भगौरा के निकट गश्ती दल की पकड़ में आई अवैध क्विंटलों खैर की लकड़ी

शिवपुरी-शहर में अवैध लकडिय़ों का बाईकों पर बोरों में भरकर हो रहे अवैध कारोबार को गुरूवार को वन विभाग के गश्ती दल ने पकड़ा। जब इनकी जांच की गई तो बाईक सवारों के बोरों में अवैध खैर की कटी हुई लकडिय़ां पाई गई। बताया जताा है कि खैर की यह लकडिय़ां शहर में कई जगह होटलों पर बिकने के लिए पहुंचती है। इस घटना में वन विभाग की टीम कुद समय पहले भी दो युवको को पकड़ा था जिनके विरूद्ध वन विभाग ने साईकिल जप्त कर पांच रूपये का जुर्माना लगाकर उसे छोड़ दिया था।

पकड़ गए युवक के खिलाफ वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 एवं 2002 की धारा 27, 2, 29, 35, 6, 39 डी, 50, 51 के तहत कार्रवाई कर न्यायालय में पेश कर दिया। 

प्राप्त जानकारी के अनुसार कल रात साढ़े नौ बजे ग्राम भगौरा के पास वन विभाग की टीम गश्ती कर रही थी। तभी एक राजदूत मोटरसाईकिल क्रमांक एमपी 08 9298 पर सवार होकर पप्पू पुत्र भागीरथ राठौर उम्र 45 वर्ष निवासी सईसपुरा दो बोरे खैर की लकडिय़ों से भरकर शिवपुरी की ओर आ रहा था। तभी गश्ती कर रही टीम ने पप्पू को रोका और मोटरसाईकिल पर रखे बोरों को खोलकर देखा तो उसमें खैर की लकडिय़ां भरी मिलीं। जिसका वजन करीब 1 क्ंिवटल था। 

इसके बाद गस्ती टीम ने पप्पू को पकड़ लिया और उसको लेकर खिन्नी नाके पर स्थित नेशनल पार्क के कार्यालय पर ले आए और उससे पूछताछ की तो उसने बताया कि वह यह लकडिय़ां जंगल से लाकर शहर के होटलों में बेचता है। जब रेंजर आनंद सिंह चौहान ने उससे सख्ती से पूछताछ की, लेकिन उसने अभी तक यह नहीं बताया है कि वह यह लकडिय़ां किन-किन होटलों पर बेचता था तभी वहां वनपाल गज्जूराम कोली ने पप्पू को पहचान लिया और रेंजर आनंद सिंह चौहान को बताया कि यह 2 साल पहले भी लकडिय़ों सहित पकड़ा गया था, लेकिन उस समय इसकी साईकिल जप्त कर पांच सौ रूपये के जुर्माने पर इसे छोड़ दिया था। रात्रि के समय गस्त कर रही टीम में रेंजर आनंद सिंह चौहान सहित वनपाल गज्जूराम कोली, वीटगार्ड महेन्द्र कुमार बटेरिया, शिवदयाल भोई सहित महेन्द्र श्रीवास्तव उपस्थित थे।