मैं नटवरलाल नहीं, मीडिया ने बना दिया : पी.मोहन

शिवपुरी। मैंने किसी भी तरह से किसी का बुरा नहीं किया और जो लोग मुझे ठग और नटवारलाल की संज्ञा दे रहे है वह कुत्सित मानसिकता के शिकार है मैंने अपने व्यावायिक कार्य के लिए शहर के कुछ लोगों से उधारी के एवज में पैसे लिए और इसके बदले उन सभी देनदारों को मंैने चैक भी दिया यदि चैक गलत हो तो मैं सजा का भागी बनता हंॅू लेकिन जिस प्रकार से पाण्डे एग्रो एजेंसी के संचालक ने व्यावासियकता की होड़ में जो आरोप मुझ पर लगाए है वह सभी निराधार है बल्कि मुझे उल्टे पाण्डे एग्रो एजेंसी से लाखों की लेनदारी करनी है।


बीते कुछ दिनों पूर्व समाचार पत्रों में प्रकाशित खबरों से मुझे मानसिक प्रताडऩा व मेरी सामाजिक पृष्ठभूमि को नुकसान पहुंचा है और अब मैं पाण्डे एग्रो एजेंसी के विरूद्ध ही मानहानि का मामला दर्ज कराकर दम लूंगा। यह बात कही पी.मोहन ने जिन्हें गत दिवस मीडिया ने ठग व नटवर लाल बताकर इनकी सामाजिक छवि को धूमिल किया था। अब वह इस मामले में जांच की मांग कर रहे है।

अपने ऊपर लगे आरोपों को निराधार बताते हुए पी.मोहन ने बताया कि पूरे 2 वर्ष मैंने मन लगाकर पाण्डे एग्रो एजेंसी पर कार्य किया और उसके बदले मुझे 30 हजार रूपये वेतन व कमीशन सहित अन्य सुविधा मिलती है इसी दौरान इन दो वर्षों में मेरे द्वारा लगभग 200 ट्रेक्टर पाण्डे एग्रो एजेंसी से विक्रय किए गए। जब अच्छा व्यवसाय करके मैंने पाण्डे एजेंसी को दिया तो मैंने अपने वेतन की बीत कही लेकिन इस एजेंसी द्वारा दो वर्ष तक मुझे बिना वेतन के ही कार्य कराया गया मैंने अपने घर खर्च कुछ कमीशन व अन्य संसाधनों के माध्यम से किया। अब ये एजेंसी वाले मेरे पैसे तो मुझे नहीं दे रहे बल्कि मुझ पर उल्टा मामला दर्ज करा रहे है जबकि मेरे खिलाफ जो गिरफ्तारी हुई थी वह धारा 138 के तहत चैक बाउंस के मामले में था।

इस तरह मीडिया ने भी मुझे ठग व नटवार लाल कहकर मुझे मानसिक प्रताडऩा पहुंचाई व मेरी सामाजिक छवि धूमिल हुई। ऐसे में मेरे साथ न्याय हो इसके लिए मुझे मीडिया से ही सहयोग की आवश्यकता है। पी.मोहन ने बताया कि वह शीघ्र ही पाण्डे एग्रो एजेंसी के शशिकान्त पाण्डे पुत्र रामकुमार पाण्डे के खिलाफ पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराऐंगे क्योंकि जो भी आरोप उन पर लगाए गए है वह सभी निराधार है। इसकी पुष्टि भार्गव इलेक्ट्रानिक्स के संचालक मोहन भार्गव भी करते है जिन्होंने लिखित रूप से एसपी को लिखित रूप से पाण्डे एजेंसी के खिलाफ शिकायत की और बताया कि पाण्डे एग्रो एजेंसी के कर्ताधर्ताओं ने श्री भार्गव से जबरन धौंसधपट के माध्यम से हस्ताक्षर लिए। जबकि श्री भार्गव मेरे कार्य से संतुष्ट है चूंकि मेरी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी तब ऐसे में श्री भार्गव द्वारा मंैने घर खर्च के लिए रूपये लिए थे जो मैं नियत समय में वापिस कर दूंगा।

इसी तरह अन्य लोगों से मैंने व्यावसायिकता के रूप में उधार राशि ली और इसके बदले उन सभी देनदारों को मैंने चैक भी दिए जिसकी समयावधि गुजरने पर मैं सजा का हकदार हॅं लेकिन मैं विश्वास दिलाता हं कि नियत समय में सभी देनदारों की राशि वापिस कर दी जाएगी। पी.मोहन ने अंत में कहा कि मीडिया से मुझे काफी आशाऐं है और मुझ पर लगे आरोपों की निष्पक्ष जांच हो और मेरा खोया हुआ मान सम्मान मुझे दिलाऐं ताकि मैं एक बार फिर से अपने व्यवसाय में निपुण होकर अपने ऊपर आए संकटों को दूर कर सकूं। 

इस अवसर पर पी.मोहन के सलाहकार अभिभाषक राजीव शर्मा भी मौजूद थे जिन्होंने मीडिया को इस प्रकरण के बारे में पर्याप्त जानकारी दी और सहयोग की आशा व्यक्त की। पी.मोहन ने बताया कि मैंने जिन लोगों से पैसे लिए उनमें छोटे खां, भरत सिंह यादव, गोविन्द शर्मा, राधेश्याम आदि शामिल है और इन सभी ने पुलिस कोतवाली में भी लिखित रूप से शिकायत की है तो मैं समय रहते पर इनके रूपये भी वापिस कर दूंगा।