धरने पर बैठीं एएनएमों की हालत बिगड़ी, चार एएनएम अस्पताल में भर्ती

शिवपुरी। सेवा में कमी के कारण पद से हटाईं जा रही 57 एएनएम ने कलेक्ट्रेट के पास 1 जून से धरना देना शुरू कर दिया है। उनका धरना रात में भी जारी है, लेकिन उन्हें सुनने के लिए न तो कोई प्रशासनिक अधिकारी आया और न ही किसी जनप्रतिनिधि ने उनसे संपर्क साधा है। बताया जाता है कि कलेक्टर इन हटाई गई एएनएम से नाराज हैं। जिलाधीश और हटाई गई एएनएम के बीच दो बार मुंहबाद हो चुका है। जिसके कारण जिलाधीश व मुख्य जिला चिकित्सा अधिकारी  के कोप का भाजन बनी हुई। जिसके विरोध में एएनएम द्वारा अनिश्चित कालीन धरने पर जिलाधीश कार्यालय के सामने बैठी एएनएमओं की भीषण के कारण चार की हालत बिगड़ गई है जिन्हें उपचार हेतु जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

जबकि तीन दिन से चल रहे इस धरने पर न तो कोई प्रशासनिक अधिकारी, न ही किसी जनप्रतिनिधि ने सेवा से प्रथक की गई एएनएमओं की सुध तक नहीं ली है। 

प्राप्त जानकारी के अनुसार इन 57 एएनएम को मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. आरएस दण्डौतिया ने पद से हटाने के लिए नोटिस जारी किया था और उनसे पूछा था कि सेवा शर्तों में उल्लंघन के कारण क्यों न उन्हें पद से हटा दिया जाए। नोटिस में कहा गया था कि यदि वे समाधानकारक जबाव देने में असफल रहीं तो वे 14 जून से अपने आपको पद से पृथक समझें। इसके बाद उपरोक्त एएनएम ने जिलाधीश से भेंटकर उन्हें पद से न हटाने का अनुरोध किया, लेकिन उनकी जिलाधीश से भी उन्हें निराशा ही हाथ लगी। 

मजबूरन निराश होकर एएनएम ने कलेक्ट्रेट के पास 1 जून से अनिश्चितकालीन धरना देना प्रारंभ किया जिसमें भीषण गर्मी के कारण चार एएनएम वंदना सिंह, पार्वती, क्रांति कुशवाह एवं रविता सिंह की हालत बिगड़ गई इनको उल्टी, दस्त हो जाने के कारण जिला अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है। मजेदार तथ्य तो यह है कि प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा सताई गई इन एएनएमओं की सुध किसी भी राजनेता द्वारा नहीं ली गई।