बड़े हनुमान मंदिर पर श्री नवकुण्डात्मक महायज्ञ एवं श्रीराम कथा का भव्य शुभारंभ

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शिवपुरी. शहर से 5 किमी दूर एबी रोड स्थित श्री बड़े हनुमान मंदिर तुलसी आश्रम पर 7 से 15 अप्रैल 2012 तक एक विशाल आयोजन नवकुण्डात्मक महायज्ञ एवं संगीतमय श्रीरामकथा का भव्य शुभारंभ आज कलश यात्रा के साथ हुआ। जहां सिर पर कलश रखकर चल रही महिलाऐं व बालिकाऐं आकर्षण का केन्द्र रही। मॉं राज राजेश्वरी मंदिर से शुरू हुई कलश यात्रा का भव्य स्वागत करने के लिए नगरवासी भी आतुर दिखे और जगह-जगह पेयजल, ठण्डाई व मिष्ठान के साथ कलश यात्रा का स्वागत किया गया। कलश यात्रा के साथ-साथ साध्वी प्रभा भारती व बड़े हनुमान मंदिर के महंत पुरूषोत्तदास जी महाराज भी जन-जन को अपना आशीर्वाद दे रहे थे।
शिवपुरी नगर के इतिहास में पहली बार श्री नवकुण्डात्मक महायज्ञ के आयोजन में नगर का हर धर्मपे्रमी तन-मन-धन से सेवा करने में लगा रहा। जिसकी शुरूआत के लिए बीते दो माह से तैयारियां प्रारंभ की गई थी। श्री बड़े हनुमान मंदिर के महंत पुरूषोत्तमदास जी महाराज  के अथक परिश्रम से उन्होंने अपने भक्तों को उचित दिशा निर्देशन दिए और आज नगर में इस आयोजन की शुरूआत हुई। 

शुरूआत में भव्य कलश यात्रा नगर के विभिन्न क्षेत्रों में होती हुई मंदिर स्थल पर पहुंची। जहां विधि-विधान से कलश पूजन कराकर श्रीराम कथा पूजन हुआ तत्पश्चात दोप.2 बजे से साध्वी प्रज्ञा भारती द्वारा श्रीरामकथा का वाचन किया गया। कथा के प्रथम दिन भक्ति के बारे में साध्वी प्रज्ञा भारती ने बताया कि ईश्वरी को सच्चे मन से याद कर लिया जाए तो वह हृदय में वास करते है इसलिए ध्यान रखें कि कभी भी मन में कपट न रखे और सच्चे ईमान भाव के साथ प्रभु ध्यान करें निश्चित रूप से राम का आचरण आपके जीवन में प्रकाश करता जाएगा। 

साध्वी प्रज्ञा भारती ने अन्य कथाओं के बारे में भी संक्षिप्त जानकारी देकर उनका भाव उपस्थित धर्मप्रेमीजनों को सुनाया। इस अवसर पर महंत श्री पुरूषोत्तदास जी ने बताया कि अखिल कोटि ब्राह्ण्ड नायक परात्मक पारब्रह श्री श्री 1008 सीताराम जी की महती कृपा से श्री श्री अनन्त विभूषित वैष्णव कुलभूषण परमाध्यक्ष महन्त संत सेवा गौ रक्षक महाराज श्री श्री नृत्य गोपालदास जी महाराज शास्त्री, श्री स्वामी मणिराम दास जी छावनी श्री अयोध्या धाम की कृपा से यह भव्य आयोजन संपन्न होगा। महंत पुरूषोत्तमदास जी ने कहा कि कथा प्रतिदिन दोप.2 बजे से शाम 5 बजे तक अनवरत जारी रहेगी। प्रधान यज्ञ आचार्य पंडित रमेशचन्द्र शास्त्री कुचलौन यज्ञाचार्य द्वारा यज्ञ की पूजा अर्चना कराई गई।
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