नपं अध्यक्ष पद के त्रिकोणीय संघर्ष में कांग्रेस प्रत्याशी माहेश्वरी को हल्की बढ़त

शिवपुरी/नरवर- जिले की नगर पंचायत नरवर में इन दिनों भाजपा, कांग्रेस और बसपा तीनों दलों ने अपने-अपने प्रत्याशी मैदान में उतारकर यहां विजयश्री वरण करने के लिए अपने कार्यकर्ताओं को लगा दिया है वहीं यह चुनाव लड़ रहे प्रत्याशी भी घर-घर पहुंचकर दस्तक दे रहे है।

बताया जाता है कि यहां भाजपा व कांग्रेस के बीच ही मुख्य मुकाबला है लेकिन कुशवाह समाज के प्रतिद्वंदी के आने से चुनाव अब और भी रोचक हो गया है यहां बसपा ने गोविन्द सिंह को मैदान में उताकर कुशवाह समाज को एकत्रित करने का शिगूफा अपनाया लेकिन अंदरूनी खबरें तो यह आ रही है कि बसपा के इस टिकिट से लडऩे वाले गोविन्द सिंह यहां अनिच्छुक थे परन्तु बसपा और समाज की डोर में बंधने के लिए वे बेमन से तैयार हुए और अब जीत की उम्मीद लेकर मतदाताओं के बीच पहुंच रहे है। 

वैसे तो नरवर में नपं अध्यक्ष पद के लिए 16 जनवरी को मतदान होना है। यहां मुख्य संघर्ष कांग्रेस प्रत्याशी मनोज माहेश्वरी, भाजपा प्रत्यशी जिनेन्द्र जैन बल्लो और बसपा प्रत्याशी गोविंद सिंह के बीच माना जा रहा है। चुनाव प्रचार के पहले दौर में जहां भाजपा कार्यकर्ताओं की निराशा और अनिच्छा के कारण जहां पार्टी प्रत्याशी जिनेन्द्र जैन को दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। वहीं बसपा प्रत्याशी गोविंद सिंह कुशवाह समाज की फूट के कारण अपनी मजबूत पकड़ नहीं बना पा रहे। 

कांगे्रस प्रत्याशी मनोज माहेश्वरी हालांकि चुनाव के ऐन पूर्व कांग्रेस में शामिल हुए हैं, लेकिन उनकी छवि का लाभ कांगे्रस को मिल रहा है। चुनाव में अभी 7 दिन बांकी हैं और इन दिनों में काफी कुछ समीकरण बदल सकते हैं, लेकिन फिलहाल तो त्रिकोणीय संघर्ष में कांग्रेस प्रत्याशी डॉ. मनोज माहेश्वरी की हल्की बढ़त महसूस की जा रही है। अचानक भाजपा से कांग्रेस में आए मनोज माहेश्वरी पिछले काफी वर्षों से चुनाव के लिए मेहनत करने में जुटे थे। पिछले चुनाव में उनकी पत्नि श्रीमती रूचि माहेश्वरी निर्दलीय उम्मीदवार श्रीमती अनीता गुप्ता से 45० मतों से पराजित हुई थीं। इस बार भी मनोज माहेश्वरी को भाजपा की ओर से टिकिट मिलने की संभावना काफी प्रबल थीं। सूत्र बताते हैं कि क्षेत्रीय सांसद यशोधरा राजे सिंधिया और विधायक रमेश खटीक उनके नाम पर सहमत थे। 

ऐसी स्थिति में पूर्व नपं अध्यक्ष लक्ष्मीनारायण गुप्ता ने भाजपा में सशर्त वापिसी की यह शर्त रखी कि यदि जिनेन्द्र को पार्टी ने टिकिट दिया तो वह उनका प्रचार करेंगे। एक तरह से मनोज माहेश्वरी के टिकिट काटने की भूमिका इस तरह से बनाई गई। यह भांपकर मनोज माहेश्वरी कांगे्रस में शामिल हो गए और भाजपा ने जिनेन्द्र जैन को उम्मीदवार बना दिया। नरवर में कुशवाह मतदाता निर्णायक स्थिति में हैं। 14 हजार मतदाता वाले नपं क्षेत्र में साढ़े तीन से चार हजार कुशवाह मतदाता हैं। इस जाति के उम्मीदवारों को जब कांगे्रस और भाजपा ने टिकिट नहीं दिया तो कुशवाह समाज ने बसपा उम्मीदवार गोविंद सिंह को समर्थन देने की घोषणा की। वैसे कुशवाह मतदाता भाजपा का वोटर माना जाता है और गोविंद सिंह की उम्मीदवारी से भाजपा को नुकसान होने की आशंका है।  इस समाज में बताया जाता है कि फूट भी पड़ चुकी है और एक धड़ा जिसका नेतृत्व रामजीलाल कुशवाह कर रहे हैं। वह कांग्रेस के साथ है। 

जिसका लाभ कांग्रेस को मिलने की संभावना है। नरवर में हजार से डेढ़ हजार मुस्लिम मतदाता हैं और इन्हें कांग्रेस का परंपरागत वोट माना जाता है। जहां तक कार्यकर्ताओं का सवाल है तो भाजपा में मुंह दिखाई अधिक चल रही है। प्रचार की कमान विधायक देवेन्द्र जैन, ओमप्रकाश खटीक आदि ने संभाल रखी है, लेकिन उन्हें समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। भाजपा कार्यकर्ताओं की प्रचार में रूचि काफी कम देखी जा रही है। एण्टीइन्कबंसी फेक्टर का सामना भी भाजपा उम्मीदवार जिनेन्द्र जैन को करना पड़ रहा है। क्योंकि पिछली नपं अध्यक्ष अनीता लक्ष्मीनारायण गुप्ता उनके साथ हैं। 

पांच साल में उनके कार्यकाल से उपजी नाराजी भाजपा के खाते में जाना तय हैं। भाजपा उम्मीदवार के पक्ष में सांसद यशोधरा राजे सिंधिया आएंगी इसकी उम्मीद भी काफी कम है। हालांकि हवा बनाई जा रही है कि शीघ्र ही नरेन्द्र सिंह और यशोधरा राजे का संयुक्त दौरा होगा। यदि ऐसा हुआ तो भाजपा उम्मीदवार की स्थिति कुछ सुधर सकती है। कल पूर्व विधायक वीरेन्द्र रघुवंशी, राकेश जैन आमोल, महेश श्रीवास्तव आदि कांगे्रस नेताओं ने नरवर पहुंचकर कांगे्रस कार्यकर्ताओं में ऊर्जा फंूकने का कार्य किया। इसका परिणाम यह हुआ कि राजपूत समाज और शाक्य समाज ने भी श्री माहेश्वरी को समर्थन देने का ऐलान किया।