शिव मंदिरों पर उमड़ों भक्तों हुजूम

शिवपुरी - भगवान शिव की नगरी कही जाने वाली शिवपुरी में श्रावण मास शुरू होने के साथ ही प्रतिदिन शिव मंदिरों पर भक्तों का तांता लगना शुरू हो गया है। श्रावण मास के सोमवार को भगवान शिव के मंदिरों पर अल सुबह से ही बच्चों, युवक, युवतियों के अलावा महिलाओं का तांता लगना शुरू हो गया। हाथों में फूल, माला, वीलपत्र, धतूरा सहित पूजा अर्चना की अन्य सामग्री लिए शिवमंदिर पहुंचे जहां अपने आराध्य देवाधिदेव महादेव का विधि विधान से पूजन किया।

स्थानीय जल मंदिर भवन में विराजमान भोलेनाथ के मंदिर पर श्रावण मास प्रारंभ के साथ ही प्रथम सोमवार को धर्मप्रेमीजता के लिए पं.दिनेशचन्द्र शास्त्री बनारस वाले के मुखारबिन्द में मंत्रोच्चारण विधि के साथ महारूद्राभिषेक पूजन का आयोजन किया गया। इस पूजन समारोह में साकिल्यजी बनारस, हितैष तिवारी महाकाल मंदिर उज्जैन, नीलेश शास्त्री बनारस ने भी मंत्रोच्चारण विधि के द्वारा पूजन कराया। इस आयोजन में शहर के रिंकू पार्षद, गोपाल राठौर सुमन बेकरी, महेन्द्र गौड़, चौबेजी, ओमप्रकाश शर्मा, भूपेन्द्र शर्मा विकल, दुबे जी सहित लगभग दो दर्जन जोड़ों सपत्नीक रूद्राभिषेक पूजन का सौभाग्य प्राप्त किया। सर्वप्रथम पं.दिनेशचन्द्र शास्त्री द्वारा पंचायतन पूजन, पंचविधि पूजन पश्चात महारूद्राभिषेक, भोले बाबा का श्रृंगार व क्षमा प्रार्थना कराई गई। पं.दिनेशचन्द्र शास्त्री ने बताया कि श्रावण मास भगवान शिव को बहुत प्यारा है और वह अपने भक्तों की हर मनोकामना को पूर्ण करते है ब्रह्म के अभिशाप भगवान भोलेनाथ ही ऐेसे देवता है जो उसकी स्वरूप को बदल सकते है, श्रावण मास में भगवान भोलेनाथ का यदि महारूद्राभिषेक किया जाए तो इसका फल बड़ा सुखदायी होता है घर परिवार में सुख-समृद्धि, शांति और विश्व का कल्याण होता है। बड़े से बड़ा पापी भी यदि श्रावण मास में भगवान भोलेनाथ के मंदिर में पड़ी बेलपत्र का मात्र दर्शन कर ले तो उसके सब पाप धुल जाते है। पंं.श्री शास्त्री ने सभी धर्मपे्रेमीजनों से श्रावण मास में भगवान भोलेनाथ को बेलपत्र के पूजन अर्चन करने का कहा है ताकि यह पुण्य फलदायी लाभ प्रदान करें। उल्लेखनीय है कि श्रावण मास शुरू होने के साथ ही भक्तों का उल्लास, शिवभक्ति में चरम पर रहती है। जहां भक्तों का मंदिरों पर पहुंचना मंगला आरती के साथ ही शुरू हो जाता है। जहां भगवान भोले शंकर की विधि विधानअनुसार पूजा अर्चना  शुरू हो जाती है। पूरे श्रावण मास में शिव मंदिरों को मनोहारी रूप से सजाया गया है जहां आर्कषक विद्युत की सजावट सहित फूल, मालाओं से सजाया जाता है। शिवभक्तों का उल्लास शिवपुरी नगर ही नहीं अपितु समूचे अंचल में देखने को मिल रहा है। जहां ज्यातादर युवक-युवतियां महिलाओं द्वारा उपवास रखकर भगवान शंकर की पूजा की जा रही है।

सोरों धाम से गंगाजल भर कर लाए काबरिये


भगवान भोले शंकर शिव अभिषेक करने के लिए भक्तगणों द्वारा 400 कि.मी. दूर स्थित सोरों धाम गंगा जल भरकर लेकर आए काबरियों द्वारा श्रावण मास की चौदस तिथि को भगवान शंकर शिव अभिषेक करें, मान्यता है कि यदि चौदस तिथि को जो भी व्यक्ति भगवान शंकर का गंगा जल से अभिषेक करते है तो मन चाही मनोकामना जरूर पूर्ण होती है। इस बात को लेकर आज सैकड़ों भक्त शहर से 400 कि.मी. दूर स्थित सोरों थाम गंगा जल भर काबरें लेकर आए।