स्वास्थ्य विभाग के दबाव में डॉ. शैलेन्द्र गुप्ता की प्रेस कान्फरेंस

शिवपुरी। एक अखबार को बयान देने के बाद डॉ. शैलेन्द्र गुप्ता पर वो जबदस्त प्रेशर आया कि वो अपना बयान का दो-दो बार खंडन करने लग गए। कल उन्होंने एक प्रेस रिलीज जारी किया और आज प्रेस कान्फरेंस तक कर डाली। इस बार उन्होंने जोर देकर कहा कि स्वास्थ्य विभाग, झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई करता है, वसूली नहीं।
शहर ही नहीं बल्कि कई जगह बिना पंजीकृत चिकित्सक आए दिन मरीजों का उपचार करते है जिससे कभी किसी मरीज की उपचार के दौरान मृत्यु हो जाती है तो ऐसे मामलों में जिला स्वास्थ्य विभाग भी गंभीर है जो समय रहते न केवल ऐसे चिकित्सकों को नोटिस देते है बल्कि कार्यवाही भी की जाती है। यह बात कही पीएमपीए के प्रदेश कार्यवाहक अध्यक्ष डॉ.शैलेन्द्र गुप्ता ने। जो स्थानीय पत्रकारों से अनौपचारिक चर्चा में अपना उद्बोधन दे रहे थे।

पत्रकारों से हुई चर्चा के दौरान डॉ.शैलेन्द्र गुप्ता ने कहा कि शहर व ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्सकीय पद्वति के लिए पंजीकृत होना आवश्यक है  और कोई ऐसा चिकित्सक जो बिना पंजीकृत डिग्री के ही उपचार कर रहा है तो वह गलत है ऐसे में इन झोलाछाप चिकित्सकों के विरूद्ध कार्यवाही के लिए तो जिला स्वास्थ्य विभाग भी गंभीर है और समय-समय पर औचक निरीक्षण व कई बार नोटिस के साथ कार्यवाही भी की गई है। 
 
डॉ.गुप्ता ने कहा कि उन सभी वक्तव्यों को भी सिरे से खारिज किया जिसमें गत कुछ दिनों पूर्व एक प्रतिष्ठित समाचार पत्र में 'जब-जब झोलाछाप डॉक्टरों के विरूद्ध कार्यवाही होती है तो स्वास्थ्य विभाग द्वारा वसूलीÓ को लेकर एक समाचार प्रकाशित किया गया था। इस वक्तव्य को सिरे से खारिज करते हुए डॉ.गुप्ता ने कहा कि इस तरह का कोई बयान मेरे द्वारा नहीं दिया गया यह जानकारी पूर्णत: असत्य व गलत है  यह भ्रामक व तथ्यहीन जानकारी है। इस अवसर पर डॉ.गुप्ता ने पत्रकारों से भी आग्रह किया कि वह भी इस तरह की जानकारी स्वास्थ्य विभाग को देकर सहयोग कर सकते है।