कोलारस की हार का एक्स-रे करेगें CM शिवराज और संगठन महामंत्री सुहास भगत

शिवपुरी। अभी हाल में हुए कोलारस विधानसभा के उपचुनाव के परिणाम ने भाजपा की जमीन हिला दी। यह हार भाजपा को पच नही रही है। हालाकि मन समझााने के लिए वोट प्रतिशत बढा है,ऐसे बयान मिडिया को भाजपाई दे रहे है। चुनाव परिणाम के बाद इस हार का एक्सरे भोपाल में सीएम और प्रदेश संगठन महामंत्री सुहास भगत कर रहे है ऐसी खबर शिवपुरी उड कर आ रही है। ऐसा कह सकते है कोलारस उपचुनाव में भाजपा के प्रत्याशी देवेन्द्र जैन की हार नही सीधे-सीधे सीएम शिवराज की हार है। इस चुनाव को जीतने के लिए भाजपा के मंत्रीयो की शिविर कोलारस में लग गए थे। सगठन के नेता कोलास में ऐसे बैठे थे जैसा चातुमार्स चल रहा है। कोलारस में एक समय ऐसा लग रहा था कि मानो मप्र की राजनीतिक राजधानी हो। 

बताया जा रहा है कि सीएम शिवराज ने जिले के कुछ नेताओं को अलग से बुलाकर मतदान केंद्रों की जिम्मेदारी सौंपी थी ऐसे नेताओं की संख्या आधा दर्जन है। इन्हें 20 से 25 मतदान केंद्र अलग अलग दिये गए थे इनका पूरा प्रबन्धन भी इन टिकट के तलबगारों को सौंप दिया गया था। 

इनके अलावा पार्टी के जिम्मेदार पदाधिकारियो को भी सीधे मुख्यमंत्री ने  जीत की जिम्मेदारी दी थी अब रिजल्ट की शीट सीएम ओर महामंत्री संगठन के पास है एक दो रोज में इन कमलचियों को राजधानी तलब किया जा रहा है।

बताया जाता है कि कोलारस मण्डल के 127 पोलिंग का जिम्मा पोहरी विधायक प्रह्लाद भारती  राजू बाथम के पास था,बदरवास के106 पोलिंग जिताने की जिम्मेदारी पोहरी के पूर्व विधायक नरेंद्र बिरथरे और रन्नौद के 78 पोलिंग पर कमल खिलाने का जिम्मा किसान मोर्चा के अध्यक्ष रणवीर रावत पर था। 

इन घोषित प्रभारियों के अलावा सीएम ने सुशील रघुवंशी, रामस्वरूप रिझारी, वीरेंद्र रघुवंशी, विपिन खेमरिया, धनपाल यादव, कल्याण यादव, लोकपाल लोधी आदि को भी सीधी जिम्मेदारी दी थी। ये सभी नेता कुल मिलाकर पार्टी के मंसूबो पर खरे नही उतरे है बताया जाता है कि इन्ही नेताओ के जीत के दावों ने पार्टी और सरकार की किरकिरी कराई है क्योंकि पार्टी कोलारस को विनिंग सीट ओर मुंगावली को कमजोर मानकर चल रहीं थी लेकिन यहां हुआ उल्टा। इस किरकरी के किरदारों पर क्या एक्शन लेते है शिवराज ये देखने योग्य होगा।