दुर्घटना का सबब बनता रोड पर गिरा खंबा

शिवपुरी। शहर में बीते कुछ दिनों पूर्व गांधी कॉलोनी में एक बड़ी दुर्घटना होते-होते उस समय बच गई जब शहर में ही गोदरेज कंपनी द्वारा बिछाई जा रही केबिल लाईन के चलते एक खंबे को खड़ा किया जा रहा था लेकिन यहां इस खंबे का निर्माण ही इतनी घटिया क्वालिटी के साथ हुआ कि खंबा खड़ा करते वक्त आधा उठा कि तभी दो धड़ो के रूप में यह टूट कर धम्म से नीचे गिर गया।
 वह तो गनीमत रही कि जिस गांधी कॉलोनी में यह खंबा गिरा उस वक्त मकान का कोई व्यक्ति घर के बाहर नहीं था अन्यथा किसी बड़ी दुर्घटना से इंकार नहीं किया जा सकता। इस घटना के बाद भी इस रोड पर आवाजाही प्रतिदिन बनी रहती है ऐसे में अब यहां टूटे हुए खंबे से भी दुर्घटनाओं को खुला आमंत्रण दिया जा रहा है। कई बार तो स्कूली बच्चे व पैदल घूमने जाने वाले लोग भी इस टूट खंबे से टकराए और गिरकर घायल हो गए। 
 
ऐसे में इन नागरिकों को होने वाले नुकसान की भरपाई कौन करें, ना तो विद्युत विभाग संबंधित निर्माण कंपनी के खिलाफ कार्यवाही कर रही और ना ही गोदरेज कंपनी के अधिकारी-कर्मचारी भी इस ओर ध्यान दे रहे। जिसके कारण यह खंबा बीते 10 से 15 दिनों से आज भी यहां गांधी कॉलोनी में जस का तस पड़ा हुआ है। जिससे यह दुर्घटना का सबब बन  रहा है। स्थानीय नागरिकों ने संबंधित गोदरेज कंपनी के अधिकारी व विद्युत मण्डल के एस.आई. से भी लिखित व मौखिक रूप से शिकायत की है कि शीघ्र यहां से यह टूटा खंबा हटाया जाए अन्यथा नागरिकों को इस ओर विभाग के खिलाफ ही मोर्चा खोलना पड़ेगा।

क्या कहते है नागरिक

यह बात सही है कि इन दिनों एपीडीआरएपी योजना के तहत कार्य जारी लेकिन इस तरह की घटिया क्वालिटी के निर्माणयुक्त खंबे यदि शहर में लगेंगे तो निश्चित ही दुर्घटनाओं का अंदेशा हमेशा बना रहेगा, ऐसे समय में जिला प्रशासन व संबंधित विभाग को चाहिए कि पहले लगने वाले इन खंबों की जांच कराई जाए साथ ही मापक यंत्र के मुताबिक बनाए गए खंबों को ही लगाया जाए।
 
सोनू सिकरवार
ठेकेदार (बी.एस.एन.एल.)

गांधी कॉलोनी में खंबा टूटने की खबर अखबारों में पढ़ी तब पता चला कि जो कंपनी इन खंबो को लगा रही है वह घटिया क्वालिटी से निर्माणयुक्त खंबे लगा रही है ऐसे में इस कंपनी के विरूद्ध ना केवल कार्यवाही होना चाहिए बल्कि इनका भुगतान भी रोका जाए तब इन्हें हाथ लेंगे क्योंकि अलाली का आलम यह है तो आगे ना जाने क्या होगा? इससे अच्छा तो यह है कि यह ठेका किसी और को दे दिया जाए और गुणवत्ता की जांच हों।
 
लक्षेन्द्र शर्माजागरूक युवा