बड़वानी। मध्यप्रदेश के बड़वानी जिले के सीरवी इंटरनेशनल स्कूल में एक छात्र ने क्लासरूम में सुसाइड कर लिया। सुसाइड की घटना सीसीटीवी में कैद हुई है छात्र दसवीं कक्षा में पढ़ता था। पुलिस को छात्र के रूम से एक लिखा हुआ पत्र भी बरामद हुआ है।
डीएसपी कुंदनसिंह मंडलोई ने बताया छात्र ओम ने हॉस्टल इंचार्ज के नाम आवेदन लिखा था, जो उन्हें नहीं दिया। घटना के बाद छात्र की बुक में आवेदन मिला।हालांकि 5 दिसंबर को लिखा ये पत्र उसने इंचार्ज को दिया नहीं था। उसने पत्र में लिखा था की 'मुझे हॉस्टल में सब बच्चों के साथ पढ़ना अच्छा नहीं लगता है। मुझे हॉस्टल में अकेले बैठकर पढ़ना ठीक लगता है। टीचर जो पढ़ाते, वो मुझे नहीं पढ़ना है। मेरे हिसाब से पढ़ना है। मुझे पेपर में कोई परेशानी आएगी या रिजल्ट बिगड़ेगा तो उसका जिम्मेदार मैं ही रहूंगा।'
मामला बड़वानी के सिर्वी इंटरनेशनल बोर्डिंग स्कूल का है। जहां मंगलवार को 10वीं के छात्र ने फांसी लगा ली। उस दिन सुबह नाश्ता करने के बाद वह क्लास रूम में पहुंचा और मफलर से फांसी का फंदा बनाया और उस पर लटक गया। इसका वीडियो भी सामने आया है। मृतक छात्र का नाम ओम (16) पिता दिनेश सेप्टा था।
हॉस्टल इंचार्ज राजेश मुकाती ने बताया सोमवार शाम को ओम ने बताया था कि उसका सिर दर्द हो रहा है। उसे बड़वानी के अस्पताल ले जाकर दवाई दिलाई थी। मंगलवार को सुबह वह सामान्य था। तनाव को लेकर कोई बात नहीं की। सुबह 8 बजे नाश्ते में उसे पोहे दिए थे। नाश्ता करने के बाद उसने क्लास रूम में जाकर फांसी लगा ली। मुकाती ने बताया वह फुटबाल व वॉलीबॉल खेलता था। शिक्षकों ने बताया वह पढ़ने में अच्छा था। आईआईटी करना उसका लक्ष्य था।
ओम के दोस्त ने बताया कि हॉस्टल में कमरे में 20 छात्र रहते हैं। अर्द्धवार्षिक परीक्षा चल रही है। मंगलवार को स्कूल की छुट्टी थी। उसने बताया हम दोनों अच्छे दोस्त थे। सुबह करीब 8.30 बजे ओम ने कहा मैं फ्रेश होकर आता हूं। इसके कुछ देर बाद किसी बच्चे ने कहा ओम भैया ने क्लास रूम का दरवाजा बंद कर लिया है। उसने फांसी लगा ली।
स्कूल प्रबंधन समिति के अध्यक्ष हरिराम राठौड़ ने बताया 5 दिसंबर को हॉस्टल इंचार्ज को लेटर लिखा था, जो पुलिस के पास है। ओम तीन साल से बोर्डिंग स्कूल में पढ़ रहा था। उसके काका का बेटा इसी स्कूल की 6वीं कक्षा में पढ़ता है। 15 दिन पहले छात्र के काका महेश सेप्टा उससे मिलने आए थे। 10वीं के बाद उसे कोटा पढ़ने के लिए भेजने का कहा था।
ओम के पिता दिनेश सेप्टा खेती करते है। मां की पूर्व में ही मौत हो चुकी है। काका महेश सेप्टा ने बताया कि ओम को बेटे की तरह रखा। उन्होंने बताया 15 दिन पहले पत्नी के साथ बच्चों से मिलने गए थे। उनका बेटा भी इसी स्कूल में पढ़ता है। ओम को 10वीं के बाद पढ़ाई करने कोटा भेजने की बात की थी। इस पर उसने इंदौर पढ़ने जाने का कहा, तो इंदौर भेजने का कहा था। उन्होंने बताया मंगलवार सुबह उसने छोटे भाई को चाकलेट दी थी।
हॉस्टल इंचार्ज के नाम लिखे आवेदन में उसने अकेले पढ़ने की इच्छा जताई थी। स्कूल में अभी अर्द्ध वार्षिक परीक्षा चल रही है, जो 21 दिसंबर तक चलेगी। 12 दिसंबर को छात्र ने विज्ञान का पेपर दिया था। ऐसे में आशंका है कि पढ़ाई के तनाव या पेपर बिगड़ने के कारण छात्र ने आत्मघाती कदम उठाया। ओम तीन साल से बोर्डिंग स्कूल में रहकर पढ़ाई कर रहा था। बोर्डिंग में 145 छात्र-छात्राएं रहते हैं। घटना के बाद अन्य बच्चों के परिजन ने स्कूल पहुंचकर बच्चों से मिले। कुछ परिजन बच्चों को बाजार भी ले गए।
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