आखिरकार बंदरी के प्रेम में पकड़ा गया उत्पाती बंदर

शिवपुरी। प्रेम सिर्फ इंसान को ही बल्कि जानवरों को भी एकसूत्र में बांधता है। इसकी मिशाल कल गांधी नगर कॉलोनी में देखने को मिली। जब पिछले छह माह से इलाके में आतंक का पर्याय बना एक बंदर बंदरी के प्रेम में अपनी सजगता भूल बैठा और वन विभाग की गिरफ्त में आ गया।

गांधी कॉलोनी में लगभग एक साल से एक बंदरी घूम रही थी और उससे किसी को शिकायत भी नहीं थी। क्योंकि उसने मोहल्लेवासियों को कभी त्रस्त और परेशान नहीं किया था। उक्त बंदरी का लालन-पालन एक सुअरिया ने किया था। इस कारण सुअरों को भी इस बंदरी से बेहद लगाव था और वह सुअरियों की पीठ पर बैठकर घूमा करती थी। लेकिन छह माह पहले अचानक आए एक बंदर ने मोहल्ले की शांति बिगाड़ दी।

वह कई लोगों को खाकर निशाना बना चुका था उसके आतंक के कारण कोई छत पर नहीं जा पाता था। घर में घुसकर वह बिना किस भय के खाने-पीने की वस्तुएं ले जाता था। यहां तक कि फ्रिज में रखे फलों और सब्जियों को भी वह नहीं छोड़ता था। छोटे-छोटे सुअरों के बच्चों को पकड़कर वह किसी की भी छत पर छोड़ आता था, लेकिन बंदरी से प्रेम उसका बिल्कुल सच्चा था और दोनों के साहचर्य से उनके एक बच्चा भी हो गया। लेकिन बंदर का उत्पात कम नहीं हुआ। 

उसे पकडऩे के लिए वन विभाग ने पिंजरा लगाया। उस पिंजरे में वह चालाक बंदर तो नहीं फंसा, लेकिन बंदरी कैद हो गई। यह देखकर दुखी बंदर पिंजरे के आगे पीछे घूमने लगा और अपने गुस्से का इजहार करने लगा। उसकी सजगता खत्म हो गई। इसी मौके की वन विभाग को तलाश थी और बेहोश करने वाली गन चलाकर बंदर को मूर्छित कर दिया गया और फिर उसे वन विभाग की टीम जंगल में ले गई। बंदर के जाने से मोहल्ले वालों ने राहत की सांस ली।
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