बिना डायवर्सन के प्लॉटों की रजिस्ट्री पर रोक से मचा हड़कंप

शिवपुरी। अवैध कॉलोनी संनिर्माण को हतोत्साहित करने के लिए माननीय उच्च न्यायालय ग्वालियर के आदेश के परिप्रेक्ष्य में शिवपुरी जिले में भी बिना डायवर्सन के प्लॉटों की रजिस्ट्री पर रोक से अवैध कॉलोनाईजरों में हड़कंप मच गया है। शिवपुरी में अवैध कॉलोनी संनिर्माण का काम जोरों पर है और एसडीएम जैन ने कार्रवाई करते हुए दस अवैध कॉलोनाईजरों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज करा दी हैं।

दूसरी ओर सूत्रों के अनुसार एसडीएम कार्यालय ने अघोषित निर्णय में डायवर्सन पर रोक लगा दी है। एसडीएम जैन ने बताया जाता है कि पिछले चार माह में कोई भी डायवर्सन नहीं किया है। बिना डायवर्सन के प्लॉटों की रजिस्ट्री पर रोक से पंजीयन कार्य भी बुरी तरह प्रभावित हुआ है। एक अभिभाषक ने बताया कि इस रोक से पिछले वर्ष की तुलना में पंजीयन में 50 प्रतिशत से अधिक गिरावट आई है।

जनहित याचिका पर हुआ फैसला

विदित हो कि भिण्ड निवासी पूरन सिंह नरवरिया ने माननीय उच्च न्यायालय ग्वालियर खण्डपीठ के समक्ष जनहित याचिका दायर कर बताया था कि  बिना डायवर्सन एवं बिना परमिशन के कृषि भूमि पर प्लॉट बनाकर विक्रय पत्र संपादित किए जा रहे हैं। जिससे शासन के राजस्व को प्रतिमाह लाखों रूपये की क्षति पहुंच रही है। क्योंकि बिना डायवर्सन के प्लॉटों की रजिस्ट्रियां हो रही हैं और अवैध कॉलोनी संनिर्माण तथा अवैध निर्माण को बढ़ावा दिया जा रहा है तथा जिम्मेदार अधिकारी अपने कत्र्तव्यों का निर्वहन नहीं कर रहे हैं। माननीय उच्च न्यायालय ग्वालियर के न्यायमूर्ति एसके गंगेले और न्यायमूर्ति ब्रजकिशोर दुबे ने इसे गंभीरता से लेते हुए निर्णय लिया कि अवैध संनिर्माण एक अपराध है और इसके लिए न्यूनतम सजा 3 वर्ष और अधिकतम 7 वर्ष है। निर्णय में कहा गया है कि इस तरह की गतिविधियों को रोका जाना चाहिए। माननीय उच्च न्यायालय के इस आदेश के परिपे्रक्ष्य में अपर कलेक्टर श्री जैन ने जिला पंजीयक और उपपंजीयकों को शासकीय आदेश जारी कर उनसे माननीय उच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश दिनांक 10.12.2012 का आवश्यक रूप से पालन करना सुनिश्चित करने को कहा है।
अपर कलेक्टर ने अपने आदेश में कहा है कि मप्र के समस्त जिलों में भूमाफियाओं और अवैध कॉलोनाईजर्स द्वारा बिना डायवर्सन एवं बिना शासन की स्वीकृति के कृषि भूमि पर अवैध कॉलोनियों का निर्माण किया जा रहा है। जिससे शासन के राजस्व को क्षति पहुंच रही है और आम जनता को भी अत्याधिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इस आदेश के बाद पंजीयन कार्यालय में अवैध प्लॉटों की रजिस्ट्री पर रोक लगा दी है। वहीं सूत्रों की मानें तो रजिस्ट्रियों सिलसिला अभी तक थमा नहीं है। सुविधा शुल्क लेकर अभी भी नियमों को धता बता रजिस्ट्री करने का कार्य जारी है।