रोजगार सहायक ने खुद रिश्वत लेना स्वीकारा, सरेआम रिश्वत लौटाई, फिर भी नहीं हुई कार्यवाही

सतेन्द्र उपाध्याय/शिवपुरी। जिले के कोलारस अनुविभाग के पचावली गांव में यशोधरा राजे के निर्देश पर आयोजित जन समस्या निवारण कार्यक्रम में सरेआम स्वच्छ भारत अभियान का पलीता लगाने का मामला प्रकाश में आया है। इस दौरान ग्रामीणों ने सरेआम जिले के सभी अधिकारीयों के सामने पंचायत के सहायक सचिव पर रिश्वत लेने का आरोप लगाया। 

इतना ही नहीं इस आरोप को सहायक सचिव ने सभी अधिकारियों के सामने स्वीकार किया। जिस पर जिले से पहुंचे अधिकारियों ने तत्काल पीडित के रूपए वापस देने की कहा। जिसपर अधिकारियों के सामने ही पंचायत के सहायक सचिव ने रिश्वत वापस लौटा दिए। सरेआम इस रिश्वत काण्ड का खुलासा होने के बाद भी इन महाशय पर कोई भी कार्यवाही नहीं हुई। 

जानकारी के अनुसार बीते 2 दिन पूर्व यशोधरा राजे सिंधिया ने पचावली का दौरा कर अधिकारियों को निर्देशित किया कि गांव में जन समस्या निवारण शिविर का आयोजन करने के निर्देश दिए थे। जिस पर आज जिला पंचायत सीईओ नीतू माथुर, एसडीएम कोलारस आरके पाण्डे और जिला पंचायत में पदस्थ केके शर्मा इस शिविर में पचावली पहुंचे। इस शिविर के दौरान ग्रामीणों ने कई तरह की परेशानीयां प्रशासनिक अधिकारियों के संज्ञान में रखी। 

तभी गांव के ही परमाल सिंह रघुवंशी ने शिकायत करते हुए कहा कि उसे स्वच्छ भारत अभियान के तहत शौचालय निर्माण के लिए मिलने बाली राशि में से महज 6 हजार रूपए ही मिले है। जिस पर केके शर्मा ने रोजगार सहायक बीरेन्द्र दांगी को बुलाकर पूछा कि इसके 6 हजार रूपए कहा है। तो रोजगार सहायक अपनी रिश्वत की बात नहीं बोल सका। जिसपर केके शर्मा ने तत्काल रोजगार सहायक को रूपए वापस करने के निर्देश दिए। रोजगार सहायक ने रूपए देने में ही अपनी भलाई समझी और तत्काल 500-500 के 12 नोट निकालकर फरियादी को दे दिए। 

इसके बाद दूसरा फरियादी गांव का ही पूर्व सरपंच आया और उसने भी रोजगार सहायक पर 3 हजार रूपए लेने का आरोप लगाया तो अधिकारियों ने इस मामले को गंभीरता से न लेते हुए ऐसे ही छोड़ दिया। अब सरेआम भ्रष्टाचार के बाद भी अधिकारियों द्वारा रंगे हाथों रिश्वत काण्ड उजागर होने के बाद भी उक्त सहायक सचिव पर कोई कार्यवाही न होना आखिर किस हद तक सही है। 

इनका कहना है-
प्रथम दृष्टया यह रोजगार सहायक दोषी पाया गया है उक्त मामले को गंभीरता से लेते हुए कार्यवाही की जा रही है।
नीतू माथुर,सीईओ जिला पंचायत