जिसका कोई नहीं सहारा, उसके है चिंताहरण बाबा...

Chintaharan Hanuman
राजू (ग्वाल) यादव
शिवपुरी- कहते है कि ईश्वर के आधीन होकर की गई भक्ति को यदि सच्चे मन और कर्मो के द्वारा की जाए तो उससे जीवन तो सुधर ही जाता है साथ ही मनवांछित फल भी मिलता है। कुछ ऐसा होता है शहर के दो बत्ती चौराहा छत्री रोड स्थित अति प्राचीन श्री चिंताहरण हनुमान जी मंदिर पर जहां आने वाले सभी भक्तों की मनोकामनाऐं पूर्ण होती है। प्रति शनिवार और मंगलवार को विशेष पूजा अर्चन कर धर्मलाभ लेने वाले भक्तगण खुद बाबा के दरबार के चमत्कारों का बखान करते है और ऐसे कई चमत्कार भी हुए है जिससे भक्तगणा भावविभोर होकर अपने सुखमय जीवन को सफलता से व्यतीत कर रहे है।

शहर शांत क्षेत्र में स्थित श्री चिंताहरण हनुमान मंदिर की यह विशेषता है कि शहर के बीचों होकर इस मंदिर के आसपास शांति का अनुभव होता है। मंदिर परिसर में आने वाले भक्तों के लिए यहां के पुजारी गोपालकृष्ण जी सन् 1960 से मंदिर में पूजा अर्चना कर रहे है और उनके बाद उनकी पीढ़ी द्वारा यह कार्य जारी है। मंदिर में आने वाले हर भक्त की मनोकामनाओं के पूर्ण होने का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वह आए दिन कभी सुन्दरकाण्ड तो कभी श्री अखण्ड रामायण पाठ के साथ-साथ रामधुन का भी आयोजन करते है। पुजारी गोपालकृष्ण जी का मानना है कि श्री चिंताहरण हनुमान जी के दरबार में आने वाले हर भक्त की मनोकामनाओं की चिंता करते हुए भगवान उन्हें आशीर्वाद स्वरूप उसकी चिंताओं को दूर कर देते है इसीलिए इन्हें श्री चिंताहरण हनुमान जी कहते है। मंदिर के बारे में पुजारी गोपालकृष्ण के सुपुत्र बण्टी भैया का मानना है कि यदि प्रति शनिवार और मंगलवार को साफ-स्वच्छ मन से  सवामनी भोग लगाना, हनुमान जी के लिए चोला चढ़ाना या आराधना कर उपवास किए जाए, हनुमान चालीसा का पाठ पढऩा व इस दिन ब्रह्मचर्य का पालन करने से हर भक्त की मनोकामना पूर्ण हो सकती है और ऐेसे कई भक्त बाबा के दरबार में आए जिन्होंने स्वेच्छा से बाबा के दरबार में अपना तन-मन-धन से सहयोग कर मंदिर के जीर्णाेद्वार और भूखे-गरीब महिला-पुरूष व बच्चों को भरपेट भोजन कराया है। ऐसा करने से भी ईश्वरी भक्ति साफ नजर आती है। मंदिर के बारे में यह विशेषता है कि श्री चिंताहरण हनुमान जी मंदिर में मत्था टेककर मांगी गई मुराद न केवल पूरी होती है बल्कि उससे मिलने वाले फल भी सुखदायी होते है।

इन भक्तों का बाबा ने बसाया बसेरा 
शहर के इंदिरा नगर में निवासरत अधिकांशत: लोगों का मानना है कि हनुमानजी की कृपा का परिणाम है कि इंदिरा नगर में कई भक्त ऐसे है जिन्होंने पहले अपनी शुरूआत किराए के मकान में रहकर की है और आज वह स्वयं के आलीशान मकान में निवास कर रहे है। इनमें से एक है व्यवसाई व वरिष्ठ समाजसेवी आलोक सिंह चौहान जो सन् 1999 में इंदिरा नगर में किराए के मकान में रहने आए तो वह यहीं होकर बस गए और श्री चिंताहरण हनुमान जी के दरबार में जाकर आज श्री चौहान ने अपना आलीशान भवन बनाया और सपरिवार सुखद पलों के साथ रह रहे है। ऐसे ही है शिवपुरी ड्रायविंग स्कूल के संचालक दिनेश शर्मा जो इस कॉलोनी में किराए के मकान में रहने आए थे इन पर बाबा की ऐसी कृपा हुई कि आज इन्होंने भी अपना निजी मकान बना लिया और व्यवसाय में भी तरक्की हुई। ऐसे कई उदाहरण देते हुए सिद्धेश्वर कॉलोनी निवासी पदम जैन (काका) का कहना है कि श्री चिंताहरण हनुमान जी ने इंदिरा नगर में निवासरत अधिकांश लोगों का निजी मकान बनाकर उन पर अपनी छत्र छाया बनाई है इनमें डॉ.अमरेन्द्र सिंह चौहान जो पेशे से चिकित्सक है, कोलारस बीईओ एस.के.अटारिया, टेलीफोन एक्सचेंज में कार्यरत सुरेन्द्र सिंह बिहारी, शारदा सॉल्वेन्ट में कार्यरत टी.एन.श्रीवास्तव व टैंट व्यवसाई मुकेश श्रीवास्तव सहित अन्य ऐसे लोग यहां निवासरत है जो पहले किराए के मकान में रहते थे लेकिन आज चिंताहरण हनुमान जी की कृपा से इनके स्वयं के आलीशन भवन है और उनमें सपरिवार निवास कर रहे है।

