पोहरी-पोहरी में भारत के राष्ट्रीय पर्व गणतंत्र दिवस के प्रति अधिकारी और जनप्रतिनिधि कितने संजीदा है इस बात का पता गणतंत्र दिवस समारोह को देखकर लग जाता है। गणतंत्र दिवस में जहां जनपद अध्यक्ष और अधिकारी मंच पर शान से बैठे थे वहीं छात्र-छात्रा जमीन पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दे रहे थे। समारोह देखने आये बच्चे भी जमीन पर ही बैठे रहे।
शासन की ओर से गणतंत्र दिवस समारोह को मनाने के लिये हजारों रूपयों का बजट अनुविभाग में आता है जिसका खर्चा तो अधिकारी भारीभरकम दिखाते हैं लेकिन वास्तविकता में खर्च की जाने वाली राशि महज कुछ सैंकडा तक ही सीमित रहती है। समारोह स्थल की अव्यवस्थाओं को लेकर पोहरीवासियों अपना विरोध दर्ज कराते हुये कहा कि बच्चों को ऐसी सर्दी में ऊबड-खाबड जमीन पर ही बैठा दिया गया जिससे बच्चों को काफी समस्या का सामना करना पड़ा। सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिये भी कोई मंच की व्यवस्था नहीं की गई थी और जमीन पर ही बच्चों ने प्रस्तुति दी। प्रस्तुति देने के लिये महज एक फर्स ही बिछाया गया था जबकि प्रस्तुति देते समय कई बच्चों को जमीन पर पडे कंकड पत्थर भी चुभते रहे परंतु अधिकारियों और नेताओं को उनकी इस समस्या से कोई मतलब नहीं वह तो पैसा बचा कर अपना लाभ ही देख रहे थे।
कार्यक्रम स्थल भी बदला
पोहरी में हमेशा से कार्यक्रम एसडीएम और तहसील कार्यालय के समीप के खाली पडे स्थान पर ही होते थे परंतु कुछ निहित स्वार्थों के चलते इस बार समारोह स्थल को बदलकर कॉलेज ग्राउण्ड में रखा गया। जहां जमीन भी समतल नहीं थी।
जमीन पर किया बच्चों ने योगा प्रदर्शन
गणतंत्र दिवस समारोह बच्चों के लिये अपने हुनर की प्रस्तुति देने के साथ ही मन की भावनाओं से भी जुडा होता हैॅ परंतु अधिकारी इस बात को नहीं समझ सकते। जिसका उदाहरण भी हमें समारोह स्थल पर देखने को मिला। जब उत्कृष्ट विद्यालय के बच्चों ने योगाभ्यास का प्रदर्शन शुरू किया तो चार बच्चों को बिना किसी फर्श के जमीन पर ही अपनी प्रस्तुति देना पड़ी। क्योंकि वहां पर बिछाया गया फर्स बहुत ही छोटे दायरे में बिछाया गया था। जबकि हम सब जानते हैं कि योगा में सभी तरह की आसन होती हैं और उसमें लेटकर, सिर के बल होकर भी योगासन की जाती है।
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