सरकारी खर्चे पर चल रहे प्रायवेट स्कूलों के मास्टरों ने मांगा बकाया वेतन

शिवपुरी. शिवपुरी के एवं ग्वालियर के 82 शिक्षकों ने हाईकोर्ट एवं सुप्रीम कोर्ट से पांचवों वेतनमान का केस जीतने के बाद सरकार 10 वर्ष की लम्बी लड़ाई लडऩे के बाद सन् 2000 से मार्च 2009 के एरियर का भुगतान तो ले लिया पर सरकार ने 2000 से 2009 तक ना तो इनकी कोई वेतनवृद्धि दी और ना ही महंगाई भत्ता दिया गया। जबकि सुप्रीम कोर्ट के आदेश में स्पष्ट दिया है कि इन शिक्षको को पांचवें वेतन के समस्त लाभ दिये जावे।


इन 82 शिक्षकों ने याचिका क्रमांक आर.पी.नं.235 व्ही.व्ही. अष्ठाना, आर.पी.न.242 श्याम गिरि, आर.पी. नं.243 सुमत सक्सैना ने हाईकोर्ट जबलपुर याचिका दायर की। उसमें मांग की शासन ने हमें अधूरा भुगतान किया। सन् मार्च 2000 की स्थिति में एक निश्चित वेतन निर्धारित करके बिना वेतनवृद्धि एवं बिना महंगाई भत्ते के पांचवां वेतन का 50 प्रतिशत दिया है। इस प न्यायमूर्ति के.के.लाहौटी साहब ने दिनांक 14.10.11 को पिटिशनरों के साथ इंसाफ करते हुए कहा है कि सुप्रीम कोर्ट फैसला क्रमांक 18.12.2008 वं 5.11.2009 एस.एल.पी. नं.19189/2008 के अनुसार इन्हें समस्त लाभों के साथ आज तक की एरियर की गणना कर 60 दिन के अंदर भुगतान किया जाये। पर शासन ने आज तक भुगतान नहीं किया। मध्यप्रदेश शासन इन शिक्षकों से संबंधित कोर्ट के आदेशों का पालन नहीं कररही है जबकि कोर्ट इन शिक्षकों के साथ हमेशा इंसाफ कर रहा है।

कोर्ट में एक अन्य याचिका आदेश क्रमांक 22.6.2011 डब्ल्यू ए.597/2011 के अनुसार 6565 अनुदान प्राप्त शिक्षकों को पांचवें वेतन का 50 प्रतिशत वेतन दिया जा रहा है। उसमें भी न वेतनवृद्धि दी जा रही है और ना ही महंगाई भत्ता, इस महंगाई में ये लोग अपना शैक्षणिक कार्य ईमानदारी से निभा रहे है। न्यूनतम वेतन में अपना घर चला रहे है। जबकि इस सरकार द्वारा अपने पहले चुनावी घोषणा पत्र में इनकी समस्याओं का समाधान करने के लिये वायदा किया था। इन शिक्षकों ने माननीय मुख्यमंत्री से मांग की है कि इन शिक्षकों की समस्याओं पर संवेदनशीलता पूर्ण विचार किया जाये। यह भी मप्र के नागरिक है और अधिकारियों को निर्देशित करें वो कोर्ट के आदेशों का पालन कर इन्हें बढ़ी हुई दरों से वेतनवृद्धि एवं महंगाई का भुगतान करे ताकि यह राष्ट्र निर्माता कहे जाने वाले शिक्षक अपना जीवन यापन ठीक से गुजार सकें।

इनका कहना है-

बोर्ड परीक्षों चल रही है इसके लिए मैं अभी बैठक में हूँ इस सबंध में बाद में जानकारी दे सकूंगा।
 
बी.एस.देशलहराजिला शिक्षा अधिकारी