शिवपुरी में दबंगों की दादागिरी

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सेन्ट्रल डेस्क
दुनिया भले ही हाईटेक हो रही हो, लेकिन शिवपुरी में छुआछूत, बंधुओ मजदूरी, सतीप्रथा और दंबंगों की दादागिरी बदस्तूर जारी है। अभी सतीप्रथा से प्रभावित महिला द्वारा आत्मदाह का मामला ठंडा नहीं हुआ कि आज दंबंगों की दादागिरी से जुड़ा एक मामला सामने आ गया। इसमें सरदारों ने एक गरीब दंपत्ति को केवल इसलिए मारा क्योंकि वे सरकारी योजना का लाभ उठाकर कुटीर हासिल करने में कामयाब हो गए थे, और शिवपुरी के कथित सरदार नहीं चाहते कि कोई गरीब मजदूर इस इस लायक बन जाए कि वह सर उठाकर चल सके। कष्टकारी तो यह है कि पुलिस भी इन्हीं दबंगों के दरवाजे पर मुजरा करती दिखाई देती है। सरदारों से पिटकर आए दंपत्ति ने जब पुलिस को रिपोर्ट दर्ज करानी चाही तो वहां से भी उन्हें चलता कर दिया गया। अब उन्होंने पुलिस अधीक्षक एवं प्रेस को ज्ञापन दिया है।



प्रेस को दिए गए हस्ताक्षरयुक्त ज्ञापन में अपनी पीड़ा सुनाते हुए फरियादी धनकुंवर बाई ने बताया कि वह अपने परिवार के साथ कोटा ग्राम मे निवास करती है जहां गरीब समुदाय की होने के कारण उसे सरकारी कुटीर प्रशासन द्वारा स्वीकृत की गई। जहां इस परिवार ने कुटीर बनवाया भी लेकिन पास में ही रहने वाले एक खेत के मालिक सरदार जगदीश पुत्र अवतार सिंह को हमारी कुटीर देखकर आए दिन लड़ाई झगड़ा करता रहता था। जहां कुछ दिनों पूर्व सरदार जगदीश ने धनकुंवर व उसके पति पप्पू से अकारण ही मारपीट कर दी और पुलिस में नहीं जाने के लिए दबाब बनाया। अपने साथ हुई मारपीट को लेकर जब हिम्मत करके धनकुंवर अपने पति के साथ पुलिस थाना देहात पहुंची तो वहां भी उसकी सुनवाई नहीं हुई। इस बात की खबर जब  सरदार जगदीश को लगी तो उसने इस दंपत्ति को जान से मारने की धमकी दी। धनकुंवर व उसके पति ने पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौंपकर अपनी व्यथा सुनाई और सुरक्षा की मांग की।

देखते हैं पुलिस कप्तान के दरवाजे से इन गरीबों को न्याय मिल पाता है या...?
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