाने चित्त नजर आए है। मण्डियों में राज करने के लिए इन दोनों ही भाजपाईयों ने अपने-अपने गणित लगाकर अपने कुछ नजदीकी लोगों को मैदान में उतारा था। नजदीकी लोगों को मैदान में उतारकर जैन ब्रदर्स पर्दे के पीछे से इनके लिए वोट मांगते हुए नजर आए थे मगर जैन ब्रदर्स की इन चुनावों ने बड़ी फजीहत करा डाली। कोलारस, बदरवास, रन्नौद, खतौरा में आए परिणाम जैन ब्रदर्स के लिए काफी चौंकाने वाले रहे है। जैन ब्रदर्स ने शिवपुरी जिला मुख्यालय की कृषि उपज मण्डी में भी हाथ आजमाने के लिए अपने एक नजदीकी समर्थक प्रीतम आदिवासी को अघोषित रूप से समर्थन दिया था मगर प्रीतम की जमानत भी नहीं बच सकी।

कोलारस के परिणाम से टैंशन में


कोलारस विधानसभा क्षेत्र में मण्डी चुनावों के परिणामों ने जैन ब्रदर्स को टैंशन में डाल दिया है। विधानसभा चुनाव से मात्र कुछ महीने ही पहले हुए मण्डी चुनावों को रिहर्सल के तौर पर देखा जा रहा था मगर कोलारस में जैन ब्रदर्स की जिस प्रकार से खिलाफत हुई है उससे आने वाले संकेत साफ तौर पर समझे जा सकते है। परिणाम जैन ब्रदर्स की अपेक्षाओं के अनुरूप नहीं रहे है। ग्रामीण क्षेत्रों में जैन ब्रदर्स की खिलाफत का ही असर है कि मण्डी चुनावों में जिन पर जैन ब्रदर्स ने दांव लगाया था वह उम्मीदवार असफल साबित रहे। जैन ब्रदर्स के विरोधी खेमे के भाजपाई कोलारस में में पार्टी को मिली इस असफलता को हवा देने मे लगे है। भोपाल तक यह खबर पहुंचाई गई है कि कोलारस में जैन ब्रदर्स का प्रभाव कम हो गया है और मण्डी चुनाव के जो परिणाम सामने आए है वह साफ तौर पर बताते हैं कि इस विधानसभा क्षेत्र में विधायक और उनके भाई की स्थिति कुछ खासी अच्छी नहीं है।

सरपंच और सचिव तक को दिए थे निर्देश


सूत्र बताते हैं कि जिले के सरपंच और सचिवों को जैन ब्रदर्स ने मण्डी चुनावों में उनका सपोर्ट करने के लिए कहा था। जिला पंचायत के एक सूत्र ने बताया है कि जैन ब्रदर्स स्वयं कई सरपंच और सचिवों को बुलाकर हिदायत दी थी कि वोट मण्डी चुनाव में उनके हिसाब से ही डलें नहीं तो आने वाले समय में जिला पंचायत से मिलने वाले फण्ड में कटौती कर दी जाएगी। उनकी ग्राम पंचायत में फण्ड चाहिए तो मण्डी चुनाव में खड़े हुए जैन ब्रदर्स के समर्थित उम्मीदवारों को जिताओ। गुरूवार को मण्डी चुनाव के  जो परिणाम सामने आए है वह जैन ब्रदर्स की हवा के विपरीत रहे और जैन ब्रदर्स ने सचिव और सरपंचों को जो निर्देश दिए थे उनकी हवा निकल गई।