EASTERN HEIGHTS SCHOOL: क्या​ शिवपुरी RTO ने इस स्कूल को दे रखा है मौत का लाईंसेस | SHIVPURI NEWS

सतेन्द्र उपाध्याय/ शिवपुरी। आज शहर के लिए बडी दुखद खबर शहर के सिटी कोतवाली क्षेत्र के पुजारी होटल के सामने से आई। जहां अपने दादा के साथ स्कूल से पैदल लौट रही एक मासूम को एस्टन हाईट्स स्कूल की बस ने रौंद दिया। इस हादसे में मासूम की मौके पर ही मौत हो गई। इस घटना के बाद बस संचालक ने बस को रोकना भी मुनासिब नहीं समझा और बस का ड्रायवर इस कंडम बस को लेकर भागने लगा। मौके पर मौजूद पब्लिक ने इस हादसे के बाद भाग रही बस को पकडा। 

लेकिन इस दौरान शिवपुरी आरटीओ मधु सिंह की कार्यप्रणाली पर इस हादसे ने साबलियां निशान लगा दिया है। अपने घर से आरटीओ आफिस का संचालक करने बाली आरटीओ मधु सिंह से शिवपुरी की पब्लिक सबाल खडे करना चाहती है कि आखिर क्या कारण है कि इस स्कूल पर आरटीओं मेहरवान है। जिसके चलते इस स्कूल को मौत का लाईंसेस दे रखा है। 

ऐसा नहीं है कि यह इस स्कूल का पहला मामला है। इससे पहले भी इस स्कूल की बसें हादसे का शिकार हो चुकी है। परंतु आरटीओं की खुले सरंक्षण के चलते यह स्कूल इन कंडम बसों से ही बच्चों को ढो रहा है। 

RTO की निष्क्रियता की शहर को उठाना पड सकता है खामियाजा

शहर में सरेआम मौत बनकर दौड रही इन कंडम स्कूल बसों की आरटीओ द्वारा बकायदा परमिट और फिटनिश तो जारी हो जाते है। परंतु शिवपुरी आरटीओं को इतनी भी फुरसत नहीं है कि वह इन बसों की स्थिति देखें कि आखिर यह बसें अपने माफ दंडों पर खरी उतर सके। 

कही भी खडी दिखाई देती है कंडम बसें

शिवपुरी के लगभग एक दर्जन स्कूलों की बसें पूरी तरह से कंडम है। जो कि अन्य प्रांतों से रिजेक्ट होकर शिवपुरी में लाकर रंगरौनक कराकर शहर में दौडाई जा रही है। यह बसें इतनी कंडम है कि यह बसें शहर में कही भी खडी दिखाई दे सकती है। जब इन कंडम बसों की शिकायत अभिभाषक स्कूल प्रबंधन से करते है तो वह भी मशीनरी होने की बात कहकर अनदेखा कर देते है। 

दलालों के सहारे चल रहा है RTO कार्यालय, 2600 से 4000 में मिलता है मौत का लाईसेंस
जब से शिवपुरी आरटीओ कार्यालय का कार्यभार आरटीओ मधु सिंह ने संभाला है तब से इस कार्यालय में चारों और दलालों का बोल बाला है। आरटीओं मधुसिंह कार्यालय में बैठना अपनी शान के खिलाफ समझती है जिसके चलते लोग परेशान होकर दलालों के सहारे अपने काम कराने में भरोसा करते है। इस कार्यालय में यह हालात है कि दलाल सरेआम मौत का लाईसेंस बनबाने का ठेका 2600 रूपए से 4 हजार रूपए तक लेते है। जहां दलाल से मिलने के बाद महज एक फोटो निकालकर मौत का लाईंसेस जारी कर दिया जाता है। जबकि आरटीओं कार्यालय की जिम्मेदारी है कि लाईसेंस जारी होने से पहले यहां गाडी चलाकर दिखाई जानी चाहिए परंतु नियमों को दरकिनार कर यहां बिना टेक्ट ड्राईव के लाईसेंस जारी किए जाते है।