जबरिया वैश्यावृत्ति और महिलाओं की खरीद फरोख्त को सहन नहीं किया जाएगा: महिला आयोग

शिवपुरी/ मप्र राज्य महिला आयोग की सदस्य सुश्री ज्योति येवतीकर और श्रीमती शशि सिन्हो ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि 21 वी शताब्दी में जबरिया वैश्यावृत्ति और महिलाओं की खरीद फरोख्त होना दुर्भाग्यपूर्ण है और ऐसी घटनाएं प्रकाश में आने पर इनके रोकथाम के लिए राज्य महिला आयोग कड़े कदम उठाएगी। ऐसी अमानवीय घटनाओं को सहन नहीं किया जाएगा।

उन्होंने इस बात पर भी दुख व्यक्त किया कि शिवपुरी में महिला जेल न होने से महिला कैदियों को अनाधिकृत रूप से जेल में रहना पड़ता है और उनके मानवीय अधिकारों पर प्रतिकूल असर पड़ता है। सुश्री येवतीकर और श्रीमती सिन्हो ने प्रदेश सरकार को शिवपुरी में महिला जेल खोले जाने के लिए प्रतिवेदन भेजा है। राज्य महिला आयोग की दोनों सदस्य शिवपुरी और श्योपुर जिले की महिलाओं द्वारा आयोग को की गई शिकायतों की सुनवाई करने के लिए शिवपुरी आईं हैं। 

पत्रकार वार्ता ने महिला सदस्यों ने बताया कि शिवपुरी में दो हत्याएं, दहेज प्रताडऩा की पांच, कार्यस्थल प्रताडऩा की तीन शिकायतें उन्हें मिलीं हैं जिस पर वे जांच कर आज फैसला लेंगी कि इन प्रकरणों में क्या कार्रवाई करना चाहिए? श्रीमती सिन्हो ने कहा कि भले ही हम महिला आयोग की सदस्य हैं लेकिन किसी भी गलत शिकायत पर शिकायतकर्ता महिला को समर्थन नहीं करतीं। उन्होंने कहा कि शिकायतकर्ता से वे चार-पांच सवाल करतीं हैं और उन सवालों से वस्तु स्थिति स्पष्ट हो जाती है। 

शिवपुरी की एक कांग्रेस नेत्री द्वारा अपनी पुत्री के अपहरण और बलात्कार की कथित शिकायत दर्ज कराने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए महिला आयोग की सदस्यों  ने कहा कि जांच में शिकायत सही नहीं पाई गई और हमने इस मामले को बंद कर दिया है। जब सुश्री येवतीकर से पूछा गया कि महिलाओं द्वारा बलात्कार और छेड़छाड़ की 50 प्रतिशत शिकायतें झूठीं होती हैं तो उन्होंने इस पर आंशिक सहमति व्यक्त की और कहा कि 18 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं की शिकायतों के मामले में यह तथ्य है, लेकिन अवयस्क लड़कियों के शोषण की घटनाएं पूरी सत्य होती हैं और यह इंसान की मानसिक विकृति का प्रतीक हैं। महिला सदस्यों ने कहा कि वे भू्रण हत्याएं रूकवाने के लिए भी कटिवद्ध हैं और हमारा मानना है कि महिला उत्पीडऩ रोकने हेतु महिलाओं में जाग्रति आवश्यक है और बिना शिक्षा प्रसार के यह संभव नहीं है। सुश्री येवतीकर और श्रीमती सिन्हो ने एक सवाल के जवाब में माना कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के प्रयास के बाद भी प्रदेश में महिलाओं का शोषण और प्रताडऩा की घटनाएं थमी नहीं हैं।