सत्याग्रह: सिंध के लिए सिंधिया समर्पित

शिवपुरी। पिछले 17 दिन से शहर के जलसमस्या को लेकर चल सत्याग्रह की ताकत के कारण शिवपुरी सांसद को पब्लिक के मंच पर आना पडा, आज इस मंच पर सिंधिया ने करीब 35 मिनिट तक बैठकर इस सत्याग्रह को समर्थन दिया।

सिंधिया ने इस लडाई में शिवपुरी के कंधे से कंधा मिलाकर लडने को कहा और भाजपा सरकार को कोसते हुए कहा कि योजना को मैने सन 2008 में स्वीकृत कराई थी इस योजना के डेढ साल बाद टेंडर लगे।

माधव नेशनल पार्क क्षेत्र में कार्य करने के लिए नेशनल वाईल्ड लाईफ वोर्ड की सहमति के बाद उच्चतम न्यायालय ने 27 जुलाई 2011 को अंतिम अनुमति दे दी थी। मगर राज्य सरकार की देरी के कारण नेशनल पार्क के सीएफ और वनविभाग के सीसीएफ ने नपा शिवपुरी को दो वर्ष बाद सन 2013 मे अनुमति प्रदान की ऐसा मप्र सरकार ने क्यो किया।

जून 2013 में काम शुरू होने से पहले ही इस योजना में अड़ंगा आ गया कि नपा के प्रस्ताव में नेशनल पार्क के पेड काटने की अनुमति तो ली। इस तरह यह मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गया और अनुमतिके लिए विचाराधीन है।

कुलमिलाकर मप्र सरकार मेरे क्षेत्र वासियो के साथ द्वेष भावना रख रही है, मेरी सभी प्रोजेक्टो में अडंगा डाल रखा है कॉलेजो के लिए जमीन नही दी जा रही है। मुझे खुशी है कि जनता अब मप्र सरकार की मंशा समझ चुकी है और स्वंय लडकर अपना हक मांग रही है। में भी इस मंच पर जनता के साथ कंधे से कंधा मिलकर लडूंगा।

सासंद सिंधिया ने कहा कि कल कांग्रेस के विधायक और शिवपुरी नपा अध्यक्ष सीएम शिवराज जी से मिलने भोपाल इस योजना को शुरू करने के लिए कहा जाऐगा।

हम पाठकों को बता दे कि इस सासंद सिंधिया के इस मंच पर आने के बाद या पहले कोई भी जिंदाबाद के नारे नही लगे कोई भी कांग्रेसी नेता उनके साथ नही आया सिंधिया अकेले ही आए इस मंच पर उन्हे माला भी नही पहनाई गई शायद जिंदगी का पहला मंच ऐसा उन्होने शेयर किया है जंहा नारे नही और माला क्या एक अदद सा फूल भी नही मिला।