शिवपुरी। एक बार फिर शिवपुरी समाचार डॉट कॉम की खबर का बडा असर हुआ है। जहां आज जिले के महत्वपूर्ण विभाग कहे जाने जिला पंचायत जिसमें जिले के आठों जनपदों का संचालन किया जाता हैं जहां से सभी विभाग की योजनाओं का क्रियान्वयन किया जाता है जिसकी बजह से ऐसे नोडल एजेंसी कहीं जाती हैं। ऐसे जिम्मेदार विभाग से आवक-जावक रजिस्ट्रर के लिए एक कर्मचारी विभाग द्वारा अलग से तय किया जाता हैं जिससे विभाग में आने-जाने वाले सभी महत्वपूर्ण पत्रों का लेखा जोखा रखा जा सके जिससे किसी विभाग को कोई असुविधा का सामना न करना पड़े। लेकिन जिला पंचायत के में कार्यरत अधिकारी व कर्मचारी की लापरवाही एवं उपेक्षा पूर्ण रवैये के चलते आवक जावक रजिस्टर गुम हो जाना विभिन्न प्रकार की शंकाओं को जन्म देता हैं।
जिला पंचायत कार्यालय से वर्ष 2016-17 एवं 2018 का जावक रजिस्ट्रर गायब हो गया। जिसकी शिकायत होने पर पूर्व जिला पंचायत सीईओ राजेश जैन द्वारा थाना कोतवाली को एफआईआर दर्ज करने के लिए पत्रक्रमांक 2288 दिनांक 31 मई 2018 लिखा गया। तत्पश्चात शहर कोतवाली में जिला पंचायत के एक भृत्य के माध्यम से दोषी बाबू के खिलाफ भृत्य को एफआईआर दर्ज कराने भेजा लेकिन कोतवाली में पदस्थ पुलिस कर्मचारियों द्वारा एफआईआर दर्ज नहीं की।
पुलिस कर्मचारियों ने तर्क दिया कि आज अपने किसी जिम्मेदार अधिकारी को शिकायत दर्ज कराने के लिए भेजे तत्पश्चात एफआईआर दर्ज की जाएगी। लेकिन इसके बावजूद भी जिला पंचायत के अधिकारियों द्वारा एफआईआर दर्ज कराने की जहमत नहीं उठाई। तदुपरांत पुलिस अधीक्षक शिवपुरी को एक आवेदन के माध्यम से एफआईआर दर्ज कराने की गुहार लगाई। इस मामले को शिवपुरी समाचार डॉट कॉम लगातार प्रकाशित करता रहा। जिसपर पर से आज जिला पंचायत सीईओ ने इस मामले में एफआईआर दर्ज कराने की बात कही है।
आवक जावक बाबू ने नहीं दिया किसी को चार्ज
जिला पंचायत कार्यालय में पदस्थ श्रीमती शशि शर्मा सहायक वर्ग-3 के माध्यम से आवक जावक का कार्य संपादित किया जा रहा था। उनका स्वास्थ्य खराब होने की बजह से वे दिनांक 20 जनवरी 2018 से 5 मार्च 2018 तक अवकाश पर रहीं। इस दौरान उन्होंने आवक जावक का कार्य संपादित करने के लिए किसी भी कर्मचारी को चार्ज नहीं दिया और न ही अधिकारी ने इसकी जरूरत समझी। सवाल यह उठता है कि दो माह के अवकाश के दिनों में क्या आवक जावक का कार्य संपादित नहीं किया गया? यदि किया गया हैं तो कहां पर और कैसे?
बिना आदेश के ओपी सिंह ने संभाला आवक जावक का कार्य
आवक जावक बाबू शशि शर्मा के लम्बे अवकाश पर जाने के उपरांत जिला पंचायत सीईओ द्वारा बिना कोई लिखित आदेश के आवक जावक का कार्य जिला पंचायत में पदस्थ बाबू ओपी सिंह को संभला दिया गया। आपक जावक रजिस्टर कब से गायब हुआ इसका कहीं कोई उल्लेख नहीं मिला। एक शिकायती आवेदन के माध्यम से आवक जावक रजिस्टर की जानकारी अभ्यर्थी द्वारा चाही गई। जिसका आज तक कोई संतोषजनक जवाब विभाग द्वारा नहीं दिया गया और न ही दोषी बाबू के विरूद्ध कोई दण्डात्मक कार्यवाही ही की गई।
कहीं ये षड्यंत्र तो नहीं?
जिला पंचायत कार्यालय से आवक जावक जैसे महत्वपूर्ण रजिस्टर का गायब हो जाना विभिन्न प्रकार की शंकाओं को जन्म देता हैं। जिला पंचायत कार्यालय से ही सभी विभागों के कार्यों का संपादन किया जाता है। जिसके लिए करोड़ों रूपए की धनराशि शासन द्वारा विभाग को उपलब्ध कराई जाती हैं। कार्यालय में दो माह तक आवक जावक रजिस्टर का न होना तथा जिला पंचायत के अंतर्गत आने वाले सभी विभाग के कार्य अनवरत रूप से जारी रहना एक बड़े घालमेल की ओर इंगित करता हैं।
इनका कहना हैं।
जिला पंचायत सीईओ से जब फोन पर चर्चा की तो उनका साफ शब्दों में कहना था कि हमारे यहां से आवक जावक रजिस्टर गायब हुआ हैं। इसके संबंध में दोषी के खिलाफ FIR दर्ज करने के आदेश भी दे दिए गए हैं लेकिन एफआईआर क्यों नहीं इसका मैं पता लगाता हूं और दोषी के खिलाफ कार्यवाही जरूर की जाएगी।
एच.पी वर्मा
जिला पंचायत CEO
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