शिवपुरी। अतिथि शिक्षकों को नियमित किए जाने की खबर के साथ ही तमाम धांधलियां भी सामने आने लगीं हैं। शिक्षा विभाग के चतुर सुजानों ने मनचाहा रिकॉर्ड तैयार कर लिया है। ताकि जब भी सरकार अतिथि शिक्षकों को नियमित करे, उनका उम्मीदवार भी नियमित शिक्षक बन जाए। बदरवास के सूखा राजपुर प्राथमिक विद्यालय के प्राध्याध्यापक विजय की भी ऐसी ही करतूत सामने आई है। उसने 2500 रुपए मासिक में प्राइवेट टीचर को पढ़ाने के लिए रखा और उसकी जगह पर रजिस्टर में अपनी साली का नाम दर्ज कर लिया। यानी जब भी अतिथि शिक्षक नियमित किए जाएंगे उनकी साली साहिबा नियमित हो जाएंगी जबकि उन्होंने कभी पढ़ाया ही नहीं।
हैड मास्टर ने भाडे की इस शिक्षिका से कहा था कि जब भी कोई जांच दल आए तो खुद को अतिथि शिक्षक बताना और अपना नाम क्रांति बताना परंतु जब 8 जनवरी को निरीक्षण करने के लिए सदस्यों की टीम आई तो भाड़े की महिला शिक्षक फूलबाई ने अपना सही नाम बता दिया। बस फिर क्या था हैडमास्टर ने उसे 2500 रुपए थमाए और भगा दिया।
प्रभारी डीईओ ने भी शिकायतकर्ता को डराया
फूलबाई अपनी नौकरी वापस पाने के लए मंगलवार को जनसुनवाई में आ गई। शिकायत सुनने के बाद डीईओ ने कहा नियम से तो तुम भी इस पद के योग्य नहीं है फिर भी में मामले की जांच कराऊंगा। फूलबाई ने यह भी बताया कि स्कूल में सभी की हाजरी लगाने का वह कहते थे और किसी की भी अनुपस्थिति लगाने का उन्होंने मना किया था। फूला ने स्कूल में फर्जी बच्चों की संख्या रजिस्टर में दर्ज होने की बात भी कही जो स्कूल आते ही नहीं है। इस पूरे मामले में अतिथि शिक्षिका ने प्रभारी डीईओ आर बी सिंडोस्कर बोले जांच तो हम कराएंगे पर तुम्हारी नियुक्ति भी तो वहां सही नहीं थी।
प्रभारी डीईओ कंफ्यूज कर रहे हैं
प्रभारी डीईओ बार बार शिकायतकर्ता की योग्यता पर फोकस कर रहे हैंं। उन्होंने जनसुनवाई में सबके सामने उसकी योग्यता पर बात करके उसे चुप कराने की कोशिश की। फिर मीडिया को बयान में भी बीएड या डीएड की जिक्र किया जबकि मामला योग्यता का है ही नहीं। फूलबाई का निवेदन तो पहली बार ही खारिज हो जाता है। मुद्दा तो यह है जिस पर कार्रवाई होनी चाहिए:
- हैडमास्टर ने अयोग्य महिला को अध्यापन के लिए क्यों रखा।
- हैडमास्टर ने उसकी जगह अपनी साली का नाम क्यों लिखा।
- हैडमास्टर साली क्या स्कूल में पढ़ाने आती है।
- यह सरकारी दस्तावेजों में कूटरचना का मामला है।
- यह पद के दुरुपयोग का मामला है।
- यह भ्रष्टाचार का नाम है जिसमें हैडमास्टर और उसकी साली दोनों आरोपी बनते हैं।
- हैडमास्टर को तत्काल पद से हटाकर सभी दस्तावेज जांच हेतु जब्त किए जाने चाहिए।
- यदि ऐसा नहीं होता तो इस जांच को निष्पक्ष कहना मुश्किल होगा।
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