आखिरकार 72 घंटे बाद शिवपुरी कलेक्टर ने सुन ही ली इस भूखे प्यासे लोकतंत्र की आवाज

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त्वरित टिप्पणी/ ललित मुदगल/ शिवपुरी-लोकतंत्र भारत का सबसे बड़ा लोकातांत्रिक देश कहा जाता है जहां जनता के चुने हुए प्रतिनिधि अपने वाजिब हक की लड़ाई के लिए इन जनप्रतिनिधियों से काफी अपेक्षाऐं व आशा रखते है। आज वही लोकतंत्र भूखा प्यासा है अपने हक की लड़ाई के लिए आमरण अनशन पर उतारू है।

बेहद गंभीर मामले में भ्रष्टाचार की बू से संपूर्ण क्षेत्र गंधमय नजर आ रहा है हम बात कर रहे है नगर पालिका शिवपुरी में फैले भ्रष्टाचार रूपी दानव की जिसकी बसाहट से त्रस्त लोकतांत्रिक प्रणाली से चुना गया एक पार्षद आज इस बसाहट को दूर करने के लिए आमरण अनशन पर बैठ गया है। यहां नगर पालिका में मची हौचपौच की स्थिति देखते ही बनती है इसकी बानगी देखिए कि इस भ्रष्टाचार को स्वयं भाजपाई ही नहीं पचा पा रहे है और वह भी भ्रष्टाचार रूपी दानव के विरूद्ध खड़े होकर मैदान में आ गए है। 

वहीं लोकतंत्र पर एक कड़ा प्रहार भी किया गया गत दिवस जहां आमरण अनशन पर बैठे पार्षद को जिस प्रकार से शासन के नुमाईंदों ने उठाया और उपचार कराया उससे तो आभास होता है जैसा यहां लोकतंत्र का गला घोंटा जा रहा हो। अब ऐसे में सुख की किरण अब केवल शिवपुरी कलेक्टर के निर्णय पर थी जिसका परिणाम यह हुआ कि आखिरकार शिवपुरी कलेक्टर ने लोकतंत्र की पुकार को सुनते हुए पार्षद नीरज बेडिय़ा को अपना आमरण अनशन त्यागना पड़ा और यहां शासन के प्रतिनिधि के रूप में एसडीएम अशोक कम्ठान व नपा सीएमओ पी.के.द्विवेदी ने आश्वस्त किया कि जिन मांगों पर कार्यवाही को लेकर यह आमरण अनशन किया गया था निश्चित रूप से महज 10 दिनों में इस ओर शीघ्र कार्यवाही होगी। 

भ्रष्टाचार के विरूद्ध आवाज उठाने वाले वार्ड क्रमांक 25 से पार्षद नीरज बेडिय़ा ने नगर पालिका में मच रहे भ्रष्टाचार को आंखों से देखा जिससे उसकी आंखें फटी की फटी रह गई। जब कई बार शिकायत करने के बाद भी यहां कोई कार्यवाही होते नहीं दिखी तो पूर्व में लगभग कुछ समय पहले आमरण अनशन की चेतावनी पार्षद द्वारा दी गई थी लेकिन तत्समय नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमती रिशिका अष्ठाना व सीएमओ पी.के.द्विवेदी के आश्वासन के चलते यह आमरण अनशन स्थगित कर दिया गया लेकिन जब नियमित समयावधि के बाद भी निर्माण कार्य, सी.सी.रोड व अन्य निर्माणाधीन कार्यों में अनियमिताओं की खुली चीख-पुकार को इस पार्षद ने पुन: सुना तो उसका धैर्य का बांध टूट गया और फिर से आमरण अनशन पर नगर पालिका परिसर में ही बैठना उचित समझा। 

