शिवपुरी। दान करने की पराकाष्ठा को कायम रखा है शिवपुरी अस्पताल में पदस्थ नर्स रेखा खैर ने। नर्स रेखा की इच्छा थी कि उसकी मौत के बाद मेडिकल कॉलेज में पढने वाले स्टूडेंटो के लिए उसकी देह को दान की जाए। इसके लिए उन्होने विधिवत फार्म भी भरा था। कल रेखा की ग्वालियर में ईलाज के दौरान मौत के बाद रेखा के परिजनो ने उसकी अंतिम इच्छा पूरी की। रेखा की मौत के बाद उसकी देह गजराराजा मेडिकल कॉलेज ग्वालियर को को दान कर दिया।
जानकारी के मुताबिक रेखा खैर (64) पत्नी स्वर्गीय मधुकर राव खैर लंबे समय से शिवपुरी जिला अस्पताल में पदस्थ थीं। बीमार रहने पर उन्होंने अपने साथ काम करने वाले डॉक्टर व अन्य स्टाफ से देहदान की इच्छा जताई। जिला अस्पताल में इलाज के दौरान उन्होंने 4 दिसंबर 2018 को मेडिकल कॉलेज शिवपुरी के अधिकारियों को बुलाया और स्वयं के जिंदा रहते देहदान का फार्म भर दिया।
इसके बाद हालत बिगड़ने पर परिजन इलाज के लिए 6 दिसंबर को ग्वालियर ले गए। विकास तीसगांवकर ने बताया कि बुआ सास रेखा खैर का निधन बुधवार की सुबह 9.30 बजे हो गया। उनकी इच्छा पूरी करने के लिए गजराराजा मेडिकल कॉलेज ग्वालियर को देहदान कर दी है।
रेखा खैर का जन्म ग्वालियर में हुआ और साल 1994 से शिवपुरी में आकर रहने लगीं। जिला अस्पताल शिवपुरी में अधिकतर समय ऑपरेशन थिएटर इंचार्ज के रूप में रहीं। सिविल सर्जन डॉ पीके खरैह ने बताया कि वह हमेशा जीवन में एक ऐसा काम करने की कहती थीं कि लोग उन्हें याद रखें।
इसलिए हमने हमने देहदान की सलाह दी। महाराष्ट्र समाज शिवपुरी के अध्यक्ष विनय राहुरीकर का कहना है कि रेखा खैर ने देहदान कर लोगों को प्रेरणा दी है। उनके इस योगदान से महाराष्ट्र समाज गौरवान्वित महसूस कर रहा है। उनका शरीर मरने के बाद भी छात्रों की पढ़ाई के काम आ सकेगा।
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