भ्रष्टाचार का गढ़ बना शिवपुरी, नहीं लग पा रही इन पर लगाम, संभाग में अव्वल

शिवपुरी। भ्रष्टाचार के मामले में शिवपुरी जिला पूरे संभाग में अव्वल है यहां अभी तक कर्मचारी से लेकर अधिकारी तक लोकायुक्त ने ट्रेप किए है उसके बावजूद इन भ्रष्टाचारियों पर अंकुश नहीं लग पा रहा है इसे शासन का फेलुअर कहें या अधिकारियों की शह जिसके चलते कर्मचारी और अधिकारी सरेआम रिश्वत मांगते और लेते हुए शिवपुरी के धरातल को बदनाम करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे है।

इस पूरे मामले में सबसे बड़ी बात यह है कि इन भ्रष्टाचारियों की शिकायत जिला प्रशासन के सामने आती तो है पर महज जांच के नाम पर ले-देकर दबा दी जाती है। इसका नतीजा यह है कि  पब्लिक को अब प्रशासन से इन भ्रष्टाचारियों पर कार्यवाही की आस नहीं रही है और पब्लिक का रूख लोकायुक्त की ओर बढ़ गया है जिसके चलते ग्वालियर और चंबल संभाग अब तक सबसे ज्यादा मामले शिवपुरी के सामने है। 

अपर कलेक्टर चढ़े लोकायुक्त की भेंट 
रिश्वत की आंच जिले के वरिष्ठ अधिकारियों के रूप में तत्कालीन अपर कलेक्टर जेडण्यूण्शेख पर आई जहां उन्होंने अपने ही चैम्बर में खनिज विभाग के एक कर्मचारी द्वारा रिश्वत ली और अपनी ड्रॉज में पैसे रखे तभी लोकायुक्त ने उन्हें रंगे हाथों धर दबोचा। 

नपा सीएमओ को भी पकड़ा रंगे हाथ 
नगर पालिका में पदस्थ तत्कालीन सीएमओ पीण्केण्द्विवेदी को भी लोकायुक्त पुलिस ने गांधी पार्क में मानस भवन से रंगे हाथों रिश्वत लेते हुए पकड़ा और लोकायुक्त ने औचक कार्यवाही कर सीएमओ के विरूद्ध प्रकरण कायम किया था। इसके बाद वह कुछ समय शिवपुरी में पदस्थ रहे बाद में उनका तबादला अन्यत्र जगह हो गया। 

एमडीएम प्रबंधक भी पकड़ी गई रिश्वत काण्ड में 
शासकीय अधिकारियों में तत्कालीन एमडीएम प्रबंधक कीनल त्रिपाठी को भी रिश्वत काण्ड में लोकायुक्त ने उस समय धर दबोचा। जब एक सहायता समूह के भुगतान के मामले में उन्होंने रिश्वत मांगी तभी लोकायुक्त पुलिस ने रंगे हाथों उन्हें पकड़ लिया। 

भुगतान को लेकर सब इंजीनियार भी धरे गए
ऐसा नहीं है कि वरिष्ठ अधिकारी ही लोकायुक्त की कार्यवाही में शामिल हो। इनके अलावा एक सब इंजीनियर राकेश हरिओद जो कि जनपद पंचायत शिवपुरी के अंतर्गत किए जाने वाले भुगतान को लेकर एक महिला सरपंच को लंबे समय से रिश्वत का दबाब बना रहे थे जब सरपंच के करीबी द्वारा रिश्वत की रकम दी गई तो वह रंगे हाथों लोकायुक्त पुलिस के हत्थे चढ़े और रोते हुए स्वयं के फंसने के बाद इसे षडयंत्र बताया। 

फूड इंस्पेक्टर भी पकड़ आया रिश्वतखोरी में 
रिश्वत काण्ड की आंच में जिले का खाद्य अधिकारी हनुमान मित्तल भी रिश्वतखोरी में सामने आए। उन्होने राजेश्वरी रोड़ स्थित सुमन बेकरी संचालक से दुकान में पकड़े गए सैम्पलों की जांच रिपोर्ट में घाल-मेल करने को लेकर मामला सेट किया था जब रिश्वत की रकम अधिक हो गई तो दुकान संचालक ने लोकायुक्त में शिकायत कर दी और कार्यवाही की जद में खाद्य अधिकारी हनुमान मित्तल आए और फंस गए। इस मामले में सबसे बड़ी बात यह है कि लोकायुक्त की कार्यवाही के बाद भी उक्त आरोपी फिर रिश्वत वसूलने बैराढ़ जा पहुंचा। इस मामले की शिकायत मीडिया ने कलेक्टर से की थी लेकिन आज दिनांक तक उस पर कोई कार्यवाही नहीं हुई है। 

अब आईटीआई बाबू ने वेतन बढ़ाने पर मांगी रिश्वत और पकड़ा गया
रिश्वत के इन सभी मामलों के बाद अब आईटीआई में पदस्थ बाबू डीआर मालबीय बीते कुछ दिनों से विभाग में ही काम करने बाले स्बीपर रमेश और उसके तीन साथियों से बेतन बढ़बाने के एवज में डेढ़ लाख रूपए मांगे थे। जिस पर चारों ने मिलकर एक लाख बीस हजार रूपए में मामला डील हुआ। इस रिश्वत की एक किस्त फ रियादी रमेश पहले ही दे चुका था उसके बाद रमेश ने इस मामले की शिकायत लोकायुक्त में की। 

सहा शिक्षक को भी धरा 
शिक्षा के कार्य क्षेत्र से जुड़े हुए बदरवास में पदस्थ एक सहायक शिक्षक राजभान सिंह यादव को रिश्वत लेते हुए पकड़ा। जहां स्व सहायता समूह को काम देने के एवज में सहायक शिक्षक राजभान सिंह ने समूह संचालक से 20 हजार रूपये की रिश्वत मांगी। इस मामले में समूह संचालक ने योजना बद्ध तरीके से सहाण्शिक्षक फंसाने के लिए शिकायत लोकायुक्त में कर दी और लोकायुक्त पुलिस ने 6 सितम्बर गुरूवार को ही सहाण्शिक्षक राजभान को रंगे हाथों रिश्वत लेते हुए पकड़ लिया। 

रिश्वत मामले में ऑडियो वायरल पर एसआई निलंबित 
जिले के पिछोर क्षेत्र में एक महिला एसआई संजीता मिंज को जब रिश्वत की रकम नहीं मिली तो उनका ऑडियो वायरल हो गया और इस ऑडियो वायरल के रूप में उन्हें पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा निलंबित कर दिया गया। इस ऑडियो वायरल में एसआई संजीता मिंज एक लाल रंग के बुलेरो वाहन को छोडऩे के एवज में 60 हजार रूपये की मांग कर रही थी और इसके अलावा मासिक रूपये 8 से 12 हजार रूपये बंधा हुआ चाह रही थी इस मामले की जब ऑडियो वायरल हुई तो यह मामला पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों तक पहुंचा। जहां पुलिस ने तत्काल प्रभाव से पहले महिला एसआई संजीता मिंज को पिछोर थाने से हटाया फिर जांचो परांत एसआई मिंज को निलंबित कर दिया गया। 

इनका कहना है-
भ्रष्टाचार के सर्वाधिक मामले पूरे संभाग में शिवपुरी से आए है पूरे ग्वालियर और चंबल संभाग में इस वर्ष 29 मामले ट्रेप हुए है जिनमें से सबसे अधिक शिवपुरी के 10 मामले है। 
पी.के.चतुर्वेदी, निरीक्षक, लोकायुक्त, ग्वालियर