लोक सेवा गारंटी अधिनियम में सेवा न देने पर 5 हजार का अर्थदण्ड

शिवपुरी। जिला कलेक्टर राजीव दुबे ने लोक सेवा गारंटी अधिनियम 2010 के तहत तत्कालीन श्रम पदाधिकारी शिवपुरी एन.के.गोयल को लोक सेवा प्रदान करने में कोताही बरतने के आरोप में पांच हजार रूपए अर्थदण्ड किया गया है। उक्त राशि गोयल के वेतन से बसूली की जाकर संबंधित आवेदक को प्रदाय की जाएगी।

लोक सेवा गारंटी अधिनियम 2010 के तहत आवेदिका कु.अफसार बानो द्वारा श्रम विभाग की अधिसूचित सेवा क्रमांक- 2, 3 (मृत्यु की दशा में) अनुगृह सहायता योजना का लाभ लेने हेतु 28 अप्रैल 2014 को लोक सेवा केन्द्र शिवपुरी में आवेदन जमा किया था। जिसको निश्चित समय सीमा 6 जून 2014 को सेवा प्रदाय किया जाना था।

लेकिन तत्कालीन श्रम पदाधिकारी गोयल द्वारा उक्त आवेदन को सेवा के पोर्टल से 18 जून को स्वीकृत किया गया और आवेदिका को चेक की राशि 28 हजार रूपए सेवा के लिए नियत समय-सीमा से 28 दिन बाद अर्थात 5 जुलाई 2014 को प्रदाय की गई। जिसके लिए तत्कालीन श्रम पदाधिकारी को कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया। लेकिन जवाब संतोषजनक न होने के कारण जिला कलेक्टर एवं द्वितीय अपीलीय अधिकारी द्वारा अधिनियम की धारा 07(1)(ख) के तहत विल ब से सेवा देने पर पांच हजार रूपए की राशि अर्थदण्ड के रूप में आरोपित की गई।