अब सिविल सर्जन ने लिया नसबंदी कराने का ठेका!

शिवपुरी-प्रदेश सरकार की योजनाओं के क्रियान्वयन में जिस प्रकार की उदासीनता जिला प्रशासन दिखाता है उसे देखकर कहा जा सकता है कि जिले में हर योजना दम तोड़ती नजर आ रही है लेकिन यदि बात नसबंदी शिविरों की हो तो यह बात गलत होगी क्योंकि नसबंदी कराने के लिए अभी तक तो जिला प्रशासन के मुखिया जिला कलेक्टर जॉन किंग्सली और मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.आर.एस.दण्डौतिया ही कमर कसे हुए थे जब उनकी मेहनत रंग नहीं लाई तो अब सिविल सर्जन डॉ.गोविन्द सिंह भी मैदान में कूद आए है। अपने नए आदेश में सिविल सर्जन ने जिला चिकित्सालय के सभी चिकित्सकों व स्वास्थ्यकर्मियों को सख्त हिदायत देते हुए उन्हें कम से कम एक-एक केस लाने का ठेका लिया है!


क्योंकि गत दिवस सिविलि सर्जन ने ट्रेनिंग सेंटर में सभी चिकित्सकों व स्वास्थ्यकर्मियों की क्लास ले डाली और आदेश पारित कर दिया कि यदि कोई भी चिकित्सक अथवा स्वास्थ्यकर्मी कम से कम एक-एक नसबंदी केस नहीं लाया तो उसकी वेतन वृद्धि रोक दी जाएगी। यह इशारा लक्ष्य पूरा करने के लिए किया गया है। इससे अब नसबंदी केस लाने के लिए चिकित्सालय में हड़कम्प की स्थिति निर्मित हो गई और सभी अपने वेतन को बचाने के लिए प्रयास में जुट गए है।

यहां बताना मुनासिब होगा कि प्रदेश सरकार नसबंदी शिविरों के माध्यम से अधिक से अधिक लोगों की नसबंदी कराने की योजना को अंजाम देने में लगी हुई है। जहां इस योजना के तहत लोगों को कई तरह के प्रलोभन भी प्रदेश सरकार व जिला प्रशासन द्वारा नसबंदी कराने वालों को दिए जा रहे है साथ ही साथ इसका भार स्वास्थ्यकर्मियों व आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं भी डाला गया है ताकि वह भी नसबंदी के अधिक से अधिक केस लाकर इन शिविरों को सफल बनाए। ग्रामों में तो आंगनबाड़ीयों को कम से कम 5 केस लाने के लिए निर्देश दिए गए है। अभी तक तो जिला कलेक्टर और सीएमएचओ नसबंदी केसों को लाने के लिए स्वास्थ्यकर्मियों को अच्छे खासे निर्देश दिए थे कि यदि नसबंदी केस नहीं लाते है तो उनकी वेतनवृद्धियां रोक दी जाएंगी। 

नसबंदी शिविर को सफल बनाने के लिए सिविल सर्जन डॉ.गोविन्द सिंह मैदान में कूद आए है। गत दिवस श्री सिंह ने जिला चिकित्सालय के टे्रनिंग सेंटर में चिकित्सकों, नर्सों व स्वास्थ्यकर्मियों की क्लास लेते हुए उन्हें आदेशित किया कि जिला कलेक्टर के मार्गदर्शन में शिवपुरी नगर का नसबंदी ऑपरेशन लक्ष्य पूरा करने के लिए फरवरी माह में चार शिविर आयोजित किए जाऐंगे। इन सभी चारों शिविरों में प्रत्येक चिकित्सक व स्वास्थ्यकर्मी को कम से कम एक-एक केस लाना अनिवार्य है यदि ऐसा नहीं होता है तो ऐसे चिकित्सकों व स्वास्थ्यकर्मियों की वेतनवृद्धि रोकी जाऐंगगी। इस आदेश के बाद सभी नसबंदी कराने वाले महिला-पुरूष को तलाशने में जुट गए है। क्योंकि कोई भी अधिकारी-कर्मचारी नहीं चाहता कि उनकी वेतन वृद्धियंा रोक दी जाए लेकिन अनावश्यक पड़े इस दबाब को दूर करना भी इनकी जिम्मेदारी है। यदि इस तरह हठधर्मितापूर्ण रवैये के साथ लक्ष्य की पूर्ति की जाए तो शायद चिकित्सक व स्वास्थ्यकर्मी ही चिकित्सालय प्रबंधन के खिलाफ मोर्चा खोल दें। इस तरह की हरकतों को देखकर लगता है कि अब कलेक्टर व सीएमएचओ के बाद सिविलि सर्जन डॉ.सिंह ने नसबंदी कराने का ठेका लिया है!

इन दिनों में लगेंगे शिविर 
कलेक्टर शिवपुरी के मार्गदर्शन में शिवपुरी नगर का नसबंदी ऑपरेशन का लक्ष्य पूरा करने के लिए चार विशाल मेगा नसबंदी शिविरों का आयोजन जिला चिकित्सालय परिसर में किया जाएगा। जिसमें फरवरी माह में लक्ष्य पूर्ति के लिए जिला अस्पताल में आगामी 10 फरवरी, 22 फरवरी, 27 फरवरी एवं 28 फरवरी को यह शिविर लगेंगे। इन शिविरों में नसबंदी केस लाने के लिए पुरूष नसबंदी के लिए हितग्राही को 1100 रूपये की राशि तथा प्रेरक को 200 रूपये दिए जाऐंगे एवं महिला नसबंदी हितग्राही को 600 रूपये तथा प्रेरक को 150 रूपये मिलेंगे। साथ ही साथ नसबंदी ऑपरेशन कराने वाली महिलाओं/पुरूषों को ऑपरेशन पश्चात घर तक पहुंचाने के लिए वाहन सुविधा भी दी जाएगी।