अनावश्यक मुकदमें बाजी को नियंत्रित करने में कारगार पहल 'मीडिएशन'

शिवपुरी। आपसी सुलह व सहमति के माध्यम से न्यायालयीन प्रकरणों के निराकरण हेतु उच्च न्यायालय द्वारा मीडिएशन प्रक्रिया को प्रभावी बनाने के निर्देश दिए गए है। इस प्रक्रिया के माध्यम से जहां न्यायालयों में प्रकरणों की बढ़ती सं या को नियंत्रित किया जा सकेगा। साथ ही त्वरित न्याय प्रदान कर आपसी द्वेष व वैमनस्य को समाप्त किया जा सकेगा।

जिला एवं सत्र न्यायाधीश एएस तोमर ने बताया कि वैकल्पिक समाधान प्रक्रिया को प्रभावी बनाने के प्रयास निरन्तर किए जा रहे है। जिनके माध्यम से पक्षकारों में आपसी सुलह और सहमति के आधार पर प्रकरणों का निराकरण किया जा रहा है। शिवपुरी जिले में मीडिएशन की इस प्रक्रिया के सफल संचालन हेतु तीन न्यायाधीशों, छह एडवोकेट व एक सामाजिक कार्यकर्ता को स िमलित करते हुए टीम गठित की गई है, जो बेहतर काम कर रही है।

मीडिएशन के लिए इन्हें दिया गया प्रशिक्षण
उन्होंने बताया कि मीडिएशन कार्य हेतु अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वितीय रमेश कुमार श्रीवास्तव, अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश तृतीय कमर इकबाल खांन तथा जेएमएफ.सी हिमांशु कौशल, सामाजिक कार्यकर्ता विष्णु अग्रवाल तथा एडवोकेट सुश्री साधना सक्सैना, शैला अग्रवाल, राजीव कृष्ण शर्मा, दिलीप सिंह जादौन, कमल किशोर गुप्ता व संजीव बिलगैइया को 40-40 घण्टों का प्रशिक्षण भी प्रदान किया गया है।

यह है मीडिएशन की प्रक्रिया
मीडिएशन एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके माध्यम से दोनों पक्ष संतुष्ट हो सकते है। मीडिएशन में निर्णय पक्षकारों की सहमति के आधार पर होता है। मीडिएशन की प्रक्रिया को प्रभावी रूप से लागू करने के लिए उच्च न्यायालय से लेकर तहसील न्यायालयों तक मीडिएशन मॉनीटरिंग कमेटी एवं मोनीटरिंग सब कमेटी, मध्यस्थता आयोजन समिति, मध्यस्थ चयन समिति आदि समितियों का गठन किया गया है। उक्त मीडिएशन समितियों की प्रतिमाह बैठक उच्च न्यायालय स्तर से तहसील न्यायालय स्तर तक आयोजित की जा रही है।