शिवपुरी। भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के परमवीर योद्धा व आजाद हिंद फौज के महानायक पद्म भूषण कर्नल स्व.गुरूबख़्श सिंह ढिल्लन की 13वीं पुण्य तिथि पर श्रृद्धांजली एवं सर्वधर्म प्रार्थना सभा का कार्यक्रम आज कर्नल स्व. जी.एस.ढिल्लन समाधि स्थल 'आजाद हिन्द पार्क' ग्राम हातौद, झांसी रोड़ जिला शिवपुरी में सम्पन्न हुआ। समाधि पर अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों एवं उनके परिजनों ने पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी और कार्यक्रम में सीआरपीएफ केट्स के आई.जी. मूलचंद पवार, आईटीव्हीपी के सिंगल टे्रनिंग स्कूल के डीआईजी आर.के.शाह, कर्नल स्व. गुरूबख़्श सिंह ढिल्लन की पुत्री श्रीमती अर्मता मेहरोत्रा सहित धर्मगुरूओं, जनप्रतिनिधियों एवं समाज सेवियों द्वारा उनके व्यक्तित्व पर और कृतित्व पर प्रकाश डाला और देशभक्ति की प्रेरणा लेने का आग्रह किया।
कार्यक्रम में अपर कलेक्टर अशोक कुमार चौहान, अनुविभागीय दण्डाधिकारी अतेन्द्र सिंह गुर्जर, पूर्व विधायक प्रहलाद भारती, पूर्व विधायक हरिबल्लभ शुक्ला, कांग्रेस के महामंत्री हरवीर सिंह रघुवंशी, कांग्रेस के जिला कार्यकारी अध्यक्ष राकेश गुप्ता, मछुआ कल्याण बोर्ड के पूर्व उपाध्यक्ष राजू बाथम, जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी गगन वाजपेयी एवं ग्राम हातौद के सरपंच परवीन कौर मेहरोत्रा सहित जनप्रतिनिधिगण, परिजन एवं अधिकारीगण आदि उपस्थित थे।
सीआरपीएफ केट्स के आई.जी. मूलचंद पवार ने महानायक पद्म भूषण कर्नल स्व.गुरूबख़्श सिंह ढिल्लन को समाधि स्थल पर पुष्प अर्पित करते हुए कहा कि आज हमें अमर शहीद सैनानियों के बलिदान के कारण ही आजादी मिली है। हम सभी का दायित्व है कि हम अमर शहीद सैनानियों से प्रेरणा लेकर उनके प्रयासों को आगे बढ़ाए। डीआईजी श्री आर.के.शाह ने अपने उद्बोधन में कहा कि शिवपुरी की धरा धन्य है कि कर्नल गुरूबख़्श सिंह ढिल्लन शिवपुरी मे रहे। उन्होंने कहा कि विभिन्न शिक्षण संस्थाओं के छात्र-छात्राओं द्वारा शहीदों की याद में देशभक्ति कार्यक्रम प्रस्तुत कर सच्ची श्रृद्धांजलि दी है।
कार्यक्रम को कर्नल गुरूबख़्श सिंह ढिल्लन की सुपौत्री अर्मता मेहरोत्रा ने अपने उद्बोधन में भावुक होते हुए कहा कि अंतिम समय में उनके पिता गुरूबख़्श सिंह ढिल्लन की सेवा करने का अवसर प्राप्त हुआ। इसके लिए उनके पति राजेन्द्र मेहरोत्रा ने उनकी हमेशा मदद की। उन्होंने कहा कि वे धन्य है कि वे एक ऐसे कर्नल योद्धा की बेटी है, जिन्होंने अंग्रेजों से देश को आजाद कराने में अपना योगदान दिया। उन्होंने कहा कि 70 वर्ष में पहली बार आईएनए के अधिकारियों को गणतंत्र दिवस की परेड के कार्यक्रम में शामिल होने का अवसर प्राप्त हुआ। उन्होंने कहा कि जब भारत आजाद हो रहा था और अंग्रेज भारत छोडक़र जा रहे थे। उस वक्त अंग्रेज अधिकारी ने कहा था कि सुभाष चंद्र बोस के रहते भारत में सत्ता नहीं कर सकते।
उन्होंने स्वयं की रचित पक्तियां अपने पिता की स्मृति में समर्पित करते हुए कहा कि ''मैने उनकी जिंदगी को बढ़े तरीके से देखा था, कभी हंसते, कभी मुस्कुराते लेकिन कभी उदास नहीं देखा था।'' कार्यक्रम में श्रृद्धांजली एवं सर्वधर्म सभा प्रार्थना सभा में डॉ.रघुवीर सिंह गौर, डॉ.गिरीश महाराज, बाबा तेगा सिंह, इस्लाम हाजी, मुफ्ती मेहबूब सुब्हानी, फादर एंथोनी, एन.आर.मेहता, गुरूबख़्श सिंह ढिल्लन की पौपुत्री कु.कविता ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
हेप्पीडेज स्कूल, रन्गढ़ रेनवो स्कूल, एसडीएम पब्लिक स्कूल, शासकीय माध्यमिक विद्यालय ग्राम हातौद के छात्र-छात्राओं ने राष्ट्रभक्ति से ओतप्रोत सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुतियां दी। कार्यक्रम के अंत में सभी के प्रति आभार कर्नल स्व.ढिल्लन के सुपुत्र सर्वजीत सिंह ढिल्लन ने व्यक्त किया। इस मौके पर पूर्व जेलर बी.पी.मौर्य के नेतृत्व में नगर के मुख्य मार्गों से निकली मशाल यात्रा समाधि स्थल पहुंचने पर कर्नल स्व.गुरूबख़्श सिंह ढिल्लन को 11 तोपो की सलामी दी गई। कार्यक्रम का संचालन गिरीश मिश्रा एवं आदित्य शिवपुरी द्वारा किया गया।
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