अमोला के सपूत का अंतिम संस्कार

शिवपुरी। जैसे ही अमोला गांव मेें अमोला के सपूत की पार्थिव देह तिरंगें से लिपटी उतरी तो मानव हद्वय ही नही वहां के पशु पक्षी भी करूण रूदंन करने लगे। तिरंगे में लिपटे सैनिक के अंतिम दर्शन के लिए अमोला गांव ही नही बल्कि उस क्षेत्र के सभी गांव के ग्रामीण अपने सपूत बेटे के लिए आये थे।

नेपाल सीमा के निकट लखीमपुर खीरी में सशस्त्र सीमा बल में पदस्थ जिले के अमोला के छोटे गांव से 21 वर्षीय सैनिक मनीष शर्मा का निधन होने की खबर के बाद से ही जहां गांव में मातम पसर गया था तो वहीं शुक्रवार को बल का 8 सदस्यीय दल जैसे ही मनीष की पार्थिव देह लेकर गांव पहुंचा तो हर शख्स की आंखे छलक आई।

तिरंगे में लिपटे सैनिक के शव को गांव के मुक्तिधाम ले जाया गया,जहां गार्ड ऑफ ऑर्नर के बाद मृतक के छोटे भाई हेमंत ने उसे मुखाग्रि दी। अमोला के सपूत मनीष शर्मा के अंतिम संस्कार के दौरान करैरा तहसीलदार यूसी मेहरा, अमोला थाना प्रभारी सुरेश शर्मा सहित क्षेत्रीय विधायक शकुंतला खटीके के अलावा बडी स या में आसपास के गांव के ग्रामीण मौजूद थे।

अपने पुत्र की अर्थी देख पिता हुए अचेत, मां का भी रो-रोकर बुरा हाल

अपने जवान बेटे की मौत की खबर से यूं तो पूरा परिवार ही स्तब्ध है लेकिन जैसे ही अमोला के सपूत मनीष शर्मा की अर्थी पिता अवध बिहारी शर्मा ने देखी वे अचेत हो गये व उनकी पत्नी का भी रो-रोकर बुरा हाल है। परिजनो की माने तो मनीष को सेना में भर्ती हुए 3 साल हो चुके थे और उसने तब से आज तक अपनी मासिक वेतन नही निकाली थी, क्योकि उसकी मां चाहती थी अपने लाल की कमाई से श्रीमद् भागवत सप्ताह का भव्य आयोजन किया जाए। लेकिन अपनी मां की ईच्छा पूर्ण करने से पूर्व मनीष दुनिया छोड़ गया।

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