गहोई समाज ने मनाई राष्ट्रकवि की 126 वीं जयंती

शिवपुरी। राष्ट्रकवि मैथिलीशरण जी गुप्त के साहित्य ने जहां एक ओर क्रांतिकारियों में स्वाधीनता के लिए जोश भरने का कार्य किया वहीं दूसरी ओर सामाजिक कुरीतियों को समूल नष्ट करने की बात उनके काव्य का प्रमुख अंश थी। उक्त वक्तव्य जिलाधीश आरके जैन ने गहोई वैश्य समाज शिवपुरी द्वारा आयोजित मैथिलीशरण गुप्त जयंती के अवसर पर दिए।

शिवपुरी गहोई बैश्य समाज द्वारा आयोजित श्री गुप्त जी की 126 वीं जयंती के अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में बोलते हुए पुलिस अधीक्षक आरपी सिंह ने कहा कि युवा पीढ़ी को इन साहित्यों के माध्यम से देश प्रेम और अपनी संस्कृति से प्रेम कराना ही साहित्य कारों का लक्ष्य रहा है। श्री सिंह ने कहा कि आज किसी भी महा पुरूष की महज जयंती मनाने से राष्ट्र का विकास तब तक पुण्य नहीं होगा जब तक की उनके आदर्शो का अनुशरण कर हम पहले स्वयं के नैतिक मूल्यों को नहीं सुधारेंगे।

स्वागत भाषण देते हुए समाज के अध्यक्ष शिवशंकर सेठ ने कहा यदि हम सच्चे मन से समाज में फैली कुरूतियों और विसंगतियों दूर करने का सफल प्रयास करते हैं तभी इन महापुरूषों और साहित्य शिरोमणियों को हमारी सच्ची श्रृद्धांजलि होगी। विचार गोष्ठी में महिला इकाई अध्यक्ष श्रीमती अनीता सेठ ने कहा घर में संस्कारों का समावेश राष्ट्र को विकास की मुख्य धारा से जोड़ता है। इसलिए राष्ट्र को विकसित राष्ट्र की पंक्ति में अग्रज स्थान देना महिलाओं का प्रथम कर्तव्य होना चाहिए।

कार्यक्रम में जिले के अनेक कवियों ने शिरकत की। अपनी रचना के माध्यम से श्रोताओं को मंत्र मुग्ध किया। सभा की अध्यक्षता कर रहे विख्यात साहित्यकार परशुराम शुक्ल विरही ने श्री द्ददा जी के जीवन पर कहा कि वे सिफर से शिखर तक पहुंचने वाले महान साहित्यकार थे। कवि डॉ. एचपी जैन द्वारा-जो कल तलक थी आज वो चाहत नहीं रही- कविता की धुन ने सारे माहौल में एक चमक पैदा कर दी। जाने माने कवि विद्यानंदन राजीव के काव्य पाठ -सितारे हैं वो रोशनी खोने नहीं देते- को सुन सारा वातावरण खुश नुमा हो गया।

अखिल भारतीय नव युवक मंडल के अध्यक्ष एवं युवा कवि प्रमोद भारती द्वारा भ्रूण हत्या एवं सहादत की चिट्टी नामक कविता का रस श्रोताओं के बीच प्रोया गया। काव्य सम्मेलन में गीतकार हरीशचंद भार्गव, डॉ. सीताराम नीखरा, प्रकाशचंद सेठ ने अपनी-अपनी रचनाओं से श्रोताओं को मंत्र मुग्ध किया। कार्यक्रम के द्वारान जिले में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को अभिनंदन कर उन्हें पुरूष्कृत किया गया। साथ ही साहित्यकारों का भी सम्मान समाज के लोगों द्वारा किया गया। कार्यक्रम का संचालन जगदीश प्रसाद निगोती व शैलेन्द्र गुप्ता द्वारा किया गया।