शिवपुरी के दो .... प्रतिनिधि: भाजपा को क्षमायाचना अभियान चलाना चाहिए यहां

विशेष आलेख/ललित मुदगल/ शिवपुरी-भाजपा ने मप्र में हैट्रिक बनाने के लिए महाजनसंपर्क अभियान की शुरूआत की है। सरकार के सुप्रीमो शिवराज सिंह से लेकर पार्टी का आम कार्यकर्ता भी इस अभियान में सरकार की योजनाओं की उपलब्धि का ढिंढोरा पीट रहा है।

बात सही भी है अगर वास्तव में उपलब्धियां है तो चीख-चीखकर बताना भी चाहिए। अगर कोई गलती है तो जनमानस के बीच जाकर क्षमा भी मांगनी चाहिए। भगवान श्रीराम को अपना ब्रांड अम्बेसडर बनाने वाली भाजपा शुरू से ही भारतीय सभ्यता, धर्म, नैतिक मूल्यों और संस्कृति की बात करती है हमारे देश की संस्कृति का एक अंग जैन धर्म में तो क्षमा मांगने(क्षमा दिवस) के लिए पूरा एक दिन निर्धारित कर रखा है।

इस समय खासकर शिवपुरी में तो भाजपा का महाजनसंपर्क अभियान नहीं, महाक्षमा अभियान चलाना चाहिए क्यों पार्टी अपने कार्यकर्ताओं को घर-घर भेजकर कार्यकर्ताओं को शिवपुरी विधायक और नपाध्यक्ष की कार्य प्रणाली को देखकर जन मानस के द्वारा खरी खोटी सुन रहे है। इसमें लिखने और कहने में कोई अतिश्योक्ति नहीं है इसके लिए हमारे पास पर्याप्त उदाहरण है।

शिवपुरी विधायक के एक करीबी रिश्तेदार द्वारा विधिवत एक प्रेसवार्ता आयोजित की गई और इस प्रेसवार्ता में विधायक के रिश्तेदार ने मय दस्तावेजों के साथ स्वयं विधायक व विधायक पुत्र पर पद के दुरूपयोग व भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए गए। विधायक साहब ने एक दाल मिल पद का दुरूपयोग करते हुए करोड़ों का माल लाखों में ले लिया है।

विधायक पुत्र ने उद्योग विभाग से एक गाड़ी अपने आप को बेरोजगार बताते हुए पिछड़ा वर्ग स्वरोजगार योजना में एक स्कॉर्पियो गाड़ी पर 1025252 लाख रूपये का लोन एसबीआई बैंक से स्वीकृत करवाया। यह गाड़ी विधायक पुत्र अपने निजी कार्य में ले रहे है। उन्होंने इस योजना का अनुदान ऋण 256063 लाख रूपये भी प्राप्त कर लिए है और यह गाड़ी आरटीआई कार्यालय में टैक्सी के रूप में दर्ज नहीं है बल्कि एक निजी गाड़ी के रूप में दर्ज है।

सूत्रों के मुताबिक उद्योग विभाग ने इस दाल मिल की बिल्डिंग व मशीनरी की नीलामी प्रक्रिया को अंजाम दिया। कुछ लाखों की लोहे की मशीनों का मूल्यांकन किया गया करोड़ों की बिल्डिंग का नहीं। मशीनों की विज्ञप्ति बड़े बैनरों के अखबारों में प्रकाशित की एवं बिल्डिंग की विज्ञप्ति को ऐसे अखबारों में प्रकाशित करवाई गई जिन्हें ढूंढते रह जाओगे।

अब बात करें नपाध्यक्ष रिशिका अष्ठाना की इन्होंने अपने स्व.ससुर श्री सुशील बहादुर अष्ठाना के नाम पर जनता से वोट मांगें। इन्हें जनमानस ने स्व.अष्ठाना को याद करते हुए यह जीत प्रदान की।

