अक्षय तृतीया पर बाल विवाह रोको: मुख्यमंत्री

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मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंत्रिपरिषद के सभी सदस्यों को पत्र लिखकर आग्रह किया है कि अक्षय तृतीया पर यह प्रयास सुनिश्चित किये जायें कि कहीं भी बाल विवाह न हों। उन्होंने कहा है कि बाल विवाह रोकने के लिये आप सभी के द्वारा किये जाने वाले प्रयास निश्चित ही प्रदेश में चलाये जा रहे बेटी बचाओ अभियान में महत्वपूर्ण साबित होंगे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा है कि 24 अप्रैल को अक्षय तृतीया का पर्व है। इस पर्व का अपना सामाजिक एवं धार्मिक महत्व है। हमारे परिवारों की छोटी-छोटी बेटियां इस दिन गुड्डे-गुड़ियों का ब्याह रचाती है। बच्चों का यह खेल कभी-कभी कुप्रथा में बदल जाता है ओर कम उम्र के बेटे-बेटियों का विवाह कर दिया जाता है। बचपन में विवाह हो जाने से बच्चों, विशेषकर बालिकाओं की शिक्षा, स्वास्थ्य तथा शरीर पर विपरीत असर पड़ता है। एक दुष्परिणाम यह होता है कि बाल विवाह के कारण हमारी बेटियों की शिक्षा अधूरी रह जाती है और कई बार वे निरक्षर भी रह जाती है। इससे एक ओर उनका आर्थिक सशक्तिकरण बाधित होता है, वहीं कम उम्र में माँ बनने के कारण वे कमजोर बच्चे को जन्म देती हैं। इस तरह से आने वाली पीढ़ी कुपोषित हो जाती है।

बाल विवाह रोकथाम के लिए कड़े कानूनी प्रावधान भी किए गए हैं, लेकिन पर्याप्त ज्ञान और व्यापक जागरूकता के अभाव में आज भी बाल विवाह संपनन हो रहे हैं। ऐसे में बाल विवाह निश्चित ही हम सबके लिए एक सामाजिक कलंक है।

मुख्यमंत्री ने कहा है कि यह संदेश आमजन तक पहुँचाया जाये कि प्रदेश की हर बेटी अब सरकार की जिम्मेदारी है। बेटियों का विवाह कम उम्र में न करें। उन्हें खूब पढ़ने दें, आगे बढ़ने दें। बेटियों के लिए लाड़ली लक्ष्मी योजना, मंगल दिवस योजना, नि:शुल्क शिक्षा, गणवेश, नि:शुल्क साईकिल, गाँव की बेटी योजना, मुख्यमंत्री कन्यादान योजना जैसी कई योजनाएँ और कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। इन योजनाओं का लाभ लेने के लिए अधिक से अधिक लोगों को प्रेरित करें।

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