प्रो.सरोज कुमार के सम्मान में काव्यगोष्ठी सम्पन्न

शिवपुरी -इन्दौर के प्रख्यात साहित्यकार और कवि प्रो.सरोज कुमार ने शिवपुरी प्रवास पर स्थानीय मंगलम लॉज में अपने सम्मान में आयोजित कविगोष्ठी में कहा कि वर्तमान समय में कतिपय कवि और श्रोता विदूषकों में कविता और कविता में विदूषकों की तलाश करते हैं जो गलत है। ऐसे ही कवियों और श्रोताओं के कारण कवि सम्मेलनों का स्तर निरंतर गिरावट आती जा रही है। आज स्वनाम धन्य कवि मंचों पर कविता कम और चुटकुले अधिक सुनाते हैं और आयोजकों से लाखों रू.पये मानदेय के रूप में ऐंठ ले जाते हैं। शायद इस लिये आज कविता केवल गोष्ठियों की वस्तु बन कर रह गई है। आपने कहा कि शहर में गोष्ठियों का आयोजन लगातार होते रहनाा चाहिये तभी कविता जीवित रह सकेगी।
गोष्ठी में प्रो.सरोज कुमार के अलावा डॉ.परशुराम शुक्ल विरही,प्रो.विद्यानंदन शर्मा राजीव,हरीशचन्द्र भार्गव, डा.हरिप्रकाश जैन हरि, अरूण अपेक्षित,डॉ.महेन्द्र अग्रवाल,डॉ.मुकेश अनुरागी,विनय प्रकाश नीरव,संजीव बांझिल के अलावा प्रसन्न कुमार रावत और डॉ.आर.के.जैन विशेष रूप से उपस्थित थे। गोष्ठी के प्रारम्भ में गोष्ठी में उपस्थित नगर के सभी रचनाकारों ने प्रो.सरोज कुमार का पुष्पहार से स्वागत किया। गोष्ठी के संयोजक और नेत्ररोग विशेषज्ञ डॉ.हरिप्रकाश जैन हरि ने प्रो.सरोज कुमार का विस्तृत जीवन परिचय दिया। 

स्थानीय रचनाकारों ने प्रो.सरोज का शाल श्रीफल और पुष्पहारों से सम्मान किया। इसके बाद सभी उपस्थित कवियों ने अपनी प्रतिनिधि रचनाओं का पाठ किया। प्रो.सरोज ने उपस्थित कवियों और श्रोताओं की मांग पर लगभग एक घंटे तक अपनी श्रेष्ठ और प्रतिनिधि कविताओं का पाठ किया। अंत में आभार प्रदर्शन डॉ.परशुराम शुक्ल विरही के द्वारा किया गया। गोष्ठी का सफल संचालन अरूण अपेक्षित के द्वारा किया गया।