पिछले तीन वर्षों से इनका लचर प्रदर्शन और कार्यप्रणाली चर्चा का विषय है। पिछले तीन वर्षों से इनके मुताबिक हर गर्मियों से पहले मड़ीखेड़ा जलावर्धन योजना शिवपुरी में आ जाती है। सन् 2008 में यह योजना केन्द्र ने लागू की थी। इसकी प्रोजेक्ट राशि 59 करोड़ थी परन्तु इस परियोजना में शुरू से ही मॉनीटरिंग की कमी रही। चलो यह मान लेते है दो साल तक नपाध्यक्ष जगमोहन सिंह सेंगर थे लेकिन पिछले तीन वर्षों से तो नपाध्यक्ष रिशिका अष्ठाना हैं जिसमें पिछले तीन साल से भी इस योजना में कोई खास गति नहीं मिली है। समय की देरी के कारण इस योजना में भी योजना की लागत में भी 25 करोड़ की अनावश्यक बढ़ोत्तरी बढ़ी है।

इस योजना में अब वर्तमान में 25 करोड़ रूपये दोशियान कंपनी ने मिलाए है। इस कारण अब 100 रूपये का आने वाला बिल 400 रूपये में आ गया और चार साल तक नलों के बिल दोशियान कंपनी ही वसूलेगी। इस प्रोजेक्ट में 10 प्रतिशत राशि नगर पालिका शिवपुरी को मिलानी थी लेकिन वह भी आज तक नहीं मिलाई गई। वह भी दोशियान कंपनी से ही मिलवाई गई है। कुल मिलाकर पिछले तीन साल से इस योजना में कोई गति नहीं है। इस योजना में लगातार भ्रष्टाचार की खबरों की गति अवश्य आती है।

इसी प्रकार केन्द्र सरकार सीबर प्रोजेक्ट यह भी सन् 2008 में शिवपुरी के लिए पास हुआ था। दो साल तक इस पर कोई काम नहीं हुआ और यह राशि लैप्स हो गई। फिर जनता की मांग पर इस प्रोजेक्ट का पुन: सर्वे कराया गया। अब इस प्रोजेक्ट की कीमत 80 करोड़ रूपये स्वीकृत हो गई है। यह राशि पिछले छ: माह से स्वीकृत है लेकिन नगर पालिका अभी तक इस ड्रीम प्रोजेक्ट के टेण्डर तक भी नहीं लगवा पाई है। अगर यही हाल रहा तो फिर यह राशि लैप्स हो जाएगी।

ये तो हो गई प्रोजेक्टों की बात नगर पालिका ने शहर में करोड़ों रूपये के काम कराए है ये सभी भ्रष्टाचार के आकण्ठ में डूबे हुए है। हर टेण्डर विवादों की श्रेणी में आता है एक गंभीर आरोप नगर पालिका का कोई भी टेण्डर बड़े समाचार पत्रों में प्रकाशित नहीं किया गया। इन दोनों प्रोजेक्टों की बात करें तो शिवपुरी विधायक केवल अखबारी बयान ही देते है कि सिंध अप्रैल तक आ जाएगी। लेकिन वह आएगी नहीं, ना ही शिवपुरी विधायक, नपाध्यक्ष इन दोनों प्रोजेक्टों के लिए जुनूनी रूप से काम किया है।

किया है तो केवल अखबारी बयानों तक। यही वजह है कि विधायक स्वयं अपनी करनी से ऐसे कार्यों को कर खुद के मान-सम्मान को ठेस पहुंचा रहे है जिसकी आंच कलेक्टर तक भी पहुंची जिसके चलते गत दिवस कुछ समय पहले ही शिवपुरी कलेक्टर ने भी विधायक महोदय से कहा कि कभी तो मेरे पास जनता के काम लेकर आया करो।

अभी हाल में ही भाजपा का महाजनसंपर्क अभियान चल रहा है इसमें भाजपा के कार्यकर्ता घर-घर जाकर भाजपा सरकार की उपलब्धियों को बता रहे है परन्तु जनमानस तत्काल उन्हें इन प्रोजेक्टों के बारे में नगर पालिका के भ्रष्टाचार और विधायक साहब के पुत्रमोह के बारे में पूछ रहा है भाजपाई खुलकर तो यह बता नहीं रहे है लेकिन पत्रकारों को ऐसी खबरें मिल रही है। इससे वह कार्यकर्ता अपने आप को कोस रहा है जिन्होंने इन दोनों को जिताने के लिए जनता से वोटों की भीख मांगी थी।