फिर अवैध उत्खनन: पिछोर के ग्राम गजौरा में डम्फर से युवक कुचला

घटना स्थल पर मृतक
शिवपुरी- जिले में अवैध उत्खनन करने वाले माफियाओं के विरूद्घ जिला प्रशासन के ढीले रवैये का परिणाम यह है कि आए दिन यह अवैध उन्त्खननकर्ता अपना बचाव करने के लिए किसी भी तरह की दुर्घटनाओं का आमंत्रण दे देते है। कुछ ऐसा ही हुआ पिछोर के ग्राम गजौरा में जहां पिछोर से पांच किमी दूर ग्राम गजौरा के आदिवासी मोहल्ला मोड खनियाधाना मार्ग पर तेज गति से आ रहे एक डम्फर ने मोटरसाइकल सवार युवक को इस तरह कुचला कि मौके पर ही उसकी मौत हो गई। जबकि मोटर साइकल पर बैठा अन्य युवक घायल हो गया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार अवैध रूप से उत्खनित बजरी से भरे एक डम्फर क्रमांक एमपी 33 एच-1171 जो कि नयाचौराहा स्थित बुधना नदी से आ रहा था ने गजौरा के आदिवासी मोहल्ला मोड पर पिछोर की ओर जा रहे मोटरसाइकल हीरो होण्डा सवार युवक बुन्देलङ्क्षसह पुत्र शादीलाल लोधी उम्र 35 वर्ष निवासी मजरा हर्षपुरा ग्राम दवियाकला को पीछे से जोरदार टक्कर मार दी जिससे मोटरसाइकल पर पीछे बैठा बुन्देल का भान्जा रामरतन पुत्र देशराज दूर जा गिरा और बुन्देल पहियों के नीचे आ गया जिससे उसकी मोटरसाइकल सहित बुरी तरह कुचल गये। मौके पर ही बुन्देल ने दम तोड दिया। 


बताया जाता है कि डम्फर में सवार लेवर और ड्रायवर डम्फर छोड भाग खडे हुये। मौके पर पहुंचे प्रशासन ने जब डम्फर के कागजात देखे तो उक्त डम्फर चन्ना कंस्ट्रक्शन्स जल मंदिर शिवपुरी का होना पाया। क्षेत्र में हो रहे अवैध उत्खनन एवं अनियंत्रित डम्फरों और दुर्घटनाओं पर मृतक के परिजनों ने हंगामा खडा किया और पुलिस तथा प्रशास को लाश उठाने नहीं दी। लेकिन स्थानीय लोगों की समझाईश पर वमुश्किल प्रशासन लाश उठाने में कामयाव हुआ। पुलिस ने मौका मुआयना पश्चात मर्ग कायम कर जांच प्रारंभ कर दी है।
 

रायल्टी कहीं की, उत्खनन कहीं का

पिछोर क्षेत्र में बजरी का अवैध उत्खनन जोरों से चल रहा है लेकिन प्रशासन अपनी गोटियां जमाकर हाथ पर हाथ धरे बैठा है। आज हुई इस घटना में जब डम्फर के कागजात देखे गये तो बजरी से भरे उस डम्फर में एक रायल्टी की रसीद मिली जो आज की तारीख की थी जिस पर उत्खनन स्थान तिंधारी खदान सर्वे नं. 0.1, 188 अंकित था वहीं यह डम्फर विपरीत दिशा नयाचौराहा बुधना नदी से आ रहा था। जानकारी हो कि समाचार पत्रों ने कई बार बुधना नर्सरी के अवैध उत्खनन को, पनडुब्बी, जेसीबी को प्रकाशित किया है। फिर भी प्रशासन मौन होकर जानबूझकर बधिर बना हुआ है।