नाम के अनुरूप होते है कार्य 
श्री चिंताहरण हनुमान मंदिर में नाम के अनुरूप कार्य होते है ऐसा मंदिर के पुजारी और भक्तों का मानना है। जो यह कहते नहीं अघाते कि सबकी चिंता की चिंता कर हरण करते श्री चिंताहरण हनुमान जी। इन लाईनों का बखान मंदिर में आने वाला हर भक्त करता है। श्रद्धास्वरूप कई भक्तगण यहां गरीबों को भोजन कराते है तो कोई रामनवमीं के अवसर पर भजन संध्या व सुन्दरकाण्ड। साथ ही मंदिर प्रांगण में आयोजित होने वाले कार्यक्रमों में भी अधिक से अधिक लोग बाबा के दरबार में आकर अपनी मन्नते मांगते है यहां शिवपुरी के ही नहीं बल्कि अन्य प्रदेशों और दूर-दराज से श्रद्धालुगण आते है। शहर में अतिप्राचीन मंदिर में श्री चिंताहरण हनुमान जी को ही प्रमुखता दी गई है।

क्या कहते है बाबा के भक्त- 
यह बात सही है कि चिंताहरण हनुमान दरबार में यदि सच्चे मन से कोई मुराद मांगी जाए तो वह पूर्ण होती है मैं भी जब पहली बार शिवपुरी आया तो मंदिर को देखकर मन में विचार आया और प्रति शनिवार व मंगलवार को जो श्रद्धा बनी उसके अनुरूप चोला चढ़ाया, गरीबों को भोजन व रामनवमीं के अवसर पर भजन संध्या का आयोजन करना ऐेस कार्य करने में श्री हनुमान जी कृपा होती है तो सब कार्य हो जाते है।
आलोक सिंह चौहान
व्यवसाई वरिष्ठ समाजसेवी
इन्दिरा नगर, शिवपुरी
 
 
जब से श्री चिंताहरण हनुमान जी के दरबार में आना शुरू किया है तब से मेरे कारोबार और घर में शुभ ही शुभ हो रहा है बाबा का आशीर्वाद वाकई फलदायी होता है कोई माने ना माने लेकिन मेरी श्रद्धा तो बाबा पर ही है जो मेरी हर मनोकामना को पूर्ण करते है जय श्री चिंताहरण हनुमान जी की जय।
दिनेश शर्मा
संचालक
शिवपुरी मोटर ड्रायविंग

हनुमान जी कृपा सभी भक्तों पर होती है मंदिर पर जहां पुरूष आते है तो वहीं महिलाऐं भी श्रद्धास्वरूप जो भक्ति बनती है वह करती है मैं बीते कई वर्षों से श्री चिंताहरण हनुमान मंदिर जाती हॅंू और अन्य महिलाओं को भी साथ लेकर ग्यारस, अमावस्या व अन्य धार्मिक अवसरों के समय पर मंदिर स्थल पर पहुंचकर भजन संध्या के माध्यम से भजन-कीर्तन गाकर रात्रि जागरण करते है।
 
श्रीमती मुन्नी अग्रवाल एवं श्रीमती लीलादेवी
गृहिणी
इन्दिरा नगर शिवपुरी
 
पहले मैं अपनी व्यक्तिगत समस्याओं से बहुत परेशान था लेकिन जब से श्री चिंताहरण मंदिर पर जाना शुरू किया है तब से मेरी हर मनोकामना पूर्ण होती है मेरी मंशा है कि बाबा के दरबार में जीर्णोद्वार के माध्यम से और बेहतर स्वरूप प्रदान किया जाए इसके लिए मेरे व अन्य धर्मप्रेमीजनों के प्रयास जारी है और कई भक्तगण तो गुप्त रूप से अपनी सेवाऐं देकर बाबा के मंदिर में हर संभव सहयोग करते है।
पदम जैन (काका) एवं राजू तिवारी
निवासी सिद्धेश्वर कॉलोनी शिवपुरी