जिसका परिणाम यह हुआ कि यहां भ्रष्टाचार के खिलाफ ना केवल आमरण अनशन पर बैठे पार्षद नीरज बेडिय़ा ने अपनी आवाज बुलंद की वरन कुछ भाजपाई और कांग्रेसियों ने भी इस मामले में सुर-से सुर मिलाया। यहां बता दें कि पार्षद नीरज बेडिय़ा जिन 22 मांगों पर कार्यवाही को लेकर अन्न-जल त्यागकर बैठे उन्हीं फाईलों में से 8 फाईलें गायब होने की चर्चा सबदूर नगर पालिका में व्याप्त है। जिसे लेकर पूरा अमला परेशानी में आ खड़ा हुआ है। ऐसे में खुला भ्रष्टाचार होने के मय प्रमाण वाली इन फाईलों का गायब होना भी कहीं न कहीं आपसी संाठगांठ का परिणाम है जिसके चलते यह आमरण अनशन जारी था लेकिन इसी बीच नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमती रिशिका अनुराग अष्ठाना व सीएमओ पी.के.द्विवेदी ने जब पार्षद को कार्यवाही की बात कहकर आश्वस्त किया तब भी पार्षद नीरज बेडिय़ा नहीं माना और आखिकार इस गंभीर मामले की सूचना जिला कलेक्टर को दी गई। 

जिस पर उन्होंने अपने प्रतिनिधि के रूप में एस.डी.एम. अशोक कम्ठान को मौके पर पहुंचाया और शीघ्र ही 10 दिनों के भीतर कार्यवाही का आश्वासन देकर यह अनशन तुड़वाया। यहां बता दें कि जिन मामलों में भ्रष्टाचार को लेकर यह पार्षद धरने पर बैठा उनमें मुख्य रूप से एच.ओ. अशोक शर्मा व सीएमओ पी.के.द्विवेदी के द्वारा कारित किए गए कार्यों को लेकर ही यह बाबेला खड़ा हुआ। खैर अब देखते है आने वाले समय में यह कार्यवाही क्या रंग लाती है या फिर सूबे में वही सन्नाटा नजर आएगा जिसे अब तक सब बर्दाश्त करते आ रहे थे...।

...और इधर धरना प्रदर्शन करने वालों को मिल रही धमकीयां


शिवपुरी- वेतनवृद्धि एवं राष्ट्रीय आजीविका मिशन में शामिल होने के लिए अपनी मांगों को लेकर जिला गरीबी उन्मूलन परियोजना (डीपीआईपी) मप्र शासन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के 14 जिलों के समस्त सलाहकार अपने जिला मुख्यालयों के बाहर 3 सितम्बर से अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हुए है। इन प्रदर्शनकारियों को अब संबंधित विभाग से ही कई प्रकार की धमकियां मिलने लगी है ऐसा इन्होंने एक पे्रस विज्ञप्ति में बताया है। 
प्रेस विज्ञप्ति में जानकारी देते हुए शिवपुरी जिले के सदस्य सलाहकारों के अध्यक्ष संजय चौहान ने बताया कि शिवपुरी जिले के सभी सदस्य सलाहकार हड़ताल पर है लेकिन मारे पूर्व के सहयोगी रहे विभिन्न शासकीय विभागों से प्रतिनियुक्ति पर आए शासकीय अधिकारी हमारे सदस्य सलाहकार संगठन में फूट डालने का प्रयास कर रहे है जबकि ऐसे समय पर इनको हमारा सहयोग प्रदान करना चाहिए। यहां जिला परियोजना प्रबंधक शिवपुरी एवं उनके सहयोगी सरकारी सदस्यों पर आरोप लगाते हुए संजय चौहान ने बताया कि हिटलरशाही नीति अपनाकर सर्वप्रथम हम लोगों को प्रदान बीएसएनएल की सीयूजी की सिम बंद कर दी गई एवं हम लोगों को लगातार धमकी दी जा रही है कि तुम लोगों की सी.आर.गोपनीय चरित्रावली रिपोर्ट खराब कर दी जाएगी और तुम लोग कहीं भी नौकरी करने लायक नहीं रहोगे। हमारे ब्लॉक कार्यालय पर कार्य कर रहे कम्प्यूटर ऑपरेटर एवं ऑफिस बॉय के साथ गाली-गलौज भी की गई व माहौल को खराब किया जा रहा है। जिला परियोजना प्रबंधक एवं उनके सहयोगी ऐसा कर अपने पद की गरिमा का दुरूपयोग कर रहे है हमारा आन्दोलन शांतिपूर्ण है तथा यह तब तक जारी रहेगा जब तक हमारी मांगे पूर्ण नहीं होगी। इस प्रदर्शन में कपिल शर्मा, गोविन्द शर्मा, रघुवीर सिंह, हरिचरण कुशवाह, कुं.रूकमी आदि शामिल है। 
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