मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में आज सम्पन्न राज्य मंत्रि-परिषद की बैठक में स्कूल और महाविद्यालयीन शिक्षा के सुदृढ़ीकरण के लिये कई महत्वपूर्ण निर्णय लिये गये। सर्वशिक्षा अभियान की वर्ष 2012-13 की वार्षिक कार्य-योजना के अंतर्गत कई महत्वपूर्ण मंजूरियाँ हासिल हुई हैं। सर्वशिक्षा अभियान एनपीईजीएल तथा कस्तूरबा गाँधी बालिका विद्यालय की वार्षिक कार्य-योजना की विभिन्न गतिविधियों के लिये 419687.8 लाख रुपये की स्वीकृति मिली है।
वार्षिक कार्य-योजना के मुख्य प्रावधानों के तहत प्रदेश में 803 प्राथमिक शालाओं का माध्यमिक शाला में तथा 179 सेटेलाइट शालाओं का प्राथमिक शालाओं के रूप में उन्नयन किया जायेगा। इसके साथ ही माध्यमिक शालाओं के लिये 13 हजार 22 अंशकालिक अनुदेशक के पद सृजित करने का निर्णय भी लिया गया है। पलायन करने वाले परिवारों के 6,359 बच्चों के लिये मौसमी अस्थाई छात्रावास तथा शाला-त्यागी एवं शाला से बाहर 39 हजार 597 बच्चों के लिये आवासीय विशेष प्रशिक्षण केन्द्र और 54 हजार 140 बच्चों के लिये गैर आवासीय विशेष प्रशिक्षण केन्द्र की मंजूरी प्राप्त हुई है। प्रदेश के दुर्गम अँचलों, घने जंगलों, अभिभावक-संरक्षण विहीन शहरी क्षेत्रों तथा शालाविहीन बसाहटों के 4,140 बच्चों को आवागमन सुविधा की मंजूरी भी मिली है।
वार्षिक कार्य-योजना के अंतर्गत मिली स्वीकृतियों के अनुसार मध्यप्रदेश में 803 माध्यमिक शाला भवन, जीर्ण-शीर्ण 196 प्राथमिक शाला तथा 77 माध्यमिक शाला के भवनों का निर्माण भी करवाया जायेगा। इसके साथ ही ग्रामीण क्षेत्र की शालाओं में 6,354 और शहरी क्षेत्र की शालाओं में 410 अतिरिक्त कक्षों का निर्माण होगा। इसके अलावा 1247 शालाओं में बाउण्ड्री-वॉल, 472 शालाओं की मरम्मत, 17 हजार 397 शालाओं में बालिका शौचालय तथा 845 शहरी क्षेत्र की शालाओं में शौचालय निर्माण की मंजूरी भी हासिल हुई है। शालाओं में आवश्यक सामग्री भी उपलब्ध करवाई जायेगी। इसमें 1592 माध्यमिक शालाओं के लिये फर्नीचर की व्यवस्था और शहरी क्षेत्र की 851 शालाओं के लिये पेयजल व्यवस्था का काम किया जायेगा।
वार्षिक कार्य-योजना के अंतर्गत मिली स्वीकृतियों के अनुसार मध्यप्रदेश में 803 माध्यमिक शाला भवन, जीर्ण-शीर्ण 196 प्राथमिक शाला तथा 77 माध्यमिक शाला के भवनों का निर्माण भी करवाया जायेगा। इसके साथ ही ग्रामीण क्षेत्र की शालाओं में 6,354 और शहरी क्षेत्र की शालाओं में 410 अतिरिक्त कक्षों का निर्माण होगा। इसके अलावा 1247 शालाओं में बाउण्ड्री-वॉल, 472 शालाओं की मरम्मत, 17 हजार 397 शालाओं में बालिका शौचालय तथा 845 शहरी क्षेत्र की शालाओं में शौचालय निर्माण की मंजूरी भी हासिल हुई है। शालाओं में आवश्यक सामग्री भी उपलब्ध करवाई जायेगी। इसमें 1592 माध्यमिक शालाओं के लिये फर्नीचर की व्यवस्था और शहरी क्षेत्र की 851 शालाओं के लिये पेयजल व्यवस्था का काम किया जायेगा